काहुं जां भ्रष्टाचार
अमरिका बै पड़ि, धाद,भारत वालो!/
भलि कै, करो बात.
कुण लागि,विक्टोरिया न्यूलैण्ड,/
प्रवक्ता अमरिकाक, विदेश विभाग.
हमरि धाक, पुर दुनि में,/
भ्रष्टाचार मामुल, लोकतांत्रिक अनशन.
बिगराड भै, हमरि नीति,/
उकैं समर्थन, करूं क्वे शान्तिपूर्ण प्रदर्शन.
मन्त्री कुनैई भ्रष्टाचार मिटुण हुं,/
गैरवाजिब छु अन्ना य प्रदर्शन .
मिलण लाग मौक ,य भीतेरैकि बात,/
लोकपाल बिल क, लिज़ि अनशन .
क्वे कुनैई ब्लैकमेलर उनुधैं,/
सवाल! को छा तुम?के छा? निकरो ज़िद.
जबाब उनों ,जनसेवा करुं मन्दिर में रौं,/
सेना में रैंई, ईतुलै न्है तों मैं सिद.
आब लाल किलै कि, प्राचीर बटि,/
भारत क प्रधानमंत्रील, उठै हेलौ सवाल.
के लै मदद नि कर सकन य अनशन,/
निकरो जनलोकपाल क लिज़ि य बबाल.
भ्रष्टाचार कैं मिटुण, हमरि पैलि चाहत छु,/
संसद में ल्यूनियां, हम एक मजबूत लोकपाल.
एक भै विधान, एक ढंग छु,/
उमैं नि बैठ सकौ, तुमर जनलोकपाल.
गिरफ्तार करि तिहाड़ जेल खिति अन्ना,/
वैं बै करण लाग अनशन.
जनलोकपाल बिल कैं ,/
मिलण लागि, भारि जन समर्थन.
एकबटिण जनता, /
घेरि हालौ जेल तिहाड़.
मैं छु अन्ना, मैं छु अन्ना,/
पड़ि गे दहाड़.
तिहाड़ भेजणैकि सला,/
हैगे भारि भूल.
सरकाराक आब जै,/
हिलण लागिं चूल.
अनशन रोकणैं कि, य चाल,/
फ़िट नि भै , हैगे बेकार.
अनशनै कि लिज़ि जाग,/
आपुड़्हाथि बणैं बेर दिनै सरकार.
ज्वान- बुड़, मुंड- झुंड रामलिलौ मैदान,/
जनता जनार्जन दौड़ गे, जसि ऎं आंधी.
सबनै हाथन मैं छु तिरंग,/
नार लाग्नैई, अन्ना, तुम छा, आजक गांधी.
खिसियै गैंई अरूणा,अरुन्धति,
सुणों उनर लै हाल.
जनसमर्थन देखि रिसी गैंई,/ ,
कुतर्क करि, उठुनैई सवाल.
लेख छापि रौ हिन्दू /
कां छी अन्ना उभत.
किसान आपुण अन्त,/
कर नौ छी जभत.
किर्केट्क जश्न जै, है रौ,
य तुमर अनशन,
नि औंन जनलोकपाल/
निकरो भ्रष्टाचारक य प्रदर्शन.
अरे! भाल मैंसो पुछो आपुधै./
देश में कतु फैल गो भ्रष्टाचार.
आजादी कैं आदु संवत बिति,/
आई लै क्वे, नि करनै यस विचार.
किलै कर नौ छा,वीक लौ मन्द,/
अन्ना ल जगै हैलि, जो मशाल.
समाजाक खम्भ तुम, यस निकरो,/
सार देश कुनौ आज, ल्याओ लोकपाल.
ठुल नेता आब कुण लाग,/
अन्ना मनाओ , अन्ना मानि जाओ.
जