Uttarakhand > Utttarakhand Language & Literature - उत्तराखण्ड की भाषायें एवं साहित्य

Dr Hari Suman Bisht, famous Novelist-प्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ हरिसुमन बिष्ट

<< < (8/8)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dr hari suman bisht
The man who weaves stories of people who have built cities

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dr hari suman bisht
The man who weaves stories of people who have built cities

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
डॉ. हरिसुमन बिष्ट संक्षिप्त विवरण
साहित्यकार का नाम : डॉ. हरिसुमन बिष्ट
जन्मतिथि: 1 जनवरी, 1958
जन्मस्थान : कुन्हील, जनपद -अल्मोड़ा, उत्तराखंड .
शिक्षा : प्रारंभिक शिक्षा गाँव की प्राथमिक पाठशाला में हुई. मानिला इंटर कालेज,मानिला से हाईस्कूल एवं इंटर, ( उत्तर प्रदेश इलाहाबाद बोर्ड )
कुमायूँ विश्वविद्यालय से स्नातोकोतर तथा आगरा विश्वविद्यालय,आगरा से पीएच.डी. की.
कार्य एवं दायित्व : हिंदी अकादेमी,दिल्ली के सचिव पद पर अपने रहते आयोजनों के द्वारा देश को एक सूत्र में बांधने के उद्देश्य से परिपूर्ण , सांस्कृतिक एवं साहित्यक कार्यक्रमों की पूरे देश में चर्चा रही .बच्चों और युवाओं को हिंदी से जोड़ने के लिए नाट्य मंच का सहारा लेकर विशेष प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की ताकि बच्चों में आत्मविश्वास पैदा हो और स्वरोजगार के लिए स्वयं तैयार हो सकें. मैथिली - भोजपुरी अकादेमी ,दिल्ली के सचिव पद पर रहते हिंदी को भारतीय भाषाओँ से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किये.
हिंदी अकादेमी की त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका “इन्द्रप्रस्थ भारती” का २७ वर्ष तक कुशल संपादन किया है .
आकाशवाणी तथा दिल्ली दूरदर्शन के कार्यक्रमों के निर्माण के लिए विषय विशेषज्ञ के रूप में सेवाएं दी .
साहित्य कला परिषद्, दिल्ली सरकार के नाट्य परामर्श मंडल का नामित सदस्य के रूप में सेवाएं दी .
नामित सदस्य : (1) उत्तराखंड सरकार की हिंदी अकादेमी , देहरादून का सदस्य .
(2) IGNCA में वृत्तचित्र निर्माण के लिए विषय विशेषज्ञ .
(3)कुमायूं विश्वविद्यालय,नैनीताल के अंतर्गत महादेवी वर्मा सृजनपीठ की संचालन समिति का सदस्य .
प्रकाशित रचनाएँ :
हरिसुमन बिष्ट का हिंदी साहित्य जगत में एक कथाकार एवं उपन्यासकार और हिंदी भाषा के प्रचार - प्रसार एवं संवर्द्धन के लिए हिंदी सेवक के रूप में महत्त्वपूर्ण स्थान है .
सामाजिक सरोकारों और संवेदनाओं से भरी अपनी कृतियों से उन्होंने अपना आकाश बनाया है. उनकी रचनाओं का अंग्रेजी सहित कई भारतीय भाषों में अनुवाद हो चुका है. भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों के बीच भी उनके उपन्यास और हिंदी भाषा के प्रचार – प्रसार एवं अवदान के लिए काफी चर्चा में रहे हैं .
उपन्यास :
ममता (1980) ,
आसमान झुक रहा है (1990 ) ,
होना पहाड़ (1999) , आछरी- माछरी (2006 , 2012),
बसेरा (2011) ,
भीतर कई एकांत (2017 ).
बत्तीस राग गाओ मोला ( 2021)
अपने अरण्य की ओर (प्रकाशनाधीन)
The Saga of a mountain Girl-2017 ( आछरी – माछरी का अंग्रेजी अनुवाद ) और आछरी- माछरी का मराठी अनुवाद (2019 ) .
It’s All Solitude within (भीतर कई एकांत का अंग्रेजी अनुवाद).
