Author Topic: Re: Information about Garhwali plays-विभिन्न गढ़वाली नाटकों का विवरण  (Read 62939 times)

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1



                 श्री  राम अनुज भरत के  खोने की पुलिस रिपोर्ट

                         चबोड़्या स्किट :::   भीष्म कुकरेती

(स्थान दिल्ली पुलिस स्टेसन, समय कभी भी , किसी भी समय , युग आज , भोळ /कल और पर्स्युं /परसों )

मुन्ना भाई -पुलिस इंस्पेक्टर मि तैं रिपोर्ट लिखवाण !

पुलिस इंस्पेक्टर - तो भैर हवलदारम लिखवावो ! मीम किलै ऐयाँ ? मि छुट मुट लोगुं रिपोर्ट नि लिखुद।

मुन्ना भाई -त मि कौनसे छुट मुट आदिम छौं।  मि मुन्ना भाई छौं।

पुलिस इंस्पेक्टर -मुन्ना भाई ?

मुन्ना भाई -हाँ

पुलिस इंस्पेक्टर -पर जख तक अखबारुं रिपोर्ट च मुन्ना भाई यरवदा जेलम बंद च।  पेरोल नि मिलण से दुखि च। बिचारो ! वै तैं कॉंग्रेस सरकारौ जाणो बाद पेरोल पर छुट्टि बि नी मिलणी च।  पैल त वैक कुत्ता तैं छींक बि आदि छे तो पेरोल पर छुट्टि मिल जान्दि छे।

मुन्ना भाई -मि बिहारक छौं।  मुन्ना भाई म्यार निक नेम च।

पुलिस इंस्पेक्टर - अच्छा ! तो आप कै जेल मा छया ?
मुन्ना भाई -मि अर जेल ? अरे जब मि तैं जेल हूंदी छे तो जेल बि पंच तारा होटल मा तब्दील ह्वे जांद छा।

पुलिस इंस्पेक्टर -औ तो इन ब्वालो कि आप चारा घोटाला सम्राट लालू यादव जीक रिस्तेदार छंवां।

मुन्ना भाई -इंस्पेक्टर तुम हद पार करणा छंवां हाँ ! लालू जी पर आप अभियोग नि लगै सकदां अबि ऊँक केस हाइ कोर्ट मा चलणु च।

पुलिस इंस्पेक्टर - आप मुन्ना भाई छंवां कि लालू जीक रिस्तेदार ?

मुन्ना भाई -मि क्वी बि छौं मि तैं रिपोर्ट लिखवाणो अधिकार च।

पुलिस इंस्पेक्टर -चलो क्यांक रिपोर्ट च ? किडनैपिंग , रॉबरी , चोरी , औरतों से  गहने छीनना, एक्जोरसन ,  अपहरण , बलात्कार , उत्तर पूर्व का लोगुं पर अत्याचार या ?

मुन्ना भाई -नै नै यु कुछ नी च।

पुलिस इंस्पेक्टर -तो ?
मुन्ना भाई -कैक हर्चणो रिपोर्ट च।

पुलिस इंस्पेक्टर -कख हरच ?

मुन्ना भाई -हर्च त पटना बिहार मा च।

पुलिस इंस्पेक्टर -त पटना मा रिपोर्ट लिखवावो !

मुन्ना भाई -नै वा जब तक पटना मा छे तब तक वींक हर्चणो सवाल इ पैदा नि हूंद छौ बस वा दिल्ली ऐ तो हर्चि गे।

पुलिस इंस्पेक्टर -वो त हर्चण वाळ जनानी च ?

मुन्ना भाई -हाँ बुलद त इनि छन।

पुलिस इंस्पेक्टर -मतबल ?
मुन्ना भाई -अब जब हम वींक नाम लींदा तो स्त्रीलिंग का रूप मा प्रयोग करदा।  जन कि मरद कमीज पैर्दो तो भी कमीज स्त्रीलिंग ही हूंद ना कि पुल्लिंग।

पुलिस इंस्पेक्टर -अच्छा वा कख रौंद छे ?

मुन्ना भाई -वा परमानेंट च रौंद कखि नी च।

पुलिस इंस्पेक्टर - परमानेंट च रौंद कखि नी च। क्या मतबल ?

मुन्ना भाई -अब बूड बुड्या अर विद्वान तो याइ  बुल्दन।

पुलिस इंस्पेक्टर -अच्छा कुछ हौर कुछ पछ्याणक ?

मुन्ना भाई -वींक बारा मा सब तैं पता च पर आज तक कैन नि द्याख ?

पुलिस इंस्पेक्टर -हवलदार ! ये तैं पागलखाना ली जावो।
मुन्ना भाई -हाँ पर वींक नाम आत्मा च जि !

पुलिस इंस्पेक्टर -आत्मा हर्ची गे ?

मुन्ना भाई -हाँ !

पुलिस इंस्पेक्टर -हवलदार ! जल्दी आवो ये तैं पागलखाना ली जावो।

मुन्ना भाई -हाँ हाँ भरत की आत्मा हर्ची गे।

पुलिस इंस्पेक्टर -भरत की आत्मा हर्ची गे ?

मुन्ना भाई -हाँ भरत की आत्मा हर्ची गे।

पुलिस इंस्पेक्टर -भरत की आत्मा कु क्या मतबल ? क्या तुमन या आत्मा देखि छे ?
मुन्ना भाई -आत्मा दिखेंदि नी च केवल महसूस करे जांद।

पुलिस इंस्पेक्टर -महसूस करे जांद ? हवलदार ! अरे कख मोर्यां छवाँ ? ये आदिम तैं पागलखाना भ्याजो !

नेपथ्य से एक आवाज - सब केजरीवाल पार्टी का विधायक जीक समर्थकों तैं रेड मारण से रुकणो जयां छन।  एक बि हवलदार पुलिस स्टेसन मा नि छन।  मि छुट्टन चेन स्नैचर ही कोतवाली दिखणु छौं।

मुन्ना भाई -हाँ भै मीन वीं आत्मा तैं महसूस कौर छे।

पुलिस इंस्पेक्टर -कैक आत्मा ?

मुन्ना भाई -श्रीराम अनुज भरत की आत्मा।

पुलिस इंस्पेक्टर -श्रीराम अनुज भरत की आत्मा? पर कख महसूस कौर छे ?

मुन्ना भाई - जतिन राम मांझी की आत्मा ! मीन महसूस कार कि मांझी की ही आत्मा भरत की आत्मा च।

पुलिस इंस्पेक्टर -जतिन राम मांझी ! जतिन राम मांझी ! मीन यु नाम सुण्यु सि च।
मुन्ना भाई -बिहार का मुख्यमंत्री ! मतबल भूतपूर्व मुख्यमंत्री !

पुलिस इंस्पेक्टर -तो तुमर बुलणो अर्थ च कि जतिन राम मांझी की आत्मा हर्ची गे ?

मुन्ना भाई -हाँ बि अर ना बि !

पुलिस इंस्पेक्टर -हाँ बि अर ना बि? छुट्टन ! अरे अपण छुटभयों कुण बोल कि ये तैं पागलखाना ली जावन।

नेपथ्य से एक आवाज -सब कोऑपरेटिव सोसाइट्यूं चुनाव कैम्पियन मा उत्तर प्रदेश जयां छन। कुछ नि ह्वे सकद।

पुलिस इंस्पेक्टर -हाँ बि अर ना बि को क्या अर्थ च महाराज ?

मुन्ना भाई -मतलब जब मीन जतिन राम मांझी तैं राज पाठ सौंपी छौ तो मीन मांझी की आत्मा मा श्री राम अनुज भरत की आत्मा देखि छौ।  अर सोचि छौ कि मि चौदह मैना कु वनवास ले ल्यूलु तो फिर चुनाव मा सिम्पैथी का बल पर जीत जौलु अर फिर से बिहार का मयख्य्मन्त्री बण जौलु।

पुलिस इंस्पेक्टर -आप छन कु ?

मुन्ना भाई -मि नितीश कुमार छौं।

पुलिस इंस्पेक्टर -पर आपन तो अपण नाम मुन्ना भाई बताइ ?
मुन्ना भाई -हां मुन्ना भाई म्यार निक नेम च।

पुलिस इंस्पेक्टर -नितीश जी ! तो आपक बुलण च कि जतिन राम मा श्रीराम अनुज भरत की आत्मा छे ज्वा हर्ची गे ?

मुन्ना भाई -हाँ।

पुलिस इंस्पेक्टर -कै हिसाबन तुम इन बुलना छया।

मुन्ना भाई -मीन सोची छौ कि जतिन राम प्रॉक्सी चीफ मिनिस्टर रालो अर जब जरूरत होली मि मुख्यमंत्री बण जौलु पर जतिन राम मांझी तो असली मुख्यमंत्री ही बण गे छौ।

पुलिस इंस्पेक्टर -एक मिनट हाँ ! अरे छुट्टन ! जरा सहायता कौर हाँ !

छुट्टन (प्रवेश ) - हाँ साब ब्वालो !

पुलिस इंस्पेक्टर -यी नितीश कुमार छन अर युंक च्याला जतिनराम माँझिन यू तैं धोखा दे दे।  अब यि दिल्ली मा भरत की वीं आत्मा खुज्याणो अयाँ छन जो मांझीजी का शरीर मा छे।
मुन्ना भाई -हाँ मांझीजी मा ज्वा श्रीराम भरत की आत्मा छे व हर्ची गे।
 छुट्टन  -तो आप अफु तैं श्री राम समजदां ?

मुन्ना भाई -हाँ मेरी छवि श्री राम जन च।

छुट्टन चेन स्नैचर -मतबल आप श्रीराम छन ना ?
मुन्ना भाई -हाँ एक हिसाब से।
छुट्टन चेन स्नैचर -इंस्पेक्टर साब असल मा श्रीराम अनुज भरत की आत्मा नि हर्ची बल्कण मा श्रीराम की आत्मा ही हर्ची गे।
मुन्ना भाई -क्या मतबल ? मि त पाक साफ़ राजनीतिज्ञ छौं।
छुट्टन चेन स्नैचर -धिक्कार च इन पाक साफ़ राजनीतिज्ञ पर।  आत्मा तो नितीश कुमार की हर्चीं च अर मजाक या च कि नितीश कुमार भरत की आत्मा खुज्याणु च।
मुन्ना भाई -यह मेरी तोहमत है।
छुट्टन चेन स्नैचर -सुणो जी ! श्रीराम का स्वयंभू  अवतार ! जरा तुम अपण आत्मा की परख कारो अर द्याखो कि तुमन कन जयप्रकाश जी तैं धोखा दे ? फिर लालू तैं हठाणो बान त्रियाचरित्र का बल पर अठारा साल भाजपा से ब्यौ रचाई अर फिर सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली का तर्ज पर भाजपा तैं नॉन सेक्युलर बतैक भाजपा से तलाक ले अर जै कॉंग्रेस विरोध का बल पर सत्तासीन हुयाँ वीं कॉंग्रेस का खुट ध्वेक चरणामृत प्यायी।  जै लालू तैं तुमन चोर , डाकू , हत्त्यारा , भ्रष्ट बथैक बिहार का मुख्यमंत्री पद हथियाई अब वै इ लालू प्रसाद यादव का घौर पर सींदा।  आत्मा तो तुम्हारी हर्चीं च ना कि जतिन राम मांझी की ! आप अपन आत्मविश्लेषण कारो तो शायद श्री राम अर भरत की आत्मा कु अर्थ समझ मा ऐ जाल।
मुन्ना भाई -चेन स्नैचर अर मि तैं आत्मज्ञान कु ज्ञान दीणु च ?
छुट्टन चेन स्नैचर -अरे नितीश कुमार जी ! मि त जौंमा छ वी चोरी करदु।  तुम तो जौंमा नी च ऊंक आशा खत्म करदां , अभिलाषाऊँ तैं पैदा हुंदी खड़्यार दींदा , अरमानुं तैं जळै दींदा , सब्युंक लालसा , ऐश सफाचट कर दींदा।  आत्मा की खोज की आवश्यकता तो आप तैं  च ना कि जतिन राम मांझी तैं !

पुलिस इंस्पेक्टर -छुट्टन चेन स्नेचर सही बुलणु च।  आवा अपण आत्मा हर्चणो रिपोर्ट लिखवावो !



2/3/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of  Ridicule in Garhwali Language  Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of  Mockery in Garhwali Language  Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of  Send-up in Garhwali Language  Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of  Disdain in Garhwali Language Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal  Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal  Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ;
Garhwali Vyangya Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister , Garhwali Hasya Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ,  Garhwali skits Soul Searching by Nitish Kumar , Bihar Chief Minister ; Garhwali short skits, Garhwali Comedy Skits, Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits   
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!




Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                                सांप की कथा
                                 लिओनिड ऐड्रेयेव
                                (रुसी एकालाप एकाँकी )
                          गढ़वाली अनुवाद ::: भीष्म कुकरेती

[(एक स्त्री ताल माँ हिलणि -डुलणि च। स्त्रीक आँख बुज्याँ छन , वींतैं कुछ बि होश नी च जन बुल्यां व सम्मोहित ह्वेक अपण शरीर हिलाणी ह्वा । वा भौत इ सुंदर च , आकर्षक च )
(कुछ क्षणों बाद वींक आँख खुल्दन , वींक मुख पर अर्ध मुस्कान आंद।  वा अपण एक अंगुळि ऊँठ पर धरदी )]
                                                             स्त्री
             श्श , श्श , श्श।  म्यार नजदीक आवो , भौत नजदीक अर म्यार आंख्युं मा झांको।
तुम जाणदा छंवां कि म्यार एक आकर्षक व्यक्तित्व च । कोमल , संवेदनशील अर चेतनापूर्ण।  मि अपण समय से   अधिक समझदार छौ। म्यार शालीन शरीर मा इन लोच छौ कि मि अपण शरीर तैं आकर्षक रूप से मूड़ी लींद छौ। तुम तैं म्यार नाच दिखण मा आनंद आलु ।  आलु कि ना ? क्या नाच दिखौं ? क्या क्या एक गोल डीलु जन घ्यारा  मा मुडि जौं ? क्या मि अपण द्रुतगामी चाल दिखौं कि हवा बि शरमै जाव। क्या मि अपण आलिंगन से तुमर स्वागत करूँ ?

           श्श , श्श , श्श।  म्यार नजदीक आवो , भौत नजदीक अर म्यार आंख्युं मा झांको।
अरे म्यार आँखों से दूर किलै दिखणा छंवां ? क्या तुमतैं  मेरी तड़फ भरीं , सीधी अर छिददी नजर नि पसंद नी आणि च ? हाँ हाँ म्यार सर जरा भारी च तो मि धीरे धीरे हिलणु छौं। म्यार सर जरा भारी च तो बि  मि हिल्दु छौं तो मेरी नजर सीधी ह्वे वे जांद। नजीक आवो। मि तेरी गर्मी महसूस करण चांदु। हाँ हाँ ठीक च तु अपण  अंगळयुं से म्यार होशियार माथा पर जोरै  मार मार अर किनारा पर हाथ फिरैल त जु गड्ढा च उखपर ज्ञान भर्युं च अर संध्याकाल  का फूलूं ओस भरीं च। जब म्यार हिलण से हवा हलकदि त उख एक जाळ बणि जांद जैमा आकर्षक सपना भर्यां छन, ध्वनिहीन चाल कु सम्मोहन ! लहराती अर्धस्वर की ध्वनिहीनता ! मि मौन छौं अर हिलोरे लीणु छौं। मि अग्नै दिखणु छौं अर हिलोरे मारणु छौं। मि अपण गर्दन मा कौन सा एक अजीब सि भार लेक बैठ्युं होलु ?

मि त्वे से प्रेम करदु । मै तुमसे प्रेम करती हूँ  I Love You I
मि हमेशा  एक आकर्षक व्यक्तित्व वळि छौ, अर मि चांदु छौ कि मि तैं संवेदना , कोमलता अर सच्ची तरह से प्यार करे जावु। नजदीक आ। आ । म्यार दांत दिखणि छे ? म्यार  मोहक , सफेद , छुट छुट दांत ? जाणदि छे ना , जब मि तेरी भूकी पींद छौ याने किस करदो छौ त
तबि मि यूंसे काटदु छौ कट कट। ना ना डा लगाणो ना पर बस कुतरदु छौ कुतरदु। मि तब तक कटणु रौंद छौ जब तक चमकीली रक्त बूंद नि ऐ जांद छौ , जब तक एक किराट  नि आंद छौ जन बुल्या घंटी क गुदगुदीदार आवाज। यु क्षण बड़ो आनंददायक हूंद छौ - हाँ अन्यथा नि ले हाँ।  यदि ऊँतै म्यार काटण पसंद नि छौ जौंक मि भुक्की पींद छौ , जौं तैं मि काटदु छौ तो उ लोग बार बार मीम कटवाणो किलै आंद ? आंद क्या ? अर वो वापस आंद छा। वु एक अनजान सि  शक्ति से बशीभूत ह्वैक वापस आंद छा  जन ज्वार चन्द्रमा कु आकर्षण से खिंचैक आंदन। वु अफु पर काबू नि कर सकद छा।  अर मि भौत बार ऊंकी भुक्कि पींद छौ  अर हर बार रक्तिम ! अर आज ! आज ! मि बस एकि दैं भुक्कि पे सकुद - कथगा बड़ी व्यथा च - केवल एक बार !  केवल एकाकुण बस एक भुक्कि , प्रेमी हृदय, संवेदनशील आत्माओं का वास्ता , प्रेम आकांक्षाओं का अतृप्त प्रेमियों का वास्ता अर प्रेम मिलन का वास्ता एक भुक्कि तो भौत इ कम च।  पर यू मि छौं, एक दुख्यारी जु भुक्कि पींदी पर केवल एक बार , अर म्यार प्रेम का मंगनेर जाणदु च कि म्यार प्रेम - संवेदनशील , वैवाहिक किश का बाद हैंक प्रेम ना। म्यार प्रेम अभूतपूर्व च नैसर्गिक च।  ना भै ना मि त्वे तैं कतै धोका नि द्योलु। ओहो ! रगबगी ना जब मेरी कहानी खतम ह्वे जाली तो अवश्य ही त्वे तैं किस करुल,  तेरी बि भुक्कि प्योलु।

मि त्वे से प्रेम करदु । मै तुमसे प्रेम करती हूँ  I Love You I
 म्यार आंख्युं मा देख। क्या मेरी आँखि भव्य अर अत्यार्षक नि छन ? क्या कबि तीन इथगा दृढ अर सीधी दृष्टि देख च ? या स्थिर दृष्टि बरछी समान त्यार हृदय तैं चीर दींदि। मि समिण दिखणु छौ अर हलकणु छौं ,मेरी दृष्टि आकर्षित करदि , तेरी डौर-भै  , त्यार प्रेम , तेरी थकावट , तेरी समर्पित तृष्णा सब मि अपणी हरी  आंख्युं मा जमा कैरि दींदु I और नजदीक आ।  आ।  मि अबि रानी छौं अर तू मेरी सुंदरता तैं दिखण बगैर  नि रै सकदी पर एक समय बि छौ जब -आह कथगा आश्चर्यजनक समय ! वै समय का विचार ही घोर यातना दे दींदन -अस्पष्ट , यातनादायी अर आश्चर्यजनक समय ! क्वी बि मै से प्रेम नि करदु छौ।  क्वी बि मि तैं नि पुजद   छौ।  म्यार निर्दयतापूर्बक उत्पीड़न ह्वे, कीचड़ माँ कुचेल्यों ग्यों , मेरी हंसी उड़ाए गे- ये मेरी ब्वे ! उ समय आश्चर्यजनक अर पीड़ादायक छौ। भौत सा मादे एक !  भौत सा मादे एक !

