रौख्ड - नदी के किनारे के मैदान, जैसे - तेर्मोक भैस पार रौख्ड मैं चर्नोऊ|
निस्वाश - दुःख भरा शब्द, जैसे - म्यार बज्युक तम्मन दिनों बठी चिट्टी न आरे मी खान निस्वाश लग्गो|
कुच्ची - ताला, जैसे - बाज्यू इल्मरि मैं कुच्ची लगारै|
गरोव्वी -लकड़ी के डंडों से बना घर के आँगन का गेट, जैसे - वो इजा गरोव्वी लगा रै|
ख्वर - शिर, जैसे - आज तम्मान ख्वर पीड़ हैगे|
मुर - मच्छर, जैसे - दाज्यू आज तम्मान मुर बुकुने|
शिश्त - निशाना, जैसे - दाज्यू आमै दान मैं शिश्त मार द्यू|
कव्स्यक - सांवला, जैसे - राजूक भिन कव्स्यक छान|
जाव - खिड़की, जैसे - राजू जाव बठी चा धं कु औनो|
पटौर - माकन की दिवार मैं बनी अलमारी, जैसे -राजू पटौर मै दूध छ चा धं|
द्य्वी - माकन का मुख्य द्वार, जैसे - राजू द्य्वी बठी चा धं कु ओउनो|
चुलान - रसोई, जैसे - दाज्यू इज चुलान मैं छ|
चाख - बैठक वाला कमरा, जैसे - बाज्यू माम दगड़ी चाख मै बैठ्याँ छान
कुन्दन सिंह कुल्याल
लाधिया घाटी (चम्पावत)