नाटक परिभाषा व उद्देश्य
भरत नाट्य शाश्त्र अध्याय १ , पद /गद्य भाग १११ बिटेन १२१ तक
(पंचों वेद भरत नाट्य शास्त्रौ प्रथम गढवाली अनुवाद)
पंचों वेद भरत नाट्य शास्त्र गढवाली अनुवाद भाग - ८७
s = आधा अ
( ईरानी , इराकी , अरबी शब्द वर्जना प्रयत्न )
पैलो आधुनिक गढवाली नाटकौ लिखवार - स्व भवानी दत्त थपलियाल तैं समर्पित
-
गढ़वळि म सर्वाधिक अनुवाद करण वळ अनुवादक आचार्य – भीष्म कुकरेती
-
मीन जु नाटक उरयाई वु लोकुं क्रिया अर चरित्रौ प्रतिरूप /नकल च, जु भावों से भरपूर च , अर जु भिन्न भिन्न स्थितियां बि दिखांद। यु भल मनिखों बुरा अर तटस्थ मनिखों संबंधित च अर सबि लोकुं तै साहस ,आनंद , प्रसन्नता अर मंत्रणा दीण वळ च। १११ , ११२।
इलै नाटक सब्युं कुण इखमा क्रियाओं से, भावों से युक्त व बोधप्रद होलु , अर ये से भाव संचार होला। ११३।
यु (नाटक) निर्भाग्युं तै शान्ति देलु जु दुःखी अर शोकाकुल छन , अर धर्म राह पर लिजंदेर व प्रसिद्धि दिंदेर , लम्बो जीवन, बुद्धि दिँदेर, अन्य सकारात्मक अर शिक्षा दायक होलु। ११४, ११५।
क्वी इन प्रसिद्ध कथ्य (कै पणि बोल ) नी , क्वी इन शिक्षा नी , क्वी इन कला -कौंळ नी , युक्ति , कार्य नी जु नाटक म नि पाए जावो। ११६।
इलै , मीन नाटक इन बणाई जैमा भिन्न भिन्न ज्ञान , भिन्न कला , अर विभिन्न कर्म समाइ जांदन, प्रयोग हूंदन। इलै हे दैत्य ! तुम तै दिबतौं प्रति क्रोध की आवश्यकता नी , नाटक म सप्तद्वीप अर संसार की प्रतिकृति होलु , नकल होलु। ११७, ११८।
वेद या पुराणों /इतहासों से कथा लिए गेन ऊं तैं अलंकृत करे गे जां से वो आनंद दे सौकन। ११९।
नाटक, ये जग म देवों , दैत्यों व मनिखों अद्भुत कार्यों प्रतिरुपीकरण /अनुकरण /नकल, कुण बुले जांद। १२०।
अर जखम जब मानवीय प्रकृति की प्रसन्नता या दुःख भावों , संकेतो या अन्य क्रियाओं (जन शब्द , झुल्ला , गहना आदि ) से दिखाए जावन /प्रतिनिधित्व करे जाव तो वै तै नाटक बुल्दन।१२१।
-
भरत नाट्य शास्त्र अनुवाद , व्याख्या सर्वाधिकार @ भीष्म कुकरेती मुम्बई
भरत नाट्य शास्त्रौ शेष भाग अग्वाड़ी अध्यायों मा
भरत नाट्य शास्त्र का प्रथम गढ़वाली अनुवाद , पहली बार गढ़वाली में भरत नाट्य शास्त्र का वास्तविक अनुवाद , First Time Translation of Bharata Natyashastra in Garhwali , प्रथम बार जसपुर (द्वारीखाल ब्लॉक ) के कुकरेती द्वारा भरत नाट्य शास्त्र का गढ़वाली अनुवाद , डवोली (डबरालः यूं ) के भांजे द्वारा भरत नाट्य शास्त्र का अनुवाद ,