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Kumaoni-Garwali Words Getting Extinct-कुमाउनी एव गढ़वाली के विलुप्त होते शब्द

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खीमसिंह रावत:
कुछ शब्द तो वास्तु के नहीं होने से भी गायब हो रहे हैं जैसे
कोहडि
हड़पी
मस्दै
 ;)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

ठौर -   मतलब - जगह

शायद ठौर आजकल कम ही बोल चाल में प्रयुक्त होता है!  मुझे आज रहने के लिए ठौर (जगह) मिलेगी!

गिज - यह शब्द सामने के दातो के लिए प्रयुत होता है!

खीमसिंह रावत:
सुराव = पजामा

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

१)   गाद -   गोद या आँचल 

 


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

निमुझी - उदास लगना, किसी कार्य पर दिल नहीं लगना

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