मीन ब्वाल कि नजदीक आ , ब्वाल च कि ना ?

उ में से प्रेम किलै नि करदा छा ? क्या मि तब आज जन आकर्षक जीव  नि छौ ? बस तब मीमा कपट , धूर्तता अर दुर्भावना नि छे , मि तब सौम्य , सरल अर सुहृदयी छौ अर तब आश्चर्यचकित करण वळु नाच नाचदु छौ।  पर ऊंन मि तैं यातना  दे , त्रास दे , उन मि तैं आग मा जळै I ऊँ भारी भरकम जंगली जानवरूं , घटिया जानवरूंन मितै पतेड़ , मींड, उंक भारन मि तैं तौळ दबै   . .. बड़ा दातुंन अर बड़ा बड़ा खूनी जबड़ों -जिबाड़न मि तैं चीर अर ये शक्तिहीन दुखदायी  समय मा मीन बळु काट, माटु घूळ - मि निराशा मा बस मोरणि वाळ छौ I
 मि हर रोज दबण से अधमरु ह्वे जांद छौ। हर दिन मि हताश ह्वेक मरण लैक ह्वे जांद छौ। आह ! क्या त्रासदी को समय छौ।  त्वे तैं मी पर दया नि आदि ? उ जंगळ   वै समौ तै याद नि करदु पर मि तैं त याद आंद च।  म्यार नजदीक आ , मि तैं सुविधा दे , आनंद दे , मि - घायल , दुखी , प्यारा जू सुंदरता से नाच बि सकद I
 मि त्वे से प्रेम करदु । मै तुमसे प्रेम करती हूँ  I Love You I           
तू मीतै समजदी छे - है ना ? तू यखुली छे ? मि अपण रक्षा कनकै करदु छौ ? मीम तब यि छुट छुट शानदार सफेद दांत छा जु केवल भुकि पीणो का वास्ता इ छया। तो मि इथगा बड़ा बड़ा  जानवरूं से कनै रक्षा करदु छौ ? उ त अब मि अपण गौळ मा इथगा भारी मुंड बुकणु छौ, मेरी नजर सीधी च अर मेरी नजर अब रौबीली च, पर तब म्यार मुंड भौत हळकु छौ मेरी आँखि गिंजगिंजी।  तब मीम क्वी बिष नि छौ। अब म्यार मुंड इथगा भारी च कि येतैं सीधो नि रख सकद I मि अपण शरीर देखि देखि बड़ी  हों अर म्यार कपाळ मा द्वी गारि छन जु मेरि आँखि छन। शायद चमकदी गारी मूल्यवान छन पर कोमल आंख्युं जगा यूँ  आंख्युं तैं अळगैक लिजाण कठण च किलैकि यी म्यार मस्तिष्क दबाणा रौंदन। म्यार मुण्डकण भौत कठिन च ! मि अग्नै दिखणु रौंद अर हलकणु रौंद। मि त्वै तैं हौरू धुंध मा दिखणु छौ , तू भौत दूर छे। नजदीक आ - आ अर मेरी अंग्वाळ बौटी ले,  आ गले लग जा।  तू भौत तागतवर छे - है ना ? आ अपण तागत दिखा। मि कम्पणु छौं , थरथराणु छौं।
   पता च ना मि दुःख मा बि बिगरैलि छौं। मि प्यार का कारण इ कमजोर छौं। मेरी पुतळी देख; मि यीं तैं सिकड़ुल अर चौड़ करुल , अर एक नैसर्गिक चमक द्योलु -रात मा टिमटिमांदा गैणा, हरेक कीमती पथरों याने रंगीन पथरों जन हीरा , पन्ना की हरित कांति पुखराज को पीली रंगीनियाँ , मणी टर्न की लालिमा वळ विनोद च।  मेरी आंख्युं मा झाँक।  मी राणि छौँ-  मि अफुं तैं ताज पैराणु छौं - जु चमकणु च , जळणु च , आभायित हूणु च - जु तेरी स्वतंत्रता , जीवन छें ल्याल -अर वा च बिष। यु बिष की एक बून्द I 
इन कन ह्वै ?मि नि बोलि सकुद। म्यार त्यार प्रति क्वी बुरु भाव नी च , कै हौर दगड़ बि नी च। भौतुं मादे एक !
मि ज़िंदा रौं अर कष्ट भुगणु रौं। मि चुप रौं। मि दिन काटणु रौं। जब बि छुप सकुद छौ मि लुकि जांद छौ ; मि जल्दी जल्दी से रींगिक भजदु छौ। पर ऊंन निर्दयता से मि तैं दबाइ अर रवै बि नि सकुद छौ।  ऊंन मि तैं दबाइ ! मि सुंदर आंसू बगांद छौ -मि रोई नि सकुद छौ; अर म्यार नाच गतिवान हूंद गे अर अधिक आकर्षक हूंद गे । अन्धकार मा , अकेला मा , मि अपण हृदय मा दुःखका नाच नचदु छौ , वु म्यार नाच का तिरष्कार करदा छा अर मौक़ा मिलण पर मार सकद छा । अचाणचक म्यार मुंड बड़द गे अर भारि हूंद गे - आचर्यजनक च ना ! म्यार मुंड भारी हूंद गे ; छुट अर सुंदर, उनि जन होशियार अर सुंदर ; यु भौति भारी हूंद गे , मीन अपण गौळ धरती तरफ झुकाइ अर अपण कोमल शरीर तैं त्रास दे ।   अब त आदत पड़ि गे; पैल पैल त परेशानी ह्वे अर बड़ो दुखदायी छौ । मि तैं लग मि मरण वाळ छौं। पर मि नि मोर।   बचि ग्यों।
अर तब अचाणचक ....   अब म्यार न्याड़ आ अब  … मेरी आंख्युं मा झाँक।  शश श्श ! श्श!, श्श !
अर अचाणचक म्यार शरीर भारी ह्वे गे - यु कडकडु अर अजीब ह्वे गे -इख तक कि मी बि डौर ग्यों। मि अफु से इ डर गे छौ ! मि इना ऊना मुड़न अर झंकण चाणु छौ पर मे से नि ह्वे I मि खाली अग्वाड़ी इ देख सकुद छौ जन कि आज -मि आंख्युं से असर कर सकुद छौ ; मि जड़वत ह्वे गयों - म्यार आंखुं तैं देखिक हौर जन बि जड़वत पत्थर जन ह्वे जांदन।  म्यार आखुं मा त देख !

मि त्वे से प्रेम करदु। मेरी कथा पर नि हौंस।  यदि तू हंसली तो मि नराज ह्वे जौलु।  तू हँसलि त मीन त्यार नि हूण। मि अपणि  जिकुड़ी हृदय फ़ाड़िक दिखाण चाणु  छौं, म्यार संवेदशील हृदय, मि अपण सर्वस्व दिखाण चाणु छौं , अपर अस्तित्व बि ! त्वै तैं मि अपण दुःखभोग समजाण चाणु छौं। मी एक युगलबंदी करण चाणु छौं , परिपूर्ण युगल   ... पर यु संभव नी च।  किन्तु मेरी सब कोशिस बेकार छन - मि इखुलि छौं।  मीन हमेशा इखुलि य रौण। मेरी पैलि अर आखरी भुक्कि  तरंगित, लहरांदु  दुःख च, रंज च , शोक च  - अर जैसे मि प्रेम करदु उ इखम नी च अर मीन फिर से अपण प्रेम खुजण , अर यदि मि तैं परिचित स्वर सुण्याल त फिर से मीन अपण कथा शुरू से लगाण - म्यार हृदय ये तैं न सहन नि कर सकद, अर बिष मि तैं उत्पीड़ित करद अर म्यार मुंड हौर बि गर्रु ह्वे जांद। क्या मि हताशा मा बि सुंदर नि छौं ? नजदीक आ , नेड़ आ।
मि तेरी भुक्कि लीणो बिलकुल तयार छौं।

एक दैं मि जंगळम नयाणु छौ - मि तैं साफ़ सफै पसंद च - यु एक सभ्य जन्म कु चिन्ह च अर मी बार बार नयेंदुं।  पाणि मा नयाँद अर नाचद दैं मीन अपण प्रतिछाया द्याख अर अपण अप्रतिम सुंदरता पर मि मोहित ह्वे ग्यों। मि सुंदर चीजुं शौक़ीन छौं  ! अचाणचक मीन अपण कपाळ मा हौर जन्मजाति आभूषणो दगड एक नयो चिन्ह द्याख  … एक आशचर्यजन्य चिन्ह  … शायद ये इ चिन्ह से मुंड गर्रु ह्वे , चेतनाशून्य दृष्टि ह्वे अर गिछ पुटुक मीठो सवाद। म्यर कपाळ मा एक चौबट्या, गहरा रंगौ चिन्ह च -बिलकुल इखम -देख। नजीक आ। क्या यु आश्चर्यजनक नी च? वै समय मि नि समज; मि तैं भलु लग , मीन स्वाच यु सुंदर च।  पर वैदिन इ , वै दर्दनाक दिन ही , जैदिन चौबट्या चिन्ह आयि , म्यार पैली भुक्कि अंतिम बण गे , मेरी भुक्कि प्राणघातक ह्वे गे।
मि अबि बि हलाहल तैं चख सकुद। मि त्वैकुण तयार करणु छौं।  मि तैं बेशकीमती रत्न आभूषण पसंद छया पर ये म्यार विष से अधिक बेशकीमती क्या ह्वे सकुद। एक अणु बरोबर बूंद। तीन कबि द्याख च ? कबि ना , कबि  ना। पर तू दिखलि !   पता च एक छुटि सि बून्द बणाणो बान कथगा दुःख भुगण पड़द , कथगा गुस्सा पैदा करण पोड़द , कथगा शक्ति नष्ट करण पोड़द , तब जैक एक अणु बरोबर विष की बूँद बणद   ! मि राणी छौं ! यीं छुटि सि विष की बूंद का दगड़  मि मृत्यु बि रखदु अर म्यार राज्य सीमाहीन च ,इख तक कि दुःख बि सीमाहीन च ,इख तक कि मृत्यु बि सीमाहीन च। मि राणी छौं ! मेरी दृष्टि निष्ठुर च , निर्दयी च निर्मम च ! म्यार नाच अलौकिक च !  मि बिगरैलि छौं ! कईयों मादे , भौतुं मादे !

आ नजीक आ , और नजीक आ , मेरी कथा समाप्त नि ह्वे।
वैदिन वै शापित जंगळ मा मि धीमी गति से चौल , हरो राज्य मा।  मि राणी छौ अर राणी जन  नजाकत से मि दैं तरफ झुक , बैं तरफ झुक । अर वु भागि गेन ! राणी जन मि अपण प्रजाक समिण झुकु - अर वु विचित्र लोग भाजि गेन। वु किलै भागिन ? मेरी आंख्युं मा झांक। क्या त्वै तैं उख डरौण्या चीज दिख्ये -एक भयंकर चमक अर मांश।  क्या त्वे तै डॉ लगणु च ? क्या म्यार ताज की किरण से तयार आँख बुजेणा छन ? क्या तू जड़वत हूणि छे ? क्या तू कखि ख्वै गे ? मि अब अपण आखरी नाच नाचलु -तौळ नि गिर। मि कुंडली मा बैठलु , मि कंचुळ तेजी से चलौलु अर मि अपण कडकड़ो शरीर से त्वे तैं पकड़लु -एक सौम्य पर मजबूत अंग्वाळ। ले मि ऐ ग्यों ! मेरी केवल एकि भुक्कि स्वीकार कौर , वैवाहिक भुक्कि - प्रताड़ित जीवों कुण या  भुक्कि सबसे शोकप्रद भुक्कि च। भौत सि भुक्क्युं मादे एक भुक्कि ! भौत सि भुक्क्युं मादे एक भुक्कि !
झुक !
मि ते से प्रेम करदु !
अब मर !
मर !
****   ****  ****
Copyright@ लिओनिड ऐड्रेयेव प्रकाशक या अन्य ,
अनुवाद नाटक सिखण वाळुं कुण च।



Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
               
                                               फोर्टीन ( FOURTEEN )
                                               लेखक -ऐलिस गरस्टेनबर्ग (1921 )
                                                   अनुवाद - भीष्म कुकरेती

चरित्र -
मिसेज होरास प्रिंगल - (फ़ैसनेबल स्त्री )
इलेनी - मिसेज होरास की पुत्री प्रथम प्रदर्शन कुण तयार
डुनहाम - खानसामा

  ]सीन - न्यूयॉर्क मा एक घोर।  लम्बी टेबल , एकेक कुर्सी अमणि समणि अर छै छै कुर्सी अगल बगल माँ कुल चौदह कुर्सी।   डुनहाम अंतिम फिनिशिंग टच दीणो इना उना फिरणु च ,मिसेज प्रिंगल आदि , वा फ़ैसनेबल स्त्री च , संध्या का वास्ता गाउन मा च। भवनात्मक ,पर काबू करण जाणदि च , काम निकाळम हुस्यार , जीवंत व सुंदर व शालीन। वा  जल्दीबाजी मा प्रवेश करदि।  वींक हतुंम फूलूं बुके अर एक कागजुं खाली बॉक्स लांदि जौंन  वीन फूल ढक्यां छन। ]
                                           
मिसेज होरास प्रिंगल- डुनहाम ! हार्परक सुचना आयि कि वु अपण एक अथा बीमार दगड्या का पास च।  वैन यी फूल भिज्यां छन -हाँ यु वैन ठीक कार। मि तैं पसंद नि करदो कि क्वी जवान लौड़ आखरी समय पर डिनरौ निमंत्रण ठुकरावो।
डुनहाम  (वीं मांगन बुके आदि लींदु )- मिसेज पिंगल ! मि यूँ फूल अर बक्सा ले लींदु।
मिसेज होरास प्रिंगल टेबल  पर ध्यान दींदि )-च्च च्च ! मि तैं यु पसंद नी च कि तु टेबल सुंदर ढंग से तयार कौर अर -फिर देर ह्वे जा - क्वी ना क्वी बस आण इ वाळ होलु। रसोइयाणि क्या हाल छन   ?
डुनहाम - जन रौंदी च गरम मूड मा   !
मिसेज होरास प्रिंगल- भलो भलो ! उन वा  अभिनेत्री तरां  जन च । जब  मूड मा हो त बढ़िया अभिनय। जब तक वा स्वादिस्ट भोजन बणा तब तक मि तैं फर्क नि पड़द कि वा गरम च या अल्डी च। बकै तू वीं तैं दूरि रखि।  अच्छा गुस्टाव कख च ?
डुनहाम -अब क्या बुले जावु , बर्फीला तूफ़ान च अर वु  रस्ता साफ़ करणो जयूँ च।

मिसेज होरास प्रिंगल- ओहो, उन सि हूंद त शामियाना लगै दींदा कैतै पता छौ कि मेन टैम पर तूफ़ान ऐ जाल।
इलैनी - ममी ! यी छन प्लेस कार्ड्स अर डाइग्रैम , लगै द्यूं ?
मिसेज होरास प्रिंगल-हाँ हाँइलैनी  , लगै दे। त्यार डैडी टाइ से परेशान छन तो ऊंक मदद करणो जाणु छौं (वा जाणो तयार हूंदी ) डुनहाम ! एक प्लेट कम कर दे।
डुनहाम -एक प्लेट उठै द्यूं ? हैं ?  आप तेरा प्लेटूं दगड़ बैठिल्या ?
मिसेज होरास प्रिंगल- तेरा ! हाँ तेरा प्लेटूं दगड ठीक नि हूंद। यु सब मिस्टर हारपरो नादानी से हूणु च।  बिमार दोस्त ! हूँ ! वु बि लापरवाह लोगुं मादे च जु निमंत्रणो जबाब कबि बि समय पर नि  दींदन। वैक फुलुं देखिक मीन वै तैं माफ़ कर दे  पर देख ना क्या परेशानी खड़ीं कर दे वैन, तेरा प्लेट ! अब अंतिम समय पर कै तैं भट्यों ?   इलैनी मेरी मदद कर कि कै तैं बुलाण लास्ट मिनट मा ?
(वा टेलीफोन टेबल पर जांदी अर टेलीफोन डायरेक्ट्री का पेज फरकांदी )
इलैनी - जॉर्ज अंकल हमेशा काम आंद।
मिसेज प्रिंगल - पर वु मुख नि खुल्दु।
डुनहाम -मैडम ! मिस्टर मॉर्गन , हमेशा जोक सुणाणा रौंदन।
मिसेज प्रिंगल - हाँ हाँ ! तू हुस्यार छे।  इलैनी ! त्यार बाळ भौत टाइट छन।  जरा खोल दे बाळुं तैं।  (टेलीफोन मा ) - हेलो ! मिस्टर मॉर्गन का रेजिडेंस ! ओ भलो भलो ! मि समिणक बंगलो से  मिसेज प्रिंगल बुलणु छौं।  औ ओहो ! अच्छा जब मिस्टर मॉर्गन आवन तो बोल देन कि म्यार तरफान डिनर पार्टीक न्यूत  दीण छौ । जनि आल तो फोन करणो बोल दियां। जनि आल तो … क्या दस मिनट मा आण वाळ छन ? (मिसेज प्रिंगल इलेनाक बाळ पकड़दि अर फुलाणो कोसिस करदि,  इलेना मुख पर दर्द का भाव पर मिसेज प्रिंगल ध्यान नि दींदि ) यदि मोर्गन नि आल तो क्या करला ?
इलेनी - ममी ! मि तैं टेबलम रौणै जरूरत नी च। उनि बि या तेरी पार्टी च।  सब शादी शुदा छन अर उमर मा मे से बड़ छन
मिसेज प्रिंगल (टेबलक डाइग्रैम इलेना तैं दींदी अर दिखांद ) -मीन त्वै तैं ऑलिव वर्थ  का पास नि बिठाळण क्या ? करोड़पति ! ऑलिव वर्थ करोड़पति च ! 
इलेनी -हूँ ! वैन ध्यान बि नि दीण।
मिसेज प्रिंगल -वु त्वे से ब्या नि कर सकुद क्या ? अरे अपण शादीक  बान तू कोशिस बि नि कर सकिद क्या ? मि कुछ इन करुल कि अविवाहित का दगड त्यार टांका भिड़न शुरू ह्वे जावो।  बकै तु अपण काम पुरू नि कर सकिद क्या ?
इलेनी - ममी ! कुछ नि हूण। तू मेरी शादी कै महत्वपूर्ण नौनौ दगड़ करण चाणि छे जन वो च। मि तैं वै देखिक इ डौर लग जान्दि जन बुल्यां मौत ऐ गे हो। मि हकलाण मिसे जांद।  जन बुल्यां मि प्रिंस ऑफ वेल्स से मिलणु हों !
मिसेज प्रिंगल -प्रिंस ऑफ वेल्स ! ऊँ ! अरे ये घरम प्रिंस ऑफ वेल्स आणो बान क्या से क्या नि कर सकुद !  न्यूयॉर्क तो प्रिंस ऑफ वेल्स पर  कुरबान च। मि ब्याळि मिस्टर ऑलिव वर्थ से बुलणु बि छौ कि प्रिंस तैं इख बुलाणो बान कुछ बि कर सकुद। मि सरा जिंदगी बान अपण सामाजिक रूतबा स्थापित कर द्योलु। मेजवानी वास्ता म्यार सम्मान बि च। ( टेलीफोन बजद ) जरा मि फोन उठांद।  -हेलो ! -मिसेज सेडविक ! -हाँ -मि मिसेज प्रिंगल बुलणु छौं -क्या ? ना - ओह ! बरफबारी मा कार फंस गे - दुसर कार नि मील सकद ? (वा फोन धरदि अर ) भलो ह्वे ,  व विधवा सेडविक  नि ऐ सकिद - अब ह्वे बारा प्लेट ! डुनहाम ! द्वी प्लेट हटा दे।  ( डुनहाम द्वी प्लेट हटान्द , इलेनी कार्ड्स बदल्दि ; मिसेज प्रिंगल टेलीफोन मा व्यस्त रौंदी ), हैं !  - बड़ी शरम की बात च ! म्यार त दिल इ टूटि गे! अरे त्यार बगैर पार्टी मा मजा कखन आलु ! अच्छा तीन कोशिस कार च ना ? म्यार त आँसु आणा छन। गुड बाइ ! (टेलीफोन धरदि ). भलु ह्वे वा नि आणि च।  डुनहाम द्वी कम , द्वी कॉकटेल बचि गेन अर कम से कम चार शैम्पियन बच गेन। (टेलीफोन उठांद ) हेलो मिस्टर मॉर्गनक घौर ? मि मिसेज प्रिंगल बुलणु छौं।  अच्छा अबि तलक मिस्टर मौर्गन नि ऐन ? अच्छा मिस्टर मौर्गन मा म्यार टेलीफोनक बारा मा कुछ नि बुलिन।  अब डिनरकुण देर ह्वे गे।  (व टेलीफोन धरदि )। . अच्छा मीन क्लीन तैं निमंत्रण दियुं च ,  अहसान चुकाणो बान .… अर शैम्पियन बचि गे -
 डुनहाम - अचकाल शराबबंदी कारण अर ज्यादा पार्टी हूणै बाद शराब कम मिलणी च।
इलेनी (हतोत्साहित ह्वेक ) -पर ममी ! यदि बारा इ मेमान आणा छन तो डैडी टेबल का एक सिरा पर नि बैठ सकदन।
मिसेज प्रिंगल -नै नै ऊँ तैं एक सिरा पर बैठण पोड़ल।  अरे घरक मालिक टेबलक इना उना  बैठल तो या असभ्यता ही मने जाली।
इलेनी - नि ह्वे सकद।  द्वी किनारों पर द्वी स्त्री बैठण चयेंदन-
मिसेज प्रिंगल (घबड़ैक )   -क्या बेतुका च -मि हमेशा  जांद।  बारौं तैं बैठाण असंभव च। (व प्लेस कार्ड दिखदि ) मीन यूँ जनान्युं मादे कै तैं बि टेबलक सिरौं नि बैठाळण- एक वा या मिसेज डर्बी च -बिल्ली -मि वीं तैं सम्मान नि दे सकुद अर -मिसेज  (टेलीफोन बजद ) डुनहाम फोन उठा । 
डुनहाम- हेलो मिसेज प्रिंगलक घौर इ च - क्या संदेशच  ? जी हाँ -क्या जी ?- मिस्टर - डॉक्टर ! क्या डॉक्टरन ब्वाल कि तुम्हारी बेटी तैं ददरु हुयुं च-
मिसेज प्रिंगल - ददरु ! इलेनी !
इलेनी -ममी !
डुनहाम- जी हाँ ! (वु फोन धरुद ) बेटी पर ददरु हूण से मिस्टर डर्बी अर मिसेज डर्बी नि ऐ सकदन तो ऊंक ड्यार अयाँ मेमान मिसेज अर मिस्टर फ्लीटवुड बि नि ऐ सकदन।  बीमारी इ इन च कि मिस्टर डर्बीन क्षमा मांग।
मिसेज प्रिंगल -मतबल चार हौर कम ह्वे गेन।
इलेनी - मतबल केवल आठ इ प्लेट लगल। डुनहाम ! प्लेट उठा -
(वा उत्तेजना माँ कुर्सी अर चांदीक थाळी आदि उठाण लगद। परेशानी मा मिसेज प्रिंगल बि सहायता करण लग जांद। इन सहायता की आदत नि हूण डुनहाम  तैं घंघतोळ हूंद अर व रगबग से प्लेट उठांद तो प्लेट गिरण से टूटी जांदन, चण्डिक प्लेट गिर जांदन , उदेश्यहीनता मा वु जल्दीबाजी कर्द ) 
मिसेज प्रिंगल -अरे क्वी इन नी च जैतैं हम आखरी बगत आमंत्रित कौर सकां -
इलेनी -उ हैटवूड्स -
मिसेज प्रिंगल -अरे जब उ बुलांदन तो शराब नि दींदन। मेरी शराब मोफत की नी च जु मि ऊँ तै बुलौं -
इलेनी - ग्रीन -
मिसेज प्रिंगल -वा बड़ी बोर च।
इलेनी -मिस्टर कोनले
मिसेज प्रिंगल - वु डिनर पार्टी मा आन्दु इ कब च ? मीन कथगा दै निमंत्रण दे पर आइ  नी उ।
इलेनी - हेस्टर लौंगले -
मिसेज प्रिंगल -नै न ! तू अर लौंगले एकी टेबल मा ऑलिव वर्थ का पास नि बिठै सकदु। लौंगले ते से सुंदर अर चतुर -चालाक बि च -
इलेनी - टेलीफोन डायरेक्ट्री कख च ? (वा टेलीफोन डायरेक्ट्री टटोळदि ) टुप्पर्स ?
मिसेज प्रिंगल -टुप्पर्स ? इलेनी ! वै परिवार मा  छै जन छन -
इलेनी - हाँ पर यांसे सब लोग चौदह ह्वे जाला अर डैडी टेबलक एक सिरा पर बैठ सकदन।
मिसेज प्रिंगल -ठीक च तू कोशिस कौर।  मि तयार डैडी तैं समजाणो जांदु कि वु ड्रवाइंग रूम  मा रावन।  मेमान आण इ वाळ होला।
(वा  भैर जांदी )
इलेनी - (टेलीफोन करदी ) - हेलो टुप्पर्स का घौर ? हेलो मि इलेनी प्रिंगल बुलणु छौं - औ  मिस इला  टुप्पर्स बुलणी छे  ? बढ़िया।  अच्छा तुमन  डिन्नर तो नि खै ह्वाल - क्या च आज हमर इख  डिन्नर पार्टी छे - अर कुछ लोगुंन अचानक अबि ब्वाल कि वु लोग नि आणा छन - तो - उन त बुलणम  शरम लगणी च -अच्छा तो आप आणा छन - मजा ऐ जाल - अच्छा अच्छा - क्वी बात नी च - पर क्या ? अच्छा ? हैं ? (टेलीफोन पर हाथ लगैक ) मेरी समझ मा नि आणु च कि क्या करण ? (व घंघतोळ माँ च घबड़ाइं च ) डुनहाम  ! मेरी समझ मा नि आणु कि क्या जबाब दीण त जल्दी से माँ तैं बुला ( डुनहाम जल्दी से भैर जांद ) । (अब टेलीफोन पर बात करदि ) हांअअअ १ अच्छा ठीक च - तो सब - हाँ हाँ …बिलकुल क्वी बात नी च - पक्को ना ? फिर ठीक च ।  (फोन धरदी ) हैं मीन क्या कौर दे ? उँह ! माँ नि हूंद त मि कुछ बि जबाब दे दींदु। हे भगवान ! अब मीन क्या काण्ड लगै दें
मिसेज प्रिंगल (वा जल्दी से भीतर आदि अर डुनहाम पैथर च ) -इलेनी ! क्या बात च ?
इलेनी - अब तू इखम नि छी - तो मीन हाँ बोल दे - अब तू नि छे त मीन हाँ बोल दे।
मिसेज प्रिंगल -पर ह्वाइ क्या च ?
इलेनी - मीन टुप्पर्स स कौंक इख फोन लगाइ।  ऊंन हाँ तो बोल दे पर दगड मा ऊंक इख द्वी हौर मेमान अयाँ छन तो उ सब आठ जन आणा छन।  अब सब आदिम ह्वे जाल सोळा , सोळा !
डुनहाम- पर मैडम टेबल की लम्बै -चौड़ै इन च कि सोळा लोग कनकै बैठ सकला ?
मिसेज प्रिंगल -इलेनी ! तयार हाल हमेशा - तिकड़म इ नि लगांदि।  तेर जगा मि हूंद तो मीन नम्रतापूर्वक बोल दीण छौ कि हमर टेबल इथगा लम्बो नी च।
इलेनी - हाँ पर तू बि त  इखम नि छे ।  त्वे तैं पता च कि रंगतंगा समय पर मि कुछ का कुछ बोल दींदु।
डुनहाम- पर प्लेट - प्लेट तो चौदह ही छन।
इलेनी - मि नि खौलु।
मिसेज प्रिंगल -पर मि अपण बेज्जती नि हूण द्योलु।  हम इथगा मा बि बढ़िया इंतजाम कर सकदवां। हम टेबल पर एक बोर्ड लगै सकदां ( डुनहाम भैर जांद, मिसेज प्रिंगल अर इलेनी टेबलक चादर उठांदन )
इलेनी - पर माँ मि तै टेबलम बैठणो जरूरत नी च।
मिसेज प्रिंगल - बस तीन  ऑलिव वर्थ का पास वळि सीटमा बैठण।  अर अब बुलणो जरूरत नी च कि तीन नि बैठण।
इलेनी - पर बोर्ड लगाणै जरूरत नी च।  किटास से बि त काम चल सकद।  प्लेट अर कुरस्यूं तैं हौर आस पास करे सक्यांद -
मिसेज प्रिंगल -त्वे तैं पता च ना कि मिस्टर टुप्पर हाथी जन म्वाट च अर मिसेज कोनली बि भैंस जनि च त किटास से काम नि चल सकद।
डुनहाम (भीतर ऐक  )- मैडम ! सर्युळाणी भौत गुस्सा मा च। बुलणि च कि वीं केवल चौदह आदिम्युं कुण खाणक बणयूँ च।   

