Author Topic: Dr Renu Pant's Poem & Article - डॉक्टर रेणु पन्त की कविताये एवं लेख  (Read 3395 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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खरी खरी बाते

खरी - खरी बातें कहने का जी करता है,
पास नहीं है, तो मिलने का जी करता है।

परत- दर परत बँधी हुयी है जो गांठे
आंसू बनकर वह जाने का जी करता है।

अधर मौन है, व्यथा असहय है,
कागज पर ढल जाने का जी करता है।

हर महफ़िल में प्रशन बहुत है उठते
सका उत्तर बन जाने का जी करता है।

वर्षो से जो न लिख पाए चिट्ठी में,
उनके नयनों में पढने का जी करता है।

यूँ तो
सिर के ऊपर है आकाश बड़ा सा,
लेकिन उनकी छाया बनने का जी करता है।

नहीं जरुरी सम्बन्धों को नाम मिले,
सदा प्रवाहित रहने का ही जी करता है।

डॉक्टर रेणु पन्त

 

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