कहानी संग्रह :
सफ़ेद दाग(1983),
आग और अन्य कहानियां( 1987 ),
मछरंगा( 1995 ),
बिजूका(2003) ,
मेले की माया (नव साक्षरों के लिए नॅशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित ),
उत्तराखंड की लोक कथाएं (नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित 2011 ) और
‘हरिसुमन बिष्ट की चुनी हुई कहानियां’( 2018 ) .
यात्रावृतांत :
अंतर्यात्रा ( 1998 )
बांग्ला में अनुवाद –आमार ए पोथ ( 2014 ). नील के आर पार ( 2019)
नाटक एवं पटकथा :
( 1 ) आछरी –माछरी
( 2 ) दिसम्बर 1971 का एक दिन
(3) लाटा
(4) प्रेक्षागृह
( 5 ) ख़्वाब एक उडाता हुआ परिंदा था
( 6 ) फिल्म ‘राजुला’ की पटकथा और संवाद .
अनुवाद :
कुमायूनी के सुप्रसिद्ध कवि दीवान सिंह स्योंत्री की पुस्तक “दीवानी विनोद” का हिंदी अनुवाद .
सम्पादन :
विक्टोरिया तोकारेवा की कहानियां ‘अपनी जबान में कुछ कहो’ का संपादन किया .
पुरस्कार एवं सम्मान :
* साहित्यिक पत्रिकारिता के लिए वर्ष 1993 का आराधक श्री सम्मान .
*अखिल भारतीय दलित साहित्य अकादेमी द्वारा वर्ष 1995 में डा. आंबेडकर सम्मान .
* अखिल भारतीय बेनीपुरी सम्मान - 1995 हजारीबाग़ , झारखण्ड
* राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान वर्ष - 2000 .
* लोकसाहित्य परिषद् ,दिल्ली वर्ष -2000 में निष्काम मानव सेवा सम्मान .
* राष्ट्रीय बाल प्रहरी सुमित्रानंदन पन्त सम्मान कौसानी , उत्तराखंड द्वारा वर्ष -2008 में सम्मान .
* साहित्याकाश ,उधम सिंह नगर, उत्तराखंड द्वारा वर्ष -2008 में सम्मानित .
* भारतीय लोकसाहित्य परिषद् दिल्ली द्वारा वर्ष -2008 में सम्मानित .
* पर्वतीय लोक कला मंच दिल्ली द्वारा -2009 में सम्मानित .
* असम राष्ट्र भाषा प्रचार समिति द्वारा वर्ष -2009 में सम्मानित .
* सुप्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी मोहन उप्रेती लोक संस्कृति, कला एवं विज्ञानं शोध समिति, अल्मोड़ा,उत्तराखंड द्वारा वर्ष -2011 में सम्मानित .
* “आछरी – माछरी” उपन्यास के लिए मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समित , भोपाल का शैलेश मटियानी स्मृति चित्रा कुमार कथा पुरस्कार -2011.
* “बसेरा” उपन्यास के लिए रत्न भारती सम्मान -2012 करवट कला परिषद् ,भोपाल, मध्य प्रदेश .
* सृजन साहित्य सम्मान -2014 एवं स्वर्गीय पंडित रामनारायण दाधीच स्मृति सम्मान कोटा ,राजस्थान
* ‘बसेरा’ उपन्यास के लिए विजय वर्मा कथा पुरस्कार- 2014 मुंबई .
*अमृतलाल नगर सम्मान -2015 नयी दिल्ली .
* “आछरी- माछरी” उपन्यास के लिए सृजन गाथा डॉट कॉम पुरस्कार – 2016,इजिप्ट.
*आंतोन चेख़ब सम्मान - 2018 मास्को, रूस .
*प्रतिष्ठित संस्था पर्वतीय कला केंद्र ,दिल्ली द्वारा उत्तराखंड की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रयास के लिए अपने स्वर्णजयंती(2018) में सम्मानित.
* “जागिजावा” उत्तरा खंड फिल्म कलाकार संगठन ( रजि.) द्वारा साहित्य सम्मान 2019
* गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर अंतरराष्ट्रीय सम्मान-2019 – एथेंस ( ग्रीस ).
वर्तमान पता : A-347 , Sector -31, Noida, U. P. Pin 201301
e-mail : harisuman_bisht@yaoo.com Mob.No. 9868961017
website : www.harisumanbisht.com See Less

Navigation

[0] Message Index

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version