मिसेज प्रिंगल -मि कुछ नि जाणदु कि - सूप कैन खोलो , भुजी काटो अर - सोळा आदम्युं कुण खाणक बणन चयेंद अर -
डुनहाम - हाँ पर आइसक्रीम अर पुडिंग को क्या करे जावो ?
इलेनी - हाँ मि बोलि द्योलु कि मि तैं आइसक्रीम अर पुडिंगपसंद नी च।
मिसेज प्रिंगल -पर फिर बि (टेलीफोन बजद ) -टेलीफोन (मुंड पर हाथ ) अब क्वा च ? नि उठावो! टेलीफोन मि तैं पागल करणु  च। (फिर वै टेलीफोन उठाणो जांदी ) हेलो ! - हाँ - मि मिसेज प्रिंगल - हाँ ! अरे जैसिका - च्च ! च्च ! खतरनाक जुकाम ? ओहो (वा हथ हिलैक  डुनहाम तैं टेबल पर बोर्ड जुड़नो मना करदी। सबि खुश हून्दन ) ओहो इ राम दा।  बिचारो मिस्टर ! हाँ हल्दी अर शहद को लेप आवश्यक च।  ऊंक स्वास्थ्य कु ख़याल रख भैरों ! बाई बाई। (फोन धरदी ) ख़ुशी बात च जैसिका अर वींक पति नि आणा छन तो अब बि केवल चौदह आदिम ही ह्वे।
इलेनी - पर अब कार्ड गलत ह्वे गेन।  जौंक कार्डम नाम छन उ त छै इ आणा छन।  आठ लोग नया छन। अब नै डाइग्रैम बणाण पोड़ल। अब यूंक  सीट कै हिसाब से रखे जाव !
मिसेज प्रिंगल -ला कार्ड मि तैं दे। (वा टेलीफोन टेबल मा इ खड़ी रौंदी अर वा पैड  मा पेन्सिल से डायग्राम बणान्दि )
इलेनी - ले यी कुछ नया कार्ड छन (वा पुरण कारडुं तैं फड़दी अर डुनहाम की टेबल सजाण मा मदद करदि )
मिसेज प्रिंगल -हूँ ! क्या गोळ -माल ह्वे गे।  मीन सिटिंग अरेंजमेंट का ड्रवाइंग बणाणम कथगा समय लगै छौ।कु क्खम बैठल  पर भौत ध्यान दे छौ। अरे तौळ दर्वाज़ाक घंटी बजणी च। जा ड्रवाइंग रूम बिटेन देखिक आ कि क्वा च - मीन ऐनी कुण बोल छौ कि उखक ध्यान रखी। (डुनहाम जांद अर टेलीफोन की घंटी बजदि ) हत्यारा टेलीफोन ! अब क्वा च अर क्या च ? (फोन उठान्दि ) हेलो ! हाँ मिसेज प्रिंगल बुलणु छौं - कु ? मिस्टर ऑलिव वर्थ ? हैं ? मिस्टर ऑलिव वर्थ का सेक्रेटरी ? क्या रैबार च ? क्या ? मिस्टर ऑलिव वर्थ कख ? मिस्टर ऑलिव वर्थ तैं अचानक बोस्टन जाण पड़ अर सूचना दीण मा असमर्थ - मिस्टर ऑलिव वर्थ डिन्नर  मा शामिल नि ह्वे सक्दन , वु बोस्टन का वास्ता - (मिसेज प्रिंगल फोन रख दींदि , वा गुस्सा, आहत , निराशा मा हाथ झटकदि  ) वैक हिम्मत त द्याखो ! वैक हिम्मत त द्याखो !  मेरी पार्टी कुण ना बोली दे अर वु बि ऐन बगत पर ? अरे मेजवान की बि क्वी इज्जत हूंदी।  पट्ट अबि ना ब्वाल वैन ! हैं ! हैं मीन कथगा परेशानी से डिन्नर पार्टीक इंतजाम कर अर आखरी बगत पर रैबार आंद  कि बोस्टन जाण पड़णु च।  मेरी बि क्वी हैसियत च कि ना ? अरे मीन सब इंतजाम कर्युं छौ कि इलेनी अर ऑलिव आस पास बैठल अर फिर अग्नै बात बढ़लि।  पैसा वाळ च त क्या ह्वे ? मि कम छौं ? कैक इज्जत बि त क्वी चीज हूंद। स्वार्थी ! (व वैक नामक कार्ड फाड़दि ) अब मीन वै से कतै बात नि करण।  कुट्टी ! बस कुट्टी ! म्यार दगड इन बर्ताव ? कुट्टी !
इलेनी (डर अर घंघतोळ )  - ह्वे सकद च अचानक व्यापारिक काम ऐ गे हो अर आनन फानन मा बोस्टन जाण पोड हो।
मिसेज प्रिंगल (वा ध्यान नि दींदि ) -मेरी गणत ये सहर मा सबसे बेहतरीन मेजबानुं मा हूंद।  लोग मेरी मेहमानबाजी की तारीफ़ करदन। लोग मेरो निमंत्रण का वास्ता तरसणा रौंदन। मि सफलता पसंद करदु - असफलता से भारी चिड़द।  वु आज म्यार सबसे महत्वपूर्ण अर धनी मेहमान छौ। हरेक आदिम वै से मिलणम गर्व महसूस करद- अर वु नी आणु च - मि क्या क्या - मि गुस्सा - मीतैं गुस्सा - गुस्सा ।  आग लग जैन ये बर्फीला तूफ़ान पर -
इलेनी - अब मि टेबल से दूर रै सकुद। वु नी आणु च मतबल फिर से हम तेरह जन ह्वे गेवां।
मिसेज प्रिंगल (गुस्सा मा )-बिस्तर मा पद जा।  उखि मि दूधौ बोतल मा दूध अर पटाखा भेजि दींदु।
इलेनी - पर ममी मेरी क्या गलती कि ऑलिव तैं व्यापारिक काम से भैर जाण पोड ?
मिसेज प्रिंगल -हाँ त्वी ले कामक हूंदी त तेरी प्रसिद्धि सूणीक वु सब काम धाम छोड़िक डिन्नर पार्टी मा आंद. पर तू डरपोक अर संकोची जि छे तो तनि मनी खानदानक  छ्वारा बि ते देखिक बितक जांद। म्यार इथगा बड़ो नाम च कि क्वी मेरी सहायता नि करदु।  अब त तेरा इ छन त जा बिस्तर जोग ही ह्वै जा।  मेरी नजर से दूर ह्वै जा।
डुनहाम (भितर आंद )- इ मिस्टर मॉर्गन छा।
मिसेज प्रिंगल -मिस्टर मॉर्गन ! पर मीन तो नौकर मा बोलि छौ कि आज नि अयाँ।
डुनहाम- वूं तैं तुमर दुसर रैबार नि मील।  अर मिस्टर प्रिंगल से फोन मा बुलणा छया कि आमंत्रण से मिस्टर मॉर्गन अहसानबन्द छन अर डिन्नर मा आण पर गर्व महसूस करला।
इलेनी - ल्या फिर से तेरा ह्वे गेन बशर्ते मि बिस्तर नि ग्यों।
मिसेज प्रिंगल -तीन बिस्तर मा नि जाण। डुनहाम ! अर अब फिर से चौदह ह्वे गेवां।
डुनहाम-मि कॉकटेल बणाणो तयारी करदो।  ऐनी बुलणी छे कि बरफ मा  मोटर दौड़न लग गेन। भौत देर ह्वे गे अर सरुळयाणी   बड़ बड़ करणी च कि खाणक सुखण लग गे
(फोन बजद , इलेनी चम्म ख़ड़ी हूंदी )
इलेनी - ना मीन नि उठाण।
मिसेज प्रिंगल - मि तैं इ जबाब दीण पोड़ल - ना बुलण - हेलो - (करकरी आवाज मा ) हाँ हेलो ? मिसेज टुप्पर ! हाँ मिसेज टुप्पर !  पर तुम तैं आण इ चयेंद - हमन तुमर बान इथगा तयारी करीं च अर -हाँ -पूरा आठ आदम्युं कुण -मेरि तुमर लड़की से बात करि छे आर तुमर लड़किन अपण मेमानों बारा मा बि बोलि छौ - हमन सब्युं कुण प्लेट बि लगै आलिन - नै नै मेरी बेटी तैं निमंत्रण दीणो अधिकार च - नै नै - इन बि क्या च -हाँ जबरदस्ती नि छे -पर बात करिक ही तो -नै नै - उफ़ क्या , ह्यां - (वा फोन धरदी ). मिसेज टुप्पर सै बुलणी च कि मेमानुं तैं दूसरौ डिन्नर मा लीजाण क्वी सभ्यता थुड़ी हूंद।  पर यांक कारण वु आठ ना छैइ आणा छन आठ ना ! डुनहाम ! द्वी प्लेट कम कर अब हम बारा इ छंवां।
इलेनी - पर यदि बारा ह्वे तो पिताजी टेबलक सिरा वळि सीट मा नि बैठ सकदन-
मिसेज प्रिंगल (थकीं थकीं सि )- अब मीन कबि पार्टी नि दीण।  लोगुं तैं पता हूण चयेंद कि उ आणा छन कि ना।  आमंत्रण स्वीकार करदन अर अंतिम क्षणों मा ना बोल दींदन। अरे मीन इथगा बढ़िया बैठणो इंतजाम कर्युं च। अर कु क्खम बैठल यांक पुरो ख्याल रख्युं छौ अर अंतिम समय पर -अब कै हिसाब से बिठाळु ? यदि मिसेज मोर्गन इखम बैठदि तो मिसेज कोनले ऊना बैठलि अर मिसेज  टुप्पर तैं उखम बैठण पोड़ल अर वगल मा मिस्टर टुप्पर पर मि चांदु कि उखम मिस्टर मॉर्गन बैठन अर पर -इन कनै -अब तो असंभव च।  अब मीन नि दीण पार्टी।  फिर ऑलिव बर्थ जन लोग बि छन - अरे कथगा बि सौकार ह्वावन कथगा बि प्रभावशाली ह्वावन कथगा बि महत्वपूर्ण ह्वेवन धौं। बिना सभ्यता का यी कुछ बि नि छन। असभ्यता की हद ह्वे गे ! अरे इख मेरी मधुर , सुंदर लड़की दगड परिचय हूंद तो क्या जाणु छौ वे ऑलिव बर्थ कु ! इलेनी ! सूण अब वै असभ्य ऑलिव बर्थक दगड बात कार त मि गुदुल फोड़ द्योलु हाँ ! अब मीन ऑलिव बर्थ तैं कत्ते बि सम्मान नि दीण।  अब उ मेरी नजरूं से गिर गे। ऑलिव बर्थ ! मि त्वे से घृणा करदु।
( डुनहाम चांदी की थाली मा एक लिफाफा लेक आंद
डुनहाम- मैडम - मिस्टर ऑलिव बर्थ की तरफ से एक रैबार च।
मिसेज प्रिंगल -मिस्टर ऑलिव बर्थ से संदेश ? (व लिफाफा खोल्दी )
डुनहाम- हांजी मैडम ! तौळक  हाल मा द्वी अपछाण्यक मेमान अयाँ छन। ऊंन यु लिफाफा दे। वैन ब्वाल कि वु सेक्रेटरी च। बकै सबि मेमान मथ्याक हॉल मा जमा छन। मीन सब्युं तैं गौण बरोबर बारा -आप, मिस्टर प्रिंगल अर मिस इलेनी तैं मिलैक।  पुट बारा। अर वु द्वी नया मेमान आपक जबाब की इंतजारी मा छन।  एक की सूरत जणि -पछयणि लगणी च पर पता नि कु छन धौं ! मि तैं लगणु च म्यार कखि ना कखि दिख्यां छन -

मिसेज प्रिंगल (वा पत्र पढ़न मा व्यस्त छे।  पत्र पढ़द पढ़द वीं तैं आश्चर्य हूंद अर भौत खुस हूंद ) -इलेनी ! हे भगवान ! पता च को च हमर इख  अयाँ ? प्रिंस ऑफ वेल्स ! प्रिंस ऑफ वेल्स !
डुनहाम- सेक्रेटरी बुलणु छौ कि आपन फोन काट दे जब कि मिस्टर ऑलिव बर्थन रैबार दे छौ कि प्रिंस ऑफ वेल्स तुमर डिन्नर पार्टी मा आण चाणा छन आ -असल मा तूफानी बरफबारी से प्रिंस ऑफ वेल्स का शहर का अन्य प्रोग्रैम कैंसिल करण पोड़ी गे छ तो आपसे बढ़िया मेजवान ये शहर मा नी च तो -
मिसेज प्रिंगल -प्रिंस ऑफ वेल्स म्यार ड्रवाइंग हाल मा बैठ्याँ छन ? अर इन्तजार मा छन कि मि कब ऊं तैं डिन्नर का वास्ता आमंत्रण द्यूं ?
इलेनी - पर यांसे तो हम तेरा जन ह्वे जौंला -
डुनहाम- इलेनी ! प्रिंसक सेक्रेटरी बि च अर उ बॉडीगार्ड -
मिसेज प्रिंगल (गर्व से तड़तड़ी खड़ी हूंदी )- हाँ ! सेक्रेटरी बि त च।  याने हम सब चौदा छंवां। डुनहाम ! कॉकटेल दीणो शुरुवात कौर। जै तैं जख्म बैठणाइ बैठण द्यावो।  मि  वेल्स तैं लेक आंदु।
इलेनी (ब्वेक पैथर पैथर )- पर ममी ऑलिव बर्थ भलो युवा च कि ना ? तबि त अपण जगा प्रिंस ऑफ वेल्स तैं भ्याज !
मिसेज प्रिंगल -मि बुल्दु नि छौ कि ऑलिव बर्थ एक सही विवाह योग्य  युवा च ?
इलेनी - मि तैं लगणु च कि मि ऑलिव बर्थ तैं पसंद करुल -
मिसेज प्रिंगल -बेवकूफ लड़की अब ऑलिव बर्थ तैं पसंद करणम  देर ह्वे गे। अब तो प्रिंस ऑफ वेल्स तैं  समय ऐ गे।  (भैर जाणो तयारी मा ) अब साबित ह्वे गे कि मि सबसे उम्दा डिन्नर पार्टीक इंतजाम कर सकद। भगवान ! बरफबारी वास्ता धन्यवाद !
                                                               पर्दा
7/3/15
Translated Drama in Garhwali by Dahngu ka Garhwali  writer; Translated Drama in Garhwali by Gangaslan ka Garhwali  writer; Translated Drama in Garhwali by Lainsdowne Tehsil  ka Garhwali  writer;Translated Drama in Garhwali by Dahngu Pauri Garhwal ka Garhwali  writer;




Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
               

                            मुखाभेंट (इंटरव्यू )
                    (  एक  उन्नादेसी  भाषा कु नाटक )
                             अनुवाद -भीष्म कुकरेती
समय - 1890 . जगा - बार या वाइन शॉप
चरित्र -
-बार कु मालिक - गोपु
इंटरव्यू लिन्देर -युवा टिप टॉप मा , टाइ आदि मा ; गौळुन्द कैमरा
स्त्री

(बार कु दृश्य , बारक द्वार गली मा खुल्दन , एक काउंटर मा शराबौ बोतल धर्यां छन। गिलास आदि छन।   दीवाल पर हीरोइन हीरों की फोटो लगीं छन। )
[ ग्वारो , म्वाट आदिम बारक मालिक ; कमीज - पेंट मा , काँध मा तौलिया , कॉउंटरक पैथर गिलास चमकाणु च , उख एक औरत , जैक  मुख पर दुःख , निराशा की छाया च , छूट गिलास पर शराब पीणि च। पैथर एक साइन बोर्ड मा = व्हिस्की , बियर मिल्द (शराब पीण जोखिमक काम च )
 स्त्री -पता च … , पता च,  सब पता च  …
बारक  मालिक -हुयूं क्या च वै तैं ?
स्त्री - पुटकौ पीड़ा --- बड़ी द्यावळी स्थिति च।  वु नीलु सि पड़णु च , नीलु
बारक  मालिक -त तीन क्या कार ?
स्त्री -कुछ ना  …
व गिलास से अधिक मात्रा मा शराब गटकदि )
मि तैं क्या पता क्या करण ? इथगा सरल थुका च … उनि बि हमम पैसा बि नि छन … त इन च कि   … बड़ी शरम आंद।
बारक  मालिक -वै तैं द्वी चमच कॉफी अर मुंगर्युं दारू दूध मा मिलैक दे दे।
स्त्री - ठीक ह्वे जालु ?
बारक  मालिक -हाँ अरे जल्दी फरक पड़ जांद।   … गर्मी लांद  … पुटुक साफ़ कर दींद  … अर कब्ज हो तो साफ़ ! अमृतधारा च अमृतधारा !
स्त्री -द्वी चमच ना ?
बारक  मालिक - हाँ  .... कॉफिक। 
स्त्री -औ !  मि कोशिस करलु।  बिचारु  … गरीब गुरबाक बच्चा …
बारक  मालिक -द्वी हाँ !
स्त्री -बिलकुल सही
(गोपु छुटि बोतल भरदु )
ये ब्वे ! … यु अन्याय च  .... तीन साल पैल हमर सबसे बडु नौन ग्यायि  … भगवान जाण कख ग्ये धौं....
बारक  मालिक गोपु  -हाँ बिचारु  ....
स्त्री -पोर दुसर नौनु  .... गौळक बिमारी से मोर।   
बारक  मालिक - हाँ . बिचर ....
 स्त्री -अब  यु छ्वटु  ....
(वा गिलासुंद बचीं दारू तैं ऊब लगैक पींदी )
हमेशा सदा इनि हूणु रौंद  … खैर। । हम ऊंक जथगा बि हम से ह्वे सकद  देख भाळ करदां अर ....
बारक  मालिक -देख भाळ इ काफी नी च …  तुम तैं ऊँ तैं उ दीण चयेंद जांक ऊ तैं आवश्यकता च ।
वीं तैं वीं भरीं बोतल दींद )
अच्छा जब उ ठीक ह्वे जाव तो मि तैं बतै दे  … अर अफु तैं बीमार  नि कौर  …
स्त्री -अच्छा  .... कथुग ह्वे ?
बारक  मालिक -चार आना
(हंसुद च )
दवैयुं से कम। हैं ?
स्त्री -हाँ सै ब्वाल   …
बारक  मालिक -अर स्वाद बि स्वादि ?
स्त्री -बिलकुल   ....
(पैसा पकड़ान्दि )
चार आना।
बारक  मालिक - धन्यवाद !
स्त्री - अच्छा चल्दु छौं।
बारक  मालिक -अपण तब्यतौ ख्याल रख  ....
स्त्री -बिचरु  छ्वटु !
 (वा स्त्री जांदी।  बारक मालिक गोपु  गिलास आदि साफ करण लग जांद।  थ्वड़ा डेरमा एक इंटरव्यू लीण वळ आंद )
इंटरव्यू लीण वळ -मिस्टर गोपु प्लीज ?
गोपु (काउंटर छोड़िक आंद, दोस्ताना अंदाज मा ) -मि गोपु छौं  ....
इंटरव्यू लीण वळ -भौत बढ़िया।
गोपु -ब्वालो मे से काम ?
इंटरव्यू लीण वळ (गोपु पर ध्यान दींदु ) -लम्बो … काळ बाळ   … पैंतालीस साल उमर , छुट हथ   … कड़क मुख … यु सही च।
गोपु -क्या च ?
इंटरव्यू लीण वळ (अपण कैमरा टेबल मा धरद , हैट टँगद ) -पैल एक बियर!
गोपु -हाँ  … हाँ … क्वा बियर ?
इंटरव्यू लीण वळ - सबसे अच्छी  बियर
गोपु -हाँ हाँ मैंगी बियर !
(गिलासुंद बियर भरुद )
इंटरव्यू लीण वळ -हूँ ! यी तैं तू अच्छी बियर बुल्दि ?   .... खैर चलल!
अपण बैं बौंळ उठै दे भै !
गोपु -म्यार बैं बौंळ   … पर  …
इंटरव्यू लीण वळ - अपण हाथ दिखा।
गोपु (संदेह मा )-आ  । पर
इंटरव्यू लीण वळ (रौब से ) -हां हाँ  … हथ  …
गोपु (बौंळ बिटांद ) -टीका लगाण वळ इंस्पेक्टर , हाँ हाँ इंस्पेक्टर।
इंटरव्यू लीण वळ (बौंळ दिखुद ) -हाँ हथ गोड्यूँ छन  … पता छौ इनि ह्वाल  … औ द्वी हृदयूँ बीच माँ फूलदान मा फूल   … बिलकुल सही , सही   …
(कैमरा खुल्दु , फोटो बान कैमरा तयार करद )
अल राइट   … रेडी  रेडी ?
गोपु -पर कना क्या छंवां ?
इंटरव्यू लीण वळ -हिल ना  … हिल ना।
(कैमरा फोकस  मा लांद )
गोपु -औ …  तो   …  फोटोग्राफर हैं
इंटरव्यू लीण वळ (पिक्चर लींद ) -भौत सुन्दर  … अब फरक जा। 
गोपु (आज्ञा पालन ) -हैंक  ?
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ हाँ , … हिल ना  हिल ना
(पिक्चर लींद )
अब हैंक तरफ। 
गोपु (आज्ञा पालन करद )- फिर से ? …
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ हाँ , … हिल ना  हिल ना
(व हैंक पिक्चर लींद )
अब घूम - पीठ मेरी तरफ   .... ठीक ठीक !  … पीठ बि मुख हूंद  ....
गोपु -हैं किस्मौ फोटोग्राफर छंवां भै  ?
इंटरव्यू लीण वळ -मुस्कराओ   …
(हैंक पिक्चर लींदु )
भौत बढ़िया
(कैमरा टेबल मा धरद )
अब नाप  ....
(वु किसौंदन टेप निकाळदु अर गोपुक नाप लीण लग जांद )
एक मीटर  …   सहतर सेंटीमीटर   …
(एक नोटबुक मा लिखुद  )
गोपु -हैं अब तुम टेलर  ?
इंटरव्यू लीण वळ -छाती की चौड़ाई   … नपण पोड़ल  …
(नपद )
अट्ठासी सेंटीमीटर   …
(कंधा झटकांद )
अनुपात बरोबर नी च
(अपण नोट बुक मा लिखुद )

