तिमला पूफल- चिन्मय सायर, कविता, सन् 1997.
तीन गढ़वाली गीतिका- विद्यावती डोभालतीलू
रौतेली- डॉú पुरुषोत्तम डोभाल, नाटक, सन् 1990, पृष्ठ 82.
दर्पण- विद्यादत्त शर्मा, कविताएं, शिखर साहित्य, पौड़ी, सन् 2008, पृष्ठ 115.
द्वि आखर- उमा भट्ट, कविता, विनसर पब्लिशिंग कं., देहरादून, सन् 2010, पृष्ठ 80.
द्वी आंसू- सुदामा प्रसाद प्रेमीदिख्य
ां दिन तप्यां घाम- ललित केशवान, कविता संग्रह, जागर, दिल्ली, सन्
1994, पृष्ठ 66.
दिल का उमाळ- चन्द्र सिंह राहीदीवा
“वे जा दैणी- ललित केशवान, कविता संग्रह, शालीमार गार्डन, गाजियाबाद,
सन् 2009, पृष्ठ 126.
दुन्दभी-डिम-डिम- श्रीधर जमलोकी, विशाल कार्यालय, नारायणकोटि, सन्
1964, पृष्ठ 95.
दुन्याँ कि तर्प पीठ- राकेश चन्द्र नौटियाल, कविता, अविचल प्रकाशन,
बिजनौर, सन् 2004, पृष्ठ 80.
दैसत- अबोधबंधु बहुगुणा, कविताएं, गढ़वाली प्रकाशन, नई दिल्ली, सन् 1996, पृष्ठ 51.
धरती का पूफल- गोविन्द चातकधीत-
नरेन्द्र गौनियाल, कविता, धाद प्रकाशन, देहरादून, सन् 2003, पृष्ठ 88.
धुँयाळ- अबोध बंधु बहुगुणा, लोकगीत, गढ़वाली साहित्य परिषद, देहरादून, सन्
1983, पृष्ठ 82.
धै- नेत्रा सिंह असवाल, विनोद उनियाल, पारेश्वर गौड़, लोकेश नवानी
;संपादक मण्डलद्ध, कविताएं, गढ़ भारती, नई दिल्ली, सन् 1980, पृष्ठ 48.
नया गढ़वाळि गीत- अतुल मोहन सकलानीनवांण्
ा- गिरिधारी प्रसाद कंकाल गीत, विनय नगर, नई दिल्ली, सन् 1956, पृष्ठ 32.
नागरजा- कन्हैयालाल डंडरियाल, महाकाव्य, गढ़वाली साहित्य परिषद, कानपुर,
सन् 1993, पृष्ठ 255.
नाचि नरसिंह- जगदीश पोखरियाल, नाटक, श्रीनगर, गढ़वाल, सन् 1973, पृष्ठ 50.
निमाणी- नित्यानंद मैठाणी, उपन्यास, अलकनंदा प्रकाशन, लैन्सडौन, सन्
1989, पृष्ठ 240.
निराली भौंण- डॉú महावीर प्रसाद गैरोला, कविता, अखिल गढ़वाल सभा,
देहरादून, सन् 2006, पृष्ठ 88.
नौ{ नवाण- गजेन्द्र नौटियाल, नाटक, विनसर पब्लिशिंग कं., देहरादून, सन्
2005, पृष्ठ 144.
नौबत- चक्रधर बहुगुणा, कविताएं, स्वयं प्रकाशित, सन् 1953, पृष्ठ 52.
नौबत- हरिदत्त भट्ट ‘शैलेश’ नाटक, विनसर पब्लिशिंग कं., देहरादून, सन्