ईजक संसार
भै ईज संसार हो !
ईज भै तयार हों,ईज क संसार हो !
दुःख में पूछै ईज
भूख में पूछै ईज
तू के खाले कै ईज
तू काँ जालै कें ईज
गर्व में पावें ईज
दुःख कै टावै ईज
जो जाणों ईज कणी,ईज घर द्वार हों
नानों गू कै ध्वे ईज
मुतैल भीजै ईज
भौ कणी नवै ईज
तेल चपौड़े ईज
भल कें बतें ईज
नक कें भुलें ईज
सबने भली ईज
ईज हरिद्वार हों
कतुक ठेलें ईज
कतुक बतें ईज
आदू पेट खें ईज
आदुक बचें ईज
ओलाद कणी ईज
कै भल मानें ईज
ओलाद लिजी वीहों
कतुक जंजाल हों
भै इज्ज संसार हों