गोपु - दर्जी  ह्वालु !  ....
इंटरव्यू लीण वळ (गोपुक हथेली दिखुद ) -खुरपी जन हथेली   …
(गोपुक गाळ पर हाथ फिरांद )
गाळुं हड्डी महत्वपूर्ण ,  … विषम ममुखाकृति   …
(गोपुक चौंठी थपथान्द।  )
हूँ भैर निकळयूँ जबड़ा   .... हाँ पर तगड़ा जबड़ा   … मि तैं नि छौ पता  … 
गोपु - हैं क्या अजीब दर्जी च !
इंटरव्यू लीण वळ (अपण टेबल मा वापस आंद ) -अब , बातचीत कौर। 
गोपु (समजणै कोशिस मा )   -हैं   … क्या ?
इंटरव्यू लीण वळ -बात और क्या ?
गोपु -मि तैं अबि तक पता नी कि तू या तुम कु /को च /छंवां ?
इंटरव्यू लीण वळ -औ ! हाँ ! 'आंदोलन  चीफ इंटरव्यूवर।
गोपु -कु ?
इंटरव्यू लीण वळ -आंदोलन मैगजीनों चीफ इंटरव्यूवर।
गोपु (नासमजी मा ) -औ !
इंटरव्यू लीण वळ (दया दिखांद )-हैं ! त्वे तैं आन्दोलनौ बाराम नि पता ? कन ककुनगस ह्वे।  'आंदोलन ' एक न्यूज पेपर , साहित्यिक पत्र …  दुन्या भरौ समाचार -सूचना  … द्वी करोड़  पाठक … वु न्यूज पेपर जु अपण पाठकुं तैं कार दिलांद , घौर दिलांद … गवर्मेंट बॉण्ड  दिलांद  …प्रशिक्षित नौकार्याणि दिलांद … अब समजी गे कि ना ?
गोपु -औ  …हाँ …हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ - मि जल्दी मा छौं …मीन दस बजि शिक्षा मंत्रिक इंटरव्यू लीण …अर दुफरा मा बेल्जियमौ राजक इंटरव्यू …तुम म्यार  सवालुं सही अर सूक्ष्म जबाब द्याओ …हाँ पर पैल बियर।
गोपु -हाँ  …हाँ
( इंटरव्यू लीण वळ आपण नोटबुक खुल्दु )
इंटरव्यू लीण वळ- यी समय च …अब युइ क्षण च …सत्य कु मनोवैज्ञानिक क्षण …
(गोपु बियर गिलासुंद डाळदु, इन्टरव्यूवर झटाक से पींदु , गोपू गिलास फिर से भरदु   )
गोपु -मीन सैत च घर इनाम मा जीत।
इंटरव्यू लीण वळ (टेबल तैं दिखुद अर गोपु पर नजर गड़ैक ) -तुम  शराब विक्रेता छंवां ?
गोपु (दुकानक तरफ नजर घुमांद ) -नजर घुमाओ …इनि लगणु च कि …
इंटरव्यू लीण वळ -एक घृणित व्यापार …एक देशविरोधी उद्यम …हैं नशाखोरी …व्यभिचार …शराबखोरी …अल्कोहॉलिज्म , गर्त की और जांद समाज …समाप्ति -क्षरण …सोसालिज्म
(गोपू सोसालिज्म शब्द पर ऐतराज जताँद )
सब बिषैला … एक दिन तुम सब खतम कर देल्या -नहीं ?
गोपु -क्या बोल रहे हो ?
इंटरव्यू लीण वळ -यु क्वी माने नि रखद …मि कुछ नि बुलणु छौं …मि तैं तहकीकात करण मा व्यस्त रौण चयेंद…यु महत्वपूर्ण च कि तू जबाब दे …
गोपु -मि तैं नि पता क्या बुलण , मि नाखुश नि छौं , मीन कार जीत क्या ?
इंटरव्यू लीण वळ (गंभीरता से )-तो तुम शराब विक्रेता हो …मंजूर ?
गोपु -बिलकुल…
इंटरव्यू लीण वळ -अर यु बि मंजूर च कि  नाम गोपु ?
गोपु -गोपीचंद …
इंटरव्यू लीण वळ -देख हाँ यु महत्वपूर्ण च कि तू कै हिसाब से जबाब दींदु …भौत इ महत्वपूर्ण …बिलकुल सत्य …
गोपु (घंघतोळ मा ) -हाँ सही जन की म्यार पिताजी क नाम धरमचन्द। 
इंटरव्यू लीण वळ -भौत अच्छु …
(विराम )
अर भौत दिनु तक तयार अपण बीबी दगड अच्छा संबंध नि छया तो ?
गोपु -बीबी का साथ ?
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ …हे भगवान…
गोपु (हौर बि घंगतोळ मा ) -यु …क्या …मेरो त ब्यौ इ नि ह्वे …
इंटरव्यू लीण वळ -औ ! ... सही… लिविंग विद कम्पेनियन … बद से बदतर …
(वु नोटबुक मा लिखद )
तो … त्यार  अपण साथिणो दगड़ खराब संबंध चलणा छन… 
गोपु -क्या ?… पता नि तुम क्या बुलणा छंवां … म्यार साथिणो दगड़ ?
इंटरव्यू लीण वळ -हे भगवान ! … यदि तू शादी शुदा नि छे अब मि तेरी रखैल  तैं क्या नाम द्यूं अर जैंक दगड त्यार मधुर संबंध नि छन -----खाणौ बणाणो भांड ?
गोपु (हंसदो अर जंगडूं पर ताल ठोकदु ) -म्यार भोजन पकाणो भांड , पतीली या कढ़ै --हाँ यु शब्द बढ़िया शब्द तो छै च … पर नहीं … पर मीम ना तो भांड च … नहीं  …मेरि क्वी  रखैल बि नी च …
इंटरव्यू लीण वळ (नकल अर कर्कश ) -तू अणब्यौथा छे … तेरी रखैल बि नी च … तो त्यार बिस्तर मा त्यार दगड़ कु रौंद ?
गोपु -मि सच बुलणु छौं …
इंटरव्यू लीण वळ -सच या च …
(गोपुक पास जांद )
तू म्यार आंख्युं मा धूळ नि झोकि सकद , दुष्ट … मि तैं पता च … मि सत्य जाणदु छौं … अब तू सच नि झुटलै सकदी … क्या वा पतिव्रताहीन छे… तेरी घरवळि  … रखैल … या कढ़ाई… जु बि … मि क्या जादा गरम हूणु छौं /
गोपु -भगवानौ खातिर , तेरी समज मा नि औणु … मि बुलणु छौं कि …
इंटरव्यू लीण वळ (बिचि मा )-हाँ … हाँ तू धोखेबाज जीब से बुलणु छे !
गोपु -हे भगवान … मि बुन्नु छौं  …
इंटरव्यू लीण वळ -तू क्या समजणु छे कि तू जोक सुणाणु छे … मि तैं शब्दजाल मा नि फँसै सकिद !… त्यार करतब मीमा नि चल सकदन !
गोपु -पर … मि …
इंटरव्यू लीण वळ -तू प्रेस तैं धोखा नि दे सकदि … मिस्टर गोपू आप धोखा दीणो प्रयत्न नि कारो  …प्रेस एक शक्तिशाली सेना समान च…
(धमकी दींद )
अर मि प्रेस छौं मिस्टर गोपीचंद ! … दो करोड़ पाठक …
गोपु -अच्छा ब्वालो कि क्या करण ?
इंटरव्यू लीण वळ -आज प्रेस माँ अप्रतिम शक्ति च …महान शिक्षक  …वैश्विक चेतना  …प्रेस दोषी ठहरांद  …न्याय  अर निंदा  …एक बियर !
गोपु -इ ल्या …इ ल्या
(बियर दींद )

इंटरव्यू लीण वळ (हथ पर बियर )-मिस्टर गोपु प्रेस …अकेला खड़ रौंद …पुलिस , न्यायपालिका ब्ला ब्ला सबसे   ऊपर…
(बियर पींदु )
प्रेस इनाम दींद …दंड दींद …क्षमा करद…
(अपण गिलास खाली करद )
प्रेस कीमत का हिसाब से कुछ चुकान्दी या दींदि बि च…प्रेस सब कुछ च …यि नि भूलि …
(गोपु गिलास भरद )
गोपु -ह्यां पर  याँक मे से क्या संबंध ?
इंटरव्यू लीण वळ -क्या संबंध ?…हकीकत …तथ्य असलियत का साथ …क्या त्यार  'आंदोलन' का साथ विज्ञापन करार बि च ?
गोपु (घंघतोळ मा ) -क्या  ?…
इंटरव्यू लीण वळ -मीन पूछ कि क्या त्यार  'आंदोलन' का साथ विज्ञापन करार बि च ?
गोपु -करार ?…
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ ! …हरेकक छन …सरकार , प्रशासन , बैंक , व्यापारी , उत्पादनकर्ता …जज …डॉक्टर …रोगी …सोसाइटी जनानी…पेंटर्स …कु करार …पर त्यार नी च …लज्जा की बात नी च ?…किलै त्यार विज्ञापन करार नी च… त्यौकुण  भौत नुकसानदेय च मिस्टर गोपु …
गोपु -हाँ पर मीतैं करार की जरूरत किलै च ?
इंटरव्यू लीण वळ - हूँ ! …चबोड़ …चखन्यौ …मसखरी …जु चा स्यु कौर …
(इन्टरव्यूवर गोपुक बटणुं से खेल्दु , बियरक शुरुवाती नशा मा )
तीन शराबक बोतलन  अपण बीबीक मुंड किलै फ्वांड़  ?
गोपु (भौंचक्का )-शराबक बोतलन ?
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ …जबाब दे !
गोपु -शराबक बोतल …यांक मतबल क्या हूंद ?
इंटरव्यू लीण वळ -तो तू स्वीकार नि करण चाँद …
(विराम )
ओके …
गोपु -शराबक बोतल…कसम भगवान की …
इंटरव्यू लीण वळ -चुप ! झूट नि बोल !
(जोर से )
झूट बिलकुल बि ना हाँ …झूट पाप इ ना अपराध बि च …अर फिर प्रेस का साथ झूट बिलकुल नि चलद…मि कोशिस करुल कि …यद्यपि तयार 'आंदोलन' का दगड करार बि नी च …मि समजणो कोसिस करलु …दिखला कि …
(पत्रकार गोपुक कंधा थपथपान्द )
दिखदाँ …मिस्टर गोपीचंद …
(धीरे से )
पर ईं निर्दयता कु उद्येस्य का ह्वे सकद …किलैकि दिखेण मा तो तू सौम्य छे …एक सही मनुष्य …बदला की भावना से कर्युं अपराध ?…या अचाणचक गुस्सा क्रोध मा ?…क्वी सुझाव …रक्तचाप बढ़ण से ?…
(विराम )
हैं ?
(गोपु मना करद , पैथर हटद )
बातचीत जारी रखण …धीरे धीरे …
(गोपुक कंधा दबांद )
क्या पगलपन तक की हद वळ प्यार या बैर ?…या शारीरिक शक्ति ?…या केवल भूतकाल कु भूत , पूर्वानुरूप  ? …
गोपु (आँख भैर आंदन ) -भूत ? पुरवा ?
इंटरव्यू लीण वळ -पूर्वानुरूप!
गोपु -ये मेरि ब्वै !
इंटरव्यू लीण वळ -तेरि समज से भैर च। …तू अपण कर्मुं का विश्लेषण नि कर सकिद …
(भौत इ  दया भाव )
तू क्या जाणि विज्ञान माने मनोविज्ञान …तेरी मनोदशा झौड़ा संगुळो माने कॉकरोच की च …
(पत्रकार गोपुक कपाळ पर झटका दींद )

गोपु -बकबास …
(गोपु काउंटरों पैथर जांद अर कांच अर प्लेट आदि टूटणो आवाज आंद )
इंटरव्यू लीण वळ -गोपु ! सचमुच मा तू दयाक पात्र छे …तेरी समस्या स्वेच्छाचारी से अधिक बौद्धिक शक्तिहीनता च …
(इंटरव्यूअर तैं पता चलद कि गोपु छुप गए। वु काउंटरक पास जांद अर जोर से बुल्दु। )
अच्छा अब मि दुसर हिसाबन प्रश्न पुछुल…तेरी बौद्धिकताक हिसाबन … द्वी बियर !
गोपु -हाँ हाँ !
इंटरव्यू लीण वळ -चियर्स ! चियर्स !
गोपु (हँसिक )-अरे वाह  …
(वु बियर गिलासुंद डाळद।  द्वी पीन्दन    )
इंटरव्यू लीण वळ -तेरो स्वास्थ्य का वास्ता !
गोपु -तयार स्वास्थ्यौ कुण बि !
(अब द्वी सहज छन )
इंटरव्यू लीण वळ -गोपु ! …मि त्यार दोस्त छौं …दगड्या जन इ जबाब दे …
गोपु (हंसद च अर गिलास काउंटर मा धरद )-हाँ हाँ …किलै ना …किलै ना …
इंटरव्यू लीण वळ -क्या त्यार र परिवार मा बिंडी कतल ह्वेन ?… आखिर …ना त तेरि घरवळि च ना इ रखैल तो …फिर बि परिवार त होलु …हैं ?
गोपु(आतुर्दि मा ) -फिर दुबर वै बात शुरू …
(गोपु काउंटर से टेबलक तरफ  जांद , साफा से टेबल साफ़ करद )
इंटरव्यू लीण वळ (पैथर जांद ) -त जब त्योर जनम ह्वे ह्वाल , असह्य दुःख अर अकेलापन न त्यार कोमल , कमजोर मन तैं ढक दे अर जब खानाबदोशी अर परेशानी कु वातवरण आयि ना कि …उ अनुभव अग्नै ऐ जांदन …यही व्याख्या ह्वै सकद …ह्वे सकद  बहाना हो …
गोपु (अग्नै -पैथर करणु रौंद )- हा …हा …हा …
इंटरव्यू लीण वळ -तू जबाब नि दीणु छे …
(विराम )
जबाब नि देक तीन पक्को इरादा कर आल कि ये इंटरव्यू तैं कमजोर करण ?
गोपु -हे भगवान …तुम क्या बुलवाण चाणा छंवां ?
इंटरव्यू लीण वळ -कुछ बि !पर  सच्चाई…त्वे तैं पता च कि ना कि त्यार अनमनापन अर कुछ बि बताणो व्यवहार पर मीन भौत सहनशीलता दिखाइ …मीन त्वे तैं विश्वासघाती  बि नि ब्वाल हाँ …
( गोपुक इना उना फिरण से रुकद )
…इलै शराबक बोतल चलाण मा पूर्वनियोजन आवश्य छौ…
गोपु (काउंटर से भैर आंद ) - व्हिस्की क  बोतल …क्या मतबल ?
इंटरव्यू लीण वळ (वकील जन ) -व्हिस्कीक  की ही बोतल किलै ? बियर की बोतल किलै ना ?  जिन की बोतल बि त …?
गोपु -हे भगवान …हे भगवान !
(काउंटर मा जांद अर घोड़ा सीढ़ी मदद से बोतलूं तैं अळगौक खानौं मा एक का मथि धरद ) 
इंटरव्यू लीण वळ -गोपु सावधान हाँ ! …यु महत्वपूर्ण च… जज छुटि बात तैं …बि बड़ी बात , गुस्सा वळ घटना समज सकदन …
गोपु -जज … जज किलै ?
इंटरव्यू लीण वळ -शायद महान वैज्ञानिक डाक्टर सौक …
(ईर्ष्या मा खुश ह्वेक )
डाक्टर सौक त्यार चेकअप से अवश्य पता लगै ल्याल कि …तीन सुनियोजित ढंग से…या अवचेतन मन से …या उपचेतन मन से …व्हिस्की की बोतल किलै प्रयोग ह्वेन …अर या सामजिक विज्ञान का हिसाब से कथगा गैरजिम्मेदाराना च …
गोपु -मेरी समज मा बिलकुल बि नी आणु च …
इंटरव्यू लीण वळ -अच्छा कुछ बि समज मा नि आयि ?…कुछ बि समज मा नि आयि…कि मीन क्या पूछ …मेरी बात समज …तेरी  अपराध कथा …
गोपु (अबि बि बोटलुं ढेर लगाणु च )-अब म्यार अपराध …
इंटरव्यू लीण वळ -गंभीरता से विश्लेषण , स्थिति की विवेचना … आम , सामाजिक अर वैवाहिक दृष्टि से आद्योपांत विवेचना से पता लग जांद कि …मि हत्या का पैथर मनोवैज्ञानिक कारण बथै सकुद …ओह !
गोपु (उखि च )-म्यार बर्मंड …हे भगवान !
इंटरव्यू लीण वळ -ये अपराध की  मानसिक रासयनिक विश्लेषण …हाँ ! …अब बिलकुल साफ़ च …समझ गे ना ?
गोपु -औ …तो तू समजणी छे कि तू सब कुछ जाणदि   …
इंटरव्यू लीण वळ -अब तू अन्धकार तैं या म्यार सवालों जबाब तैं अपण शाब्दिक अलंकारुं से नि छुपै सकुद …जबाब दे !
गोपु -मि तैं इख बटें जाण पोड़ल …
(वु स्टूल की सहायता से भीम उतरदु , भैर भगण  चांद कि इंटरव्यूअर वैक पैंट पकड़ दींद )
इंटरव्यू लीण वळ -दुष्ट मनुष्य !
(अब पैथर से हथन पकड़द )
अब …त्यार विकल्पुं पर ध्यान दीण पोड़ल …तू डाक्टर सिजार लम्बोरसो तैं जाणदि छे ?
गोपु -लम्बो …
इंटरव्यू लीण वळ -…रसो …हाँ !
गोपु (स्प्रे बोतल से स्प्रे करिक  टेबल साफ़ करण लगद )-हूँ …मि जाणदु …ना भै…असलियत मा ना …
इंटरव्यू लीण वळ -एक दिमागदार,  ज्ञानी मनुष्य …
गोपु -हाँ …अच्छा …अच्छा …
इंटरव्यू लीण वळ -महान वैज्ञानिक …प्रतिभाशाली जैक प्रतिभा तैं सब प्रशसा करदन …वैन ख्वाज कि प्रतिभाशाली क्रूर अर हत्यारा हूंदन …
गोपु -अच्छा …अच्छा …
इंटरव्यू लीण वळ -पतित …हत्यारे …हरेक का पास दृढ मानसिक ताकत …वौद्धिक शक्ति बढ़ै दींदन !
गोपु -ठीकि ह्वाल जब तुम बोलणा  …
इंटरव्यू लीण वळ (क्रोधित उत्तेजना )-तो जन्मजात अपराधवृति संबंधित डाक्टर सिजार लम्बोरसो की खोज का बारा मा क्या राय च ?
गोपु -कुछ ना।
(गोपु समज मा नि आंद त वु पाइप सुलगैक पीण लग जांद )
इंटरव्यू लीण वळ -डा डाक्टर सिजार लम्बोरसो कु मनण च बल गरीबी एक सामाजिक बिमारी नी च …ना ही आर्थिक कमजोरी …अपितु एक मनोविक्षिप्त रोग च…तेरी यीं क्रांतिकारी खोज का बारा मा क्या राय च ?
गोपु (समझ से भैर ) -मि चांदु …
इंटरव्यू लीण वळ -गोपू ! एक मनोविक्षिप्त रोग…
गोपु -संभव च  … संभव च …
इंटरव्यू लीण वळ -पता च वैन समस्या निदान का वास्ता बि नियम बणै …सुणणु छे ?
गोपु -सुण …हाँ हाँ !
इंटरव्यू लीण वळ -प्रसिद्ध डॉक्टरन  अधिक  से जांच कार अर वूं वन की जांच कर जौंमा गरीबी का चिन्ह छया …
गोपु -हूँ कुछ कठिन नि छौ ?
इंटरव्यू लीण वळ -चुप …डाक्टरन एक्स रे से जांच कार।
गोपु -सुणणु छौं …हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ -बिचारा दस गरीबुं का आंत , किडनी  , लिवर , सबजाँचे गे …पर क्वी विशेष निर्णायक फल नि मील …समजणी छे ना ?
गोपु -हाँ …हाँ
इंटरव्यू लीण वळ -पर निर्णायक फल आई।  पता च क्या ? …हरेकक मगज मा एक काळो धब्बा मील अर सैरिब्रो स्पाइनल फ्लूड मा।
गोपु -हूँ ? …क्या ?
इंटरव्यू लीण वळ -सैरिब्रो स्पाइनल …
गोपु -वो बढ़िया …
इंटरव्यू लीण वळ -प्रसिद्ध वैज्ञानिक न यु काळु धब्बा धनी अर मध्यवर्गीय मनुष्यों मा नि पाइ …सुणणु छे ?
गोपु -हाँ -हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ -तो वैज्ञानिक खोज से पता चौल कि गरीबी दिमाग की एक बिमारी से आदि
गोपु -सही सही …बिलकुल
इंटरव्यू लीण वळ -यूँ काळु धब्बों की क्या प्रकृति च।  या बात तू पुछि  सकिद छे।
(बात करद करद , वु काउंटर का पास जांद , बोतलुं तैं चेक करद अर कुछ गिलास मा मिलांद , इना गोपु बि वै तैं दिखणो बान जांद )
इनि सूर्य का चारों पैथर खोज ह्वे …फिर एक खोज से दुसर खोज से जोड़े जांद  …
(वु मिश्रण तैं  हिलांद , पींद  )
एक खोज दुसर से जुड़े जांद , सौरमंडल अर दिमाग …देख ?
(गोपु पत्रकारक हथन गिलास लींद अर वै तैं धीरे धीरे पैथर धकेल्दु )
लम्बोरसो   का पास वैज्ञानिक खोज , सामजिक खोज आर सौरमंडलक खोज छे अर वूंन न सबी खोजूं तैं मिलै।
गोपु -कुकरो लौड़ !
इंटरव्यू लीण वळ ( काउंटर से झुकिक )-मीम यूं काळ धब्बों  पूरो फीजियोलॉजिकल विवरण दीणो समय नी च …तेरि समज मा नि आण…भौत कठिन च …
(गोपुवै तैं काउंटर से दूर रौणे हाथ हिलांद )
संक्षेप मा या च कि लोम्ब्रोसोन वुं धब्बों की प्रकृति पछ्याण …बकै काम तो फिर लोम्ब्रोसो सरेखा वैज्ञानिक कुण सरल छौ …
गोपु -हाँ पर मि तैं क्या ?…भाड़ मा जा ऊ …
इंटरव्यू लीण वळ -फिर लोम्ब्रोसोन ऊँ दस लोगुं तैं अपण निगरानी मा एक जेल नुमा मकान मा रखिक वूंक चिकत्सा कार …बिलकुल समयवद्ध अर विटामिन आदि का हिसाब से भोजन अर भोजन मा आयोडीन , …नयाण मा दवै अर तब तक वूं तैं कमरों मा रख जब तक वो परिपूर्ण ढंग से नरोगी नि ह्वे गेन …मतलब गरीब से धनी नि ह्वे गेन …समझे ?
गोपु (आतुर्दि मा ) -म्यार दिमाग …म्यार दिमाग …  भगवान !
इंटरव्यू लीण वळ -अपण दिमाग की चिंता नि कौर डाक्टर शौक , डिबलर अर मि तयार बर्मंड ठीक करला !
गोपु -डिबलर ?
इंटरव्यू लीण वळ -सात हफ्तों खोज से पता चौल कि यूँ मादे एक तैं अचानक  पारिवारिक उत्तराधिकार का बीस  लाख मिलेन रुपया
गोपु -वाह
इंटरव्यू लीण वळ -हैंकन पनामा जैकपॉट जीत
गोपु -बढ़िय --- भगवान ओह
इंटरव्यू लीण वळ -तिसर  तैं आंदोलन न्यूजपेपर की कालिस लाख की लाटरी लग गे …
गोपु -भाग्यशाली …
इंटरव्यू लीण वळ -चौथू खुसनुमा आदिम जेलनुमा मकान से बाज अर कार तौळ ऐ गे अर वैक खुटूँक  कार तौळ बुगचा बण गे …अर तब कार इन्सुरेंस से एक लाख सालान कु पेंसन मिलण लग गे
गोपु -अविश्सनीय !
इंटरव्यू लीण वळ -बकै मर गेन
गोपु -सच्ची कथा च ?
इंटरव्यू लीण वळ -अरे सच्ची ! वैज्ञानिक  कथा !
गोपु -गजब !
इंटरव्यू लीण वळ -सच्ची वैज्ञानिक अन्वेषणीय कथा …बियर …
गोपु -हाँ …हाँ …
(बियर भरद )
इंटरव्यू लीण वळ (गिलास खाली करणो बाद)-गोपीचंद महाराज ! अब मी आखरी मुद्दा पर आंदु
गोपु -अबि बाकि च ?
इंटरव्यू लीण वळ -तू अफु तैं न्यूरोथिरैपी की कैं कैटेगरी मा धरण चांदी मतलब कु वर्ग ?
(विराम )
मतलब त्वे पर क्वा दिमागी बीमारी च ?
(विराम , गोपु तरफ बढ़िक )
क्या दिमागी असंतुलन च …या
गोपु -अरे …पर मि …तो …
इंटरव्यू लीण वळ (धमकाणै भौण ) - रहस्यात्मक ?…संक्रमित रोग ? …अल्कोहॉलिज्म ?…पूर्वजन्यारूप ? …स्रियल किलर ? …या
गोपु -सूण जा अब …मि दारु बिक्रेता छौं …बार टेंडर छौं …
इंटरव्यू लीण वळ (धमकी ) -गोपु ?
गोपु -अरे जा …
इंटरव्यू लीण वळ -तो तू अपण अपराध तैं अस्वीकार करदि ?
गोपु -भाड़ मा जा …
इंटरव्यू लीण वळ -प्रेस से बदसलूकी ?…हैं ?
गोपु -कु डरद प्रेस से
इंटरव्यू लीण वळ (किसौंदन एक न्यूजपेपर निकाळदो )  -अच्छा ! तो तू डेली सिटी न्यूज पढ़दी छे ?
गोपु -हाँ ? म्यार इख रोज आंद
इंटरव्यू लीण वळ -पेपर कु सम्मान च , सच्चाई का मामला मा ?
गोपु -हाँ
इंटरव्यू लीण वळ -आज पौढ़ च ?
गोपु -हाँ
इंटरव्यू लीण वळ -एक देख इख  मा लिख्युं च कि गोपु अबि बि रहस्य बण्यु च …
गोपु -कथगा इ गोपु छन शहर मा
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ शराब विक्रेता गोपु …
गोपु -भौत होला
इंटरव्यू लीण वळ (पेपर पढ़द ) -नै तू ही शराब विक्रेता गोपु …बातूनी पर अब गूंगा , …शेखीबाज गोपु…ग्राम मिजाजी …
गोपु -नै नै …सब गलत च …
इंटरव्यू लीण वळ -मि तैं पूर करण दे …
गोपू शराब  विक्रेता …मुज्जफरपुर  मां रौंद
गोपु (सही करदो )-मुज्जफरनगर
इंटरव्यू लीण वळ -मुज्जफरपुर
गोपु -मुज्जफरनगर
इंटरव्यू लीण वळ (पेपर दिखांद ) -इक मा लिख्युं च शराब विक्रेता मुज्जफरपुर मा  रौंद
गोपु -पर मि मुज्जफरनगर कु छौं
इंटरव्यू लीण वळ -तो …क्या ह्वे गे ?
गोपु -अरे क्या ह्वे गेक क्या मतबल ? …हम कखम छंवां मुज्जफरनगर या मुज्जफरपुर मा ?
इंटरव्यू लीण वळ -चुप रौ …यांसे क्वी फरक नि पड़द …
(पेपर पढ़द )…
गोपु शराब विक्रेता …मुज्जफरपुर मा रौंद …
गोपु -…नगर
इंटरव्यू लीण वळ -पुर
गोपु -नगर
इंटरव्यू लीण वळ -(पढ़द )…गोपुन व्हिस्की की बोतल उठाइ अर अपण बीबीक मुंड पर फ्वाड़…खूनक तालाब …स्त्री की हालात नाजुक व अति गंभीर च 
गोपु -पर मि बुलणु छौं कि …मि मुज्जफरपुर कु नि छौं …मुज्जफरनगर कु छौं
इंटरव्यू लीण वळ -पुर …
गोपु -नगर …
इंटरव्यू लीण वळ -मि त्यार खेल से थकि ग्यों …त्यार नाम गोपु ?च
गोपु -हाँ
इंटरव्यू लीण वळ -तू  विक्रेता छे
गोपु -हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ -यु सब पेपर मा लिख्युं च ?
गोपु -हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ -त तू मुज्जफरपुर रौंद  मुज्जफरनगर मा रौंद यासे क्या फरक  पड़द …
गोपु -पर वु मि नि छौं …यि नि ह्वे सकद …मीन ब्वाल च कि ना …
इंटरव्यू लीण वळ -तीन म्यार सवालुं जबाब नि दे …तीन म्यार समय बरबाद कार …जोकर जन …
गोपु -क्वी मूरख बि समज सकद …किलैकि मि मुज्जफरनगर रौंद …
इंटरव्यू लीण वळ -पुर …
गोपु -नगर …
इंटरव्यू लीण वळ -पुर …
गोपु -नगर …नगर …नगर …मुज्जफरनगर !
इंटरव्यू लीण वळ (वैक गुस्सा बढ़द, बियर का बि असर ) -हाँ हाँ बोल …
(वु  जोर की थाप मरद )
मि अपण लाखों पाठ्कुं ' आंदोलन ' मा लिखुल …कि तीन सच्च तैं पतेड़ … मि लिखुल कि तेरी बेटी से एक बच्चा छौ अर तीन वै बच्चा की बि हत्या कार … जब तेरी घरवळि नी च …रखैल नी च …नौकरानी नी च त बेटी त अवश्य होली …
(गोपु तैं खांसी आदि अर वु पत्रकार तैं रुकणो कोसिस करद पर पत्रकार )
मी लिखुल कि त्यार शराबखाना मा हत्यारों तैं जगा मील्दी , आतंकवाद्यूं तैं जगा मिल्दी , अराजक अर देशद्रोहियों तैं छुपणै जग मिल्दि …तेरी घरवळि पड़ोस्यूँ से गलत संबंध छन …लिखुल कि तेरी फूफू बि बदचलन…तब दिखुल कि प्रेस से कन व्यवहार करण चयेंद …प्रेस की महान आवाज बंद नि ह्वे सकदी …
गोपु -मी भगवान की कसम खांदु कि जु पेपर मा लिख्युं च वु मि नि छौं …किलैकि मि मुज्जफरनगर म रौंदु मुज्जफरनगर
इंटरव्यू लीण वळ -पुर …
गोपु -नगर …नगर …नगर…
इंटरव्यू लीण वळ -मि तेरी जिंदगी बर्बाद कर द्योलु …बदनाम ह्वे जैलि … प्रेस का साथ दुर्व्यवहार नि करण हाँ …प्रेस माने वैश्विक चेतना …तेरि घरवळि कख च ?
गोपु -फिर से मेरि घरवळि ?
(भीख जन वर्ताव )
मेरि घरवळि नी च।
इंटरव्यू लीण वळ -यदि तेरि घरवळि नी च त तू व्हिस्कीक बोतल वींक मुंड मा कनकै फोड़ि सकिद ?
गोपु (अपण तौलिया फिंकद ) - भगवान का वास्ता
इंटरव्यू लीण वळ -कुतर्क से अपण बात नि छुपा …
गोपु -पर …
इंटरव्यू लीण वळ -अब …अपण घरवळि तैं बुला …वैइ सही बात बथै सकदी।
गोपु -नि लै सकुद …किलैकि …
इंटरव्यू लीण वळ -वीं से म्यार मिलण जरूरी च …वींसे सवाल पुछण जरूरी च …
गोपु -औ औ
इंटरव्यू लीण वळ -मि वींक मनोविज्ञान समजण चांदु …
गोपु -सुंगर !
इंटरव्यू लीण वळ -मि वींसे पूर्वनियोजित कार्य का बारा मा सवाल करण चांदु …
गोपु -हरामी
इंटरव्यू लीण वळ -तेरि घरवळि कै किस्मै जनानी च ?
गोपु -अरे ह्वा तब ना …
इंटरव्यू लीण वळ -क्या वा सुंदर च ?
(गोपुक आवाज संट बंद )
क्या वा लम्बी च ?
(चुप्पी )
क्या वा भुरिण च ?
(विराम )
 गंदी गंदी गाळी दींदी ?
( चुप्पी )
क्या तू वीं तैं तंग करदि कि वा तंग करदी ?
(चुप्पी )
अब तक कथगा अबोर्सन करै ऐन ?
(चुप्पी )
एक या द्वी या …यूँ सवालुं जबाब जरूरी च …मेरी खोज का वास्ता यु जणन भौत आवश्यक च कि…पर तैसे क्या आस करण ? …पर फिर बि क्वी बात नी च …
(वु हाथ मल्दो मल्दो चलणु रौंद )
कुछ बात और…
( अग्नै बढ़द त गोपु पैथर पैथर सरकद )
टेलीपैथी का बारा मा क्या विचार छन ?
(चुप्पी )
हिप्नोटिज्म ?
((पत्रकार का कारण गोपू पैथर पैथर हूंद )
कखि जनसंख्या  दिनोदिन कम हूणों बारा मा क्या विचार च ?
(विराम )
साहित्य तैं आशावादी हूण चयेंद कि निराशवादी , सकारात्मक कि नकारात्मक या प्रतीकवादी या प्रकृतिवादी ?
(चुप्पी )
तेरी चुप्पी गवाह  च कि तू प्रेस की तौहीन करणु छे। यूँ सवालुं जबाब से तेरी मानसिकता पता चलदी तो …
(चुप्पी )
मीन तू नि छुड़नी  …प्रेस मा इन लिखुल कि …
(विराम )
चटका लग जाल त्वे पर …एक बियर
गोपु -हाँ …हाँ
(बियर गिलासुंद डाळदु )
इंटरव्यू लीण वळ -अब मि जाणु छौं
(वु गिलास खाली करदु )
मि अब त्यार पड़ोसियुं इंटरव्यू लीणो जाणु छौं अर पड़ोस्यूँ का पड़ोस्यूँ का इंटरव्यू …
(वु गिलास पकड़िक दरवाजा क तरफ जांद )
गोपु -(खाली गिलास गणद )
-रुको …
इंटरव्यू लीण वळ -नही …नै नै …
गोपु -हाँ पर …
इंटरव्यू लीण वळ -अब भौत देर कर दे तीन …अब मि क्वी सफाइ नि सुणण वाळ …
गोपु -हाँ पर साब तुमन म्यार बारा बियर ग्लासक पैसा दीणन
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ पर कबि प्रेस या पत्रकार पैसा दीन्दी क्या ? क्या भोजन क्या दारु ?
(वु खाली गिलास लेक वापस आंद , जोर से गिलास मेज मा धरद , आदि मेज से गिर जांदन अर गोपु सामन उठाण लग जांद अर पत्रकार भैर चल जांद )

गोपु (चकनाचूर सामन पर नजर अर परेशान ) - हे भगवान आज कैक दगड़ मुखाभेंट ह्वे ? हे भगवान कैक दगड मुखाभेंट …
             (परदा )
(केवल नाट्य प्रशिक्षण का वास्ता )


Copyright with Writer's Publisher




































Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  Harmless Garhwali Humor -A Comedy Drama for Children , Garhwali Comedy Skits-A Comedy Drama for Children , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Skits , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya - -A Comedy Children Drama

                                                   सूरजमुखी कु फूल (बाल नाटिका )


                                   बाल  प्रहसन नाटिका संकलन ::: भीष्म कुकरेती


चरित्र -

-सूरजमुखी

-सूरज

सूत्रधार -जब पृथ्वी मा पेड़ -पौधा उगण शुरू ह्वेन तो भौत सा फूल बि उगि गेन। बुरांस , गुलाब , संतराज , मर्च्या, बुगुल आदि अर दगड़म एक छवटु पीलु फूल । एक दिन फूलुं चौपाल बैठ अर निर्णय ह्वे बल लाल गुलाब तै फूलुं राजा बणै द्यावो अर फिर राजा सब्युंक इच्छा पूर्ति वरदान बि द्याल।  त वैदिन गुलाबक ताजपोशी ह्वे अर हरेक फूलन गुलाब से वरदान मांग।  कैन सुंदरता मांग , कैन अाकर्षण मांग , कैन सुगंध मांग , कैन रातम फुलणो वरदान मांग।  पीलु फूलन वरदान मांग कि वु बड़ो फूल बण जावो।  गुलाबन वरदान दे अर पीलु फूल लम्बू हूंद गे , लंबु से लंबू ! पीलु फूल लम्बू हूंद गे अर लतामय ह्वे गे।  पीलु फूल हमेशा दुखी रौंद छौ कि वु हमेशा पड़्यूं रौण , अर दूसरों सारू /सहारा पर इ रौण पोड़ल।  वु  दुखी छौ  , वैन सूरज से मौ मदद लीणो स्वाच।

एक दिन सूरज उगणु इ छौ कि पीलु फूलन सूरज तैं आवाज दे।  सूरजन आवाज सूण।

सूरज -क्वा च ?

पीलु फूल -सूरज जी ! क्या तुम मी तैं सीधो खड़ रौणो सहायता कर सकदां क्या ?

सूरज - अरे तू अफिक सीधो खड़ो नि रै सकुद ?

पीलु फूल -एक दैं मीन फूलुँ राजा से वरदान मांग कि मि तैं बड़ो फूल बणा तो तब से मि बढ़णु त छौं पर मि हौर फूलुं तरां सीधो खड़ु नि रै सकदु।

सूरज -चलो तीन एक पाठ त सीख कि बगैर सुच्यां -समज्यां वरदान नि मंगण चयेंद।  चल मि तेरी एक सहायता कर सकुद कि जब मि अकास मा चमकणु रौल त तू सीधु खड़ रै सकदी।

पीलु फूल -धन्यवाद सूरज दिवता ! अब से जख बि तू जैलि मि अपर मुख त्यार जीना कर द्योलु।

सूत्रधार -अर तब बटें पीलु फूल जना  बि सूरज जांद तना इ पीलु फूल अपण मुख कर दींदु अर सूरज की कृपा से डमडमु रौंद।  अर तब सब फूलुंन वैक नाम सूरजमुखी धौर दे।

   

** एक प्रसिद्ध लोककथा  पर आधारित
10 /3 /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ;  Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Ridicule in Garhwali Language -A Comedy Children Drama  ; Best of  Mockery in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama  ; Best of  Send-up in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama ; Best of  Disdain in Garhwali Language- a Comedy Kid Stage Play  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language a Comedy Kid Stage Play   ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar a Comedy Kid Stage Play  ;
Garhwali Vyangya a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Hasya a Comedy Kid Stage Play a Comedy Kid Stage Play  ,  Garhwali skits a Comedy Kid Stage Play  ; Garhwali short skits a Comedy Kid Stage Play  a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Comedy Skits a Comedy Kid Stage Play  , Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits a Comedy Kid Stage Play   
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  Harmless Garhwali Humor -A Comedy Drama for Children , Garhwali Comedy Skits-A Comedy Drama for Children , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Skits , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya - -A Comedy Children Drama 

                           ना काटा  …तौं डाळयूँ    (एक लघु बालनाटिका )                                     

                                            लकड़हारा और पेड़ 


                 बाल  प्रहसन नाटिका संकलन ::: भीष्म कुकरेती

                  चरित्र

ननि  नौनि

लकड़हारा

 डाळ

खरगोश

चखुलि

सूरज

फूल

बतख

                         सामान

कुलाड़ी

गिंदि

                              -पैलु अंक -

(स्टेज मा पेड़ ,  वसंत , सुबेर , घाम आणु च , चखुलि गाणा गाणा छन , नेपथ्य मा क्लासिकल संगीत )

डाळ (रुणु च )

छुटि नौनि (स्टेज मा प्रवेश )- मेरि गिंदि कख गे होलि ? यि सब इलै हूणु च किलैकि मीन अपण ब्वेक बुल्युं नि मान (दिखणेरुं याने   दर्शकुं तरफ ) कैन मेरि गिंदि बि द्याख ? (डाळौ तरफ दिखदि)  हैं ये डाळ! तू रुणु किलै छे ? किराणि किलै छे ? दुखि  किलै छे ? क्या ह्वे ? कैन पीट ? (दिखणेर याने  दर्शकुं से पुछदि ) तुमन डाळपीट ?

डाळ-कैन नि मार मितै।  तू अबि ननि छे।  तीन नि समजण। नाम क्या त्यार ?
छुटि नौनि- छुटकी ! हाँ पर बता ना ! परेशानी क्या च ?
खरगोस (स्टेज मा तेजी से प्रवेश करद )- ! तेरी समज मा नि आयि ! तेरी समज मा नि आई ! (वैक धक्का से नौनि गिरदी अर वू बि )
नौनि -उफ़ ! देखिक चौल ! (भैर ह्वे जांद )
खरगोस -सॉरी हाँ , सॉरी !  … क्या परेशानी च ? (अब डाळ से पुछद ) त्वे तैं जुकाम लग्युं च  या तू रुणु छे ?
छुटि नौनि अर खरगोस - हाँ हाँ बोल ! बथा !
डाळ- एक चखुलिन बवाल बल मि तैं कटणो एक लकड़हारा आणु च।
खरगोस - डाळु  त्वै तैं काटणो लखड्वेर आणु च , लकड़हारा आणु च, वुडकटर आणु  च ?  (बतख , चखुलि , फूल स्टेज मा प्रवेश करदन ) काटणो आणु च ? त मि कख लुकुल ? कख छिपुल ?

चखुलि -मि अपण घोल -घोंसला कख बणौलु ?

बतख - मि क्या खौंलु ?

फूल - अर हम तैं छैलु -छाया कु द्यालु ?

सूरज - जंगळ कथगा दुखी ह्वालु ? अब मि अपण किरण कै तैं देलु जाँसे मेरी ऊर्जा संसार तै मिल जावो ? डाळ मेरि ऊर्जा तैं बदलिक संसार तैं दींदन।  ये मेरी ब्वै !

खरगोस - मि तेरी तरफ बिटेन लड़ुल (बौंळ  बिटाँद )

चखुलि - ले ऐ गे !  लकड़हारा ऐ गे।  सम सब तैं एक ह्वे जाण चयेंद हाँ !

                     -अंक दुसर -

लखड्वेर (सीटी बजान्द बजांद प्रवेश ) -कै डाळ काटुं ? एकि त कटण ! (डाळ तैं दिखुद ). अहा सही डाळु च (कटण शुरू करद ) (खरगोस आंद अर वैकि कुलड़ि लुठिक भीम चुलै दींद , लखड्वेर खौंळेन्द , इना -उना दिखुद , कुलड़ी उठान्द   अर काटणो कोशिस करद। चखुलि आंदी अर कुलड़ि भीम चुलै दींदि ) अरे आज क्या हूणु च यी जीव अजीब हरकत करणा छन ( कटण शुरू करद अर डाळ किरांदु )

डाळ - ना काटो ना काटो

नौनि (स्टेज माँ प्रवेश ) - तू चिताणि नि छे बल स्यु कन किराणु च

लखड्वेर - कु किराणु च ? डाळ ? डाळु फिकर कु करद ? (दिखणेरुं से ) क्या तुम डाळु फिकर करदा क्या ?

नौनि -हम करदां।  पेड़ हमर रक्षा करद , हम तैं भोजन दींद , फल दींद , हवा साफ़ करद  , अर   … अर  हमर दगड्या च। अर पता च बांजक डाळ पाणि बि रुकद अर डाळ पैरी पड़न याने भूस्खलन बि रुकदन हाँ !

लखड्वेर - अरे म्यार  बि परिवार च , पेड़ काटिक भोजन बणौला , लखड़ जगैक गरमी ह्वेलि, हम सब आग तपला।

नौनि -लखड़ इ चयाणा छन तो कखि हौर जा।  सुक्युं डाळ खुज्या , सुक्यां फौन्टी खुज्या। यू हौर डाळ हमर दगड्या च अर हमन ये तैं बचाण हाँ ! (स्टेज से भैर )

खरगोस - तू इथगा इ बादुर छे तो म्यार दगड़ लौड़ ! ये डाळ ! तू फिकर नि कौर मि त्यार तरफांन लड़ुल !

लखड्वेर (खरगोस पर थप्पड़  लगांद )-तू किलै लड़न चांदि ?

खरगोस - मी ? अरे कैक दगड़ ? लड़णै बात कैन कार ? (स्टेज से भैर जांद )

नौनि (स्टेज मा प्रवेश, पेड़ पर अंग्वाळ बटदि )-हमन  त्वे तैं नि छुड़न।  त्वे से पैल वैकि कुलाड़ि हम पर चललि !

लखड्वेर (प्रभावित ह्वेक ) -ठीक च! इथगा इ काफी च। मि सुक्यां लखड़ खुज्यौल  ....  मि क्वी धुर्या मनिख , क्रूर मनुष्य या रागस थुड़ा छौं  …  ( दिखणेरुं से ) क्या छ इन भौण मा में दिखणा , हैं ? हाँ मेरि समज मा बात ऐ गे।  हौर डाळु तैं नि कटण चयेंद।

नौनि (खुसी से ) - हमन अपर काम कर याल ! हमन अपर काम कर याल ! हमन अपर काम कर याल !

खरगोस  (स्टेज मा प्रवेश )- कख गे वु ?

नौनि - चल गे , समज गे , अब हमर दगड्या सुरक्षित च।

डाळ -मि भौत खुस  छौं।  सबि जुगराज रयां।

सबि थड्या गीत गांदन -

ना काटा  …तौं डाळयूँ  …
डाळयूँ ना काटा  … चुचों डाळयूँ ना काटा , तौं डाळयूँ ना काटा , दिद्यों डाळयूँ ना काटा

ना काटा  …तौं डाळयूँ  …
डाळयूँ ना काटा  … चुचों डाळयूँ ना काटा , तौं डाळयूँ ना काटा , दिद्यों डाळयूँ ना काटा

डाळि कटेलि त माटि बगेली , डाळि कटेलि त माटि बगेली ,

कूड़ी ना , पुंगड़ि ना , ना डोखरि बचलि

घास लखड़ा ना खेती ही रालि , घास लखड़ा ना खेती ही रालि ,

बोल तेरी आन औलाद क्या खालि , बोल तेरी आन औलाद क्या खालि ,

ना काटा  …तौं डाळयूँ  …
डाळयूँ ना काटा  … चुचों डाळयूँ ना काटा , तौं डाळयूँ ना काटा , दिद्यों डाळयूँ ना काटा

ना काटा  …तौं डाळयूँ  …
डाळयूँ ना काटा  … चुचों डाळयूँ ना काटा , तौं डाळयूँ ना काटा , दिद्यों डाळयूँ ना काटा

** एक प्रसिद्ध लोककथा  पर आधारित
11 /3 /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हास्य व्यंग्य  रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ;  Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Ridicule in Garhwali Language -A Comedy Children Drama  ; Best of  Mockery in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama  ; Best of  Send-up in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama ; Best of  Disdain in Garhwali Language- a Comedy Kid Stage Play  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language a Comedy Kid Stage Play   ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar a Comedy Kid Stage Play  ;
Garhwali Vyangya a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Hasya a Comedy Kid Stage Play a Comedy Kid Stage Play  ,  Garhwali skits a Comedy Kid Stage Play  ; Garhwali short skits a Comedy Kid Stage Play  a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Comedy Skits a Comedy Kid Stage Play  , Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits a Comedy Kid Stage Play   
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!



Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  Harmless Garhwali Humorous Children Stage Plays -A Comedy Drama for Children , Garhwali Comedy Skits-A Comedy Drama for Children , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Skits , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya - -A Comedy Children Drama

                                                     मूसुं खबळिs  (चूहेदानी )


                                   बाल  प्रहसन नाटिका संकलन ::: भीष्म कुकरेती

(s = आधा अ )

--------------------नाटिका चरित्र ---------------

आदिम

जनानी

मूसु

डाक्टर

मुर्गी

बुगठ्या

सुंगर

--------------साजो सामान-------------------

चूहेदानिक बक्सा

साबुनदानी

थर्मामीटर

सूत्रधार -एक मूस दीवालो दुंळ बटें दिखुद बल यां एक आदिम अर एक जनानी एक बक्सा खुलणा छन।

मूस (अफि अफिक , स्वगत ) - हूँ ! छ तो स्यु पैकेट सुंदर च।  इख पुटुक क्या भोजन होलु ?

सूत्रधार - ये मेरि ब्वे ! जब मूसन चूहेदानी द्याख त वैक पुटुक चयाळ पड़ि गेन , आत्मा परमात्मा हिल गेन। वु हौर मूसुं तैं बथाणो दुंळ से भैर गे।

मूस (धै लगैक ) - सूण ल्यावो ! सूण ल्यावो ! टक्क लगैक सूण ल्यावो ! तख चूहेदानी च   .... मकानम चूहेदानी च   .... चूहेदानी

सूत्रधार - एक मुर्गी जमीनक कीड़ा टिपद टिपद ब्वाल ।

मुर्गी -ये  भै ! मीन सूण बल तुम भारी बिपदा मा छंवां।  पर मेकुण फिकरै बात नी च।  मि चिंता नि करदु।

सूत्रधार - मूस और चिंतित ह्वे अर वु ढिबरम गे।

मूस - मिस्टर बुगठ्या  ! तख मकानम चूहेदानी च।

बुगठ्या  - ब्या ब्या अ अ , मि तैं लगद यु मेकुण नी च। पर भये मि कुछ नि कौर सकुद।  हाँ मि प्रार्थना कर सकुद।  शांत चित से रौ।  मेरी दुआ छन त्यार दगड़।

सूत्रधार -तब मूस गौडिम गे।

मूस - मिसेज सुंगर  ! तख चूहेदानी च।

सुंगर  -हाँ तो ? क्या मि बिपदा मा छैनूं ? मे नि लगद कि मे पर कुछ फरक पोड़ल।

सूत्रधार -तब दुखी मूस छुपणो भितर कखि बैठि गे। वींइ रात जब सब जगा चुप्पी छे तो एक बड़ी आवाज आई।  इन लग जन चूहेदानी मा क्वी शिकार फंस गे। जनानी भाग कि चूहेदानी मा कु फंस।  वींन अन्ध्यर मा नि देख कि चूहेदानी मा  विषैला गुराक पूँछ फँस्युं च। सांपन वीं जनानी क खुट तड़कै दे।

जनानी - ये ब्वे ! मि तैं गुरान तड़कै दे (वा बेहोश ह्वे गे )

सूत्रधार - अदिमान डाक्टर भट्याइ।

डाक्टर - अब विषक प्रभाव तो खतम ह्वे   गे।  पर तुमर घरवळि तैं तेज बुखार च।

आदिम - क्या करे जाव ?

डाक्टर - यूँ तैं मुर्गिक रस्सा पिलाओ। रस्सा पेकि वींक बुखार उतर जाल।

सूत्रधार - अब आदिम अपण चौक मा गे अर मुर्गी तैं पकड़णो वींक पैथर भाग।

आदिम - सूण इना आ मीन अपण घरवळि कुण मुर्गी  रस्सा बणाण।

मुर्गी - मुर्गिक रस्सा ! भागो।

सूत्रधार -पर आदिमन मुर्गी पकड़ अर रस्सा बणै , अपण घरवळि तैं पिलाई।

आदिम - अब मेरी घरवळक हालत मा सुधार ह्वे गे।  कमजोरी नी जाणि च।  डाक्टरन ब्वाल कि यीं तैं बुगठ्याक मांस अर डौण्यूँ रस खलावो।  त अबि बुगठ्या मरण आवश्यक च।

बुगठ्या - नमस्कार ! आज मजेदार दिन च। घाम ना तेज ना कम !

आदिम - बुगठ्या तैयार ह्वे जा।  आज तेरी शिकार बणान अर डौण्यूं रस  …

सूत्रधार - फिर आदिमन अपण जनानी तैं बुगठ्याक शिकार खलाई अर डॉंण्यूं रस पिलाइ। अब आदिमक घरवळि बिलकुल ठीक ह्वे गे।  त यार दगड़्योँन जिम्नो /पार्टीक मांग कर दे अर सुंगरौ शिकार की ख्वाइश कार। पार्टीक दिन जीमणों /पार्टीक दिन आदिम सुंगर मरणोचौक मा गे।

आदिम - आज जीमण च।

सुंगर - ऑ त  तुम  मि तैं न्यूत दीणो अयाँ छंवां ?

आदिम - हाँ आज त्यरो मांस पकाये जालु।

सूत्रधार - ये तरह से सुंगर बि मारे गे। मूस अब मुसदुंळ से भैर ऐ गे।

मूस -द्याखो जब क्वी मुसीबत मा ह्वाओ त इन नि समजो कि तुम पर मुसीबत नि आली किलैकि चूहेदानी  घौरम हो तो  मुसीबत हरेक पर इ आली । हम तैं वूंक सहायता अवश्य करण चयेंद जौंतैं सहायता की जरूरत हो।

 

** एक प्रसिद्ध लोककथा  पर आधारित
13 /3/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ;  Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Ridicule in Garhwali Language -A Comedy Children Drama  ; Best of  Mockery in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama  ; Best of  Send-up in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama ; Best of  Disdain in Garhwali Language- a Comedy Kid Stage Play  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language a Comedy Kid Stage Play   ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar a Comedy Kid Stage Play  ;
Garhwali Vyangya a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Hasya a Comedy Kid Stage Play a Comedy Kid Stage Play  ,  Garhwali skits a Comedy Kid Stage Play  ; Garhwali short skits a Comedy Kid Stage Play  a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Comedy Skits a Comedy Kid Stage Play  , Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits a Comedy Kid Stage Play   
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!



Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  Harmless Garhwali Humor -A Comedy Drama for Children , Garhwali Comedy Skits-A Comedy Drama for Children , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Skits , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya - -A Comedy Children Drama

                                               होशियार छौना -छौनी

                                   बाल  प्रहसन नाटिका संकलन ::: भीष्म कुकरेती

         -- चरित्र -

सूत्रधार

बखरि

बखरिक छौना (बच्चा )

स्याळ

सबसे छुटि छौनि

सूत्रधार -एक दिन बखरि तैं अपण बच्चों बान भोजन पाणि निड़ाणो बान भैर जाण पोड़।

बखरि (छौना -छौन्युं कुण )-  सूणो ! क्वी बि ह्वावु द्वार नि खुलिन।  बस  जब मि हूँ तबि द्वार खुलिन।  अर हां स्याळ से सावधान रैन हाँ।

सूत्रधार - बखरि जांदि अर कुछ देरम स्याळन द्वार खखटै।

छौना -  कु च ?

स्याळ (बखरिक आवाज मा ) - तुमर ब्वे।  द्वार ख्वालो।

सबसे छुटि छौनि -नै हमर ब्वेक आवाज त भौति मयळि आवाज च।  तू स्याळ छे।

सूत्रधार - स्याळ चल जांद , थुड़ा देरम वु फिर आयि। अबै दैं वैन और बि मयळि आवाज मा धै लगै -बल द्वार ख्वालो।

सबसे छुटि छौनि - जरा अपण  खुरड़  दिखादि

सूत्रधार - स्याळन  अपण खुरड़ दिखाइ।

नन्हा छौना -छौनी - नै नै ! हमर ब्वेक त सुफेद खुरड़ छन जब कि त्यार त काळ खुरड़ छन (फटाक से ऊंन द्वार भेड़ि दे )

सूत्रधार - स्याळ अपण खुरडूं मा सफेद आटु लगाणो बान दौड़ पर ये चक्कर मा वु नदी मा पोड़ि गे अर डुबण लग गे।

स्याळ - बचाओ ! बचाओ ! मि डुबणु छौं।

सूत्रधार - तना बखरि छे।  वींन आवाज सूण।

बखरि - यदि तू प्रण करिल कि हम तै नि खैली तो हम त्वे तैं बचौला!

 स्याळ - मि कसम खांदु।

सूत्रधार - तब बखरि अर छौना -छौन्युंन नदी एक रस्सी फेंक अर स्याळ भैर आई।

स्याळ -धन्यवाद तुमन मेरी जान बचाई।  मि अब जंगळ जिना  जाणु छौं।

सूत्रधार - बखरि खुस छे कि बच्चा सही सलामत छन अर शत्रुओं से बचण सीखि गेन।


** एक प्रसिद्ध यूनानी  लोककथा  पर आधारित
143/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ;  Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Ridicule in Garhwali Language -A Comedy Children Drama  ; Best of  Mockery in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama  ; Best of  Send-up in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama ; Best of  Disdain in Garhwali Language- a Comedy Kid Stage Play  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language a Comedy Kid Stage Play   ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar a Comedy Kid Stage Play  ;
Garhwali Vyangya a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Hasya a Comedy Kid Stage Play a Comedy Kid Stage Play  ,  Garhwali skits a Comedy Kid Stage Play  ; Garhwali short skits a Comedy Kid Stage Play  a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Comedy Skits a Comedy Kid Stage Play  , Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits a Comedy Kid Stage Play   
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!



Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  Harmless Garhwali Humor -A Comedy Drama for Children , Garhwali Comedy Skits-A Comedy Drama for Children , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Skits , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya - -A Comedy Children Drama

                                                हाथी की अलग अलग व्याखा


                                   बाल  प्रहसन नाटिका संकलन ::: भीष्म कुकरेती

-----------------चरित्र -----------

नौनु

चक्षुहीन  -१

चक्षुहीन  -२

चक्षुहीन  -३

चक्षुहीन  -४

चक्षुहीन  -५

चक्षुहीन  -६

मार्गदर्शक

        -----------नाटिका आलेख --

                  ----मंच सेटिंग -जख हाथी चलद ----


नौनु - आवा आवा ! हाथी आणु च।  हाथी दिखला , हाथी दिखला , हाथी आणु च।

(चक्षुहीन लोगुं  मंच मा प्रवेश )

चक्षुहीन १ - मि तैं पता नी च हाथी कन हूंद।

चक्षुहीन २  - मि तैं बि नी पता।

चक्षुहीन  ३ -मि तैं बि नी पता।

चक्षुहीन ४  -हाथी कन हूंद जाणनै मेरी बड़ी इच्छा च।

चक्षुहीन ५ -जग्वाळ करदां अर वै पर हाथ लगैक छू ला

चक्षुहीन ६ -हमर अंगुळी इ हमर हाथ छन तो हम हाथक स्पर्श से पता लगौला कि हाथी कन हूंद।

मार्गदर्शक - सावधान हाथी ऐ गे।

चक्षुहीन १ - मीन हाथी कबि नि देख मि तैं स्पर्श करण द्यां।

मार्गदर्शक - , डरो ना ,  यु  हाथी बड़ो सांत च। स्पर्श कारो

चक्षुहीन १  (हाथीक लद्वड़  याने शरीर स्पर्श करिक ) -मीन देखि याल।   अरे हाथी तो एक खुरदरी दीवाल जन हूंद।

चक्षुहीन २ (पैर स्पर्श करिक ) - नै नै।  तू झूट बुलणु छे।  हाथी तो खड़ो डाळ जन हूंद।

चक्षुहीन ३ - चलो झूठ नि ब्वालो।  हाथी तो भाला जन हूंद

चक्षुहीन ४- नै हाथी तो लतमड़ु सुप जन हूंद।

चक्षुहीन ५ - तुम सब बेवकूफ छंवां।  म्यार हाथ से अधिक संवेदनशील तुमर हाथ नि छन। हाथी त डुडड़ जन याने रस्सी जन हूंद।

चक्षुहीन ६ -सब झूठ बुलणा छन।  हाथी तो गुरा जान याने सांप जन हूंद।

चक्षुहीन - तुम सब झूठा छंवां

सबी एकैक करिक  - तू झूठा।

सबि एकैक करिक - मि होशियार छौं।  तुम सब मुर्ख छंवां। मीन त्यार दगुड़ नि करण।  आज से म्यार रस्ता अलग अर त्यार रस्ता अलग।

मार्गदर्शक - लडो नही , लडो नही , झगड़ा नहीं।

सब एकैक करिक - मि सचु छौं।

मार्गदर्शक - सूणो मि बतौल सच क्या च। जैन हाथीक पेट पर हाथ लगाई वैन ब्वाल दीवाल च , जैक हठ खुट पर लगिन वैन हाथी तैं पेड़ समज ; जैन कन्दुड़ पर हथ धार वैन हाथी तैं कोमल सुप्प समज ; जैन पूछ पकड़ वैन रस्सी समज , सूंड तैं एकान भाला समज तो हैंकान गुरा समज।

चक्षुहीन १- हमन लाट -कालों तरां ब्यवार कार।

चक्षुहीन २-हम सब गलत छया

चक्षुहीन ३- हम सब गुस्सा हूणा छया।

चक्षुहीन ४ -हम बगैर समज्यां बुज्याँ  एक दुसर तैं मूर्ख बुलणा छया।

मार्गदर्शक  - असल मा  हरेकन बगैर पूरो अध्ययन कर्याँ निर्णय ल्याइ। जब तक पूरी बात नि समजो तो निर्णय कदापि नि लीण चयेंद।

चक्षुहीन ५ - हाँ निथर हाथी तो एक इ  छौ पर हम वैकि व्याख्या अपण अपण ढंग से करणा छया।

तो आज से हम जब तक पूरी बातक अध्ययन नि करला अपण निर्णय सुदि नि करला।

सबि चक्षुहीन - धन्यवाद मार्गदर्शक जी !

मार्गदर्शक (हाथी मा चढ़िक अग्नै बढ़िक ) हाँ सच जाणणो बान हरेक भाग की छाण निराळ करण आवश्यक हूंद।

सबि चक्षुहीन - चलो सब ठीक ह्वे गे अब फिर से दोस्ती।

** एक प्रसिद्ध लोककथा  पर आधारित
15/3/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
 Best of Garhwali Humor in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ;  Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Ridicule in Garhwali Language -A Comedy Children Drama  ; Best of  Mockery in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama  ; Best of  Send-up in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama ; Best of  Disdain in Garhwali Language- a Comedy Kid Stage Play  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language a Comedy Kid Stage Play   ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar a Comedy Kid Stage Play  ;
Garhwali Vyangya a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Hasya a Comedy Kid Stage Play a Comedy Kid Stage Play  ,  Garhwali skits a Comedy Kid Stage Play  ; Garhwali short skits a Comedy Kid Stage Play  a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Comedy Skits a Comedy Kid Stage Play  , Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits a Comedy Kid Stage Play   
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!




Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  Harmless Garhwali Humor -A Comedy Drama for Children , Garhwali Comedy Skits-A Comedy Drama for Children , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Skits , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya - -A Comedy Children Drama 


                                 

                               ह्यां ! म्यार सूटकेस कख च ?

                    बाल  प्रहसन नाटिका संकलन ::: भीष्म कुकरेती


--चरित्र -

बच्ची

जनानी

मरद

एक आवाज

दुसरि अवाज़

               (ट्रेनौ भितर , ट्रेनक फस्ट क्लासौ डब्बा माँ एक जनानी , बच्ची अर एक आदिम  यात्रा करणा छन )

आवाज - दिल्ली -कोयंबटूर एक्सप्रेस प्लीटफार्म नंबर मा ऐ गे।  सबि जत्र्यूँ कु स्वागत    …ट्रेन संख्या   …

 

आदिम -जरा मि थोड़ा देरौ कुण तौळ जाणु छौं

जनानी - जरा पता लगै देन कि ट्रेन जादा देर ठैरली कि ना !

आदिम - हाँ ठैरली।  इकम ट्रेनमा पाणि जि भर्याल।

अवाज - भैरों ! ध्यान द्यावो , ट्रेन स्टेसनम द्वी मिनट रुकलि , द्वी मिनट  ....

हैंकि आवाज - बड़ा पाव पाँव ! बड़ापाव  , मर्चण्या बड़ा पाव   ....

बच्ची -ममी मीन बड़ा पाव खाण

जनानी - इस्स  ! त्वी बि   … ननिन न क्या बोलि छौ कि जात्रा करद दैं कतै बि कचर पचर नि खाण चयेंद।  त्वै तैं कुछ बि याद नि रौंद।  मि तैं लगणु च हमन स्यु आदिम कखिम दिख्युं च , कखम देख होलु ? क्खम देखि   .... हाँ वैदिन त्यार बुबा जी, मी  अर तू  गोलगप्पा खाणा छया तो यु आदिम एक मोटि जनानिक दगड़ हौंसिक छ्वीं लगाणु छौ।  अब बता इथगा मोटि अर फैसन द्याखो वींक ! ए आदिमक शालीन कपड़ा पैर्यां छ अर वींक ए मेरि ब्वे   … ! यु आदिम वीं  .... याद च ?

बच्ची -मि तैं याद नी च।

जनानी -त्यार त यी हाल छन।  मि कै तैं एक दैं देख ल्यूं तो फिर नि बिसरदु।

आवाज - दिल्ली -कोयंबटूर का यात्री ध्यान द्यावो , ट्रेन छुटणि च , ट्रेन छुटणि    ,,,,

जनानी -ये मेरी ब्वै ! ट्रेन छुटणि च अर स्यु आदिम अबि तलक नि ऐ।  जरा खिड़की से त देख कि कखि स्यु उखी प्लेटफार्म मा बड़ा पाव त   …

बच्ची -ना , कखि बि नी दिखेणु च।
जनानी -यु आदिम उखि छुट गे , उखि छुट गे।  यीं सरकारौ कुण बिजोग पोड़ल, यात्रियुं  पर कुछ बि ध्यान नि दींदि। वु कै हैंक डब्बा मा त नि चड़ी गे ?

बच्ची -ना ना ! वैक सूटकेस तो इखि च।

आवाज - यात्रीगण ध्यान दें , एक यात्री जो दिल्ली -कोयंबटूर ट्रेन से यात्रा कर रहा था वह प्लेटफार्म  …

जनानी -ये मेरि ब्वै ट्रेन चलण बिसे गे अर वैक सर्कस इखि रै गे।  जरा तै सूटकेस तैं इना सरका।  खिड़की से भैर फेंकी दींदा।  प्लेटफार्म से उठै ल्यालु।  ये कुली भया , ये कुली भया ! एक आदिम प्लेटफारम पर छुटि गे   … वै तैं वैक सूटकेस दे दे हाँ।  पकड़  … वो पकड़ याल। । कुली चुस्त च , फट पकड़ी दे वैन   … यात्री बिचारो  … आ ! अब जैक सेळि  पोड।  कैक सहायता करण से दिल तैं बड़ी शान्ति मिल्दी।  तेरी ननि बुल्दि च कि ना मनुष्यों तैं सब्युंक सहायता करण चयेंद।  अहा सेळि  !

बच्ची -ममी ट्रेन अब तेज व्है गे मि सीणु छौं।
जनानी -ठीक च मि फ़िल्मी बकबास पत्रिका पढ़ लींदु।
आवाज - कृपया ध्यान दें ! दिल्ली -कोयंबटूर से आने वाली ट्रेन आ पंहुची है और प्लेटफारम दो पर एक मिनट के लिए रुकेगी। । दिल्ली के यात्री   ....
(इथगा मा उ आदिम दरवाजा पर खड़ु हूंद )

जनानी -तुम ?

आदिम -हाँ मि पैथरक डब्बा मा छौ।  उख   म्यार  …

जनानी - तो तुमसे ट्रेन नि छूट ?

आदिम - ना। मि त दुसर डब्बा मा उख म्यार दोस्त  ....

बच्ची सूटकेस   … ?

जनानी -हाँ सूटकेस। … ?
आदिम -हैं क्या ह्वे ?
जनानी -सूटकेस !
आदिम -सूटकेस , कु सूटकेस ?
जनानी -हमन समज कि तुम प्लेटफारम पर इ छुट गेवां।
आदिम -त ?
जनानी -त क्या ? हमन तुमन सूटकेस प्लेटफारम मा फेंकि दे।
आदिम -पर वु सूटकेस म्यार त छैंइं नि छौ।
जनानी -पर उ त तुमर इ सीटौ तौळ छौ ?
आदिम -हाँ अर मीन समज कि उ सूटकेस तुमर च।  म्यार सूटकेस त दुसर डब्बा मा दगड़्यों पास च।
बच्ची - तो सूटकेस कैक छौ।
आवाज - यात्रीगण कृपया ध्यान दें।  पिछले स्टेसन में किसी ने दिल्ली -कोयंबटूर ट्रेन से एक सूटकेस प्लेटफारम पर फेंका था।  उस सूटकेस में बम मिया है।  बम डिफ्यूज कर दिया।   अब दिल्ली -कोयंबटूर एक्सप्रेस की तलासी ली जाएगी।  कृपया अपनी जगह पर ही रहे और पुलिस पूछताछ में सहयोग करें !
जनानी -ये मेरी ब्वे ! तो वै सूटकेस माँ बम छौ ?
आदिम -क्या ? बम ?
बच्ची - ममी ! तू ना !  नानीक बुल्युं पर ध्यान नि दींदि , ननिन बोल बि छौ , अनजान वस्तुओं को  ना छुएं और उसकी जानकारी सरकारी अधिकारियों को दें !

आवाज -यात्रीगण ध्यान दें   …

19/3/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ;  Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language -A Comedy Drama for Children ; Best of  Ridicule in Garhwali Language -A Comedy Children Drama  ; Best of  Mockery in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama  ; Best of  Send-up in Garhwali Language  -A Comedy Children Drama ; Best of  Disdain in Garhwali Language- a Comedy Kid Stage Play  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language a Comedy Kid Stage Play   ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  a Comedy Kid Stage Play  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar a Comedy Kid Stage Play  ;
Garhwali Vyangya a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Hasya a Comedy Kid Stage Play a Comedy Kid Stage Play  ,  Garhwali skits a Comedy Kid Stage Play  ; Garhwali short skits a Comedy Kid Stage Play  a Comedy Kid Stage Play  , Garhwali Comedy Skits a Comedy Kid Stage Play  , Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits a Comedy Kid Stage Play   
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!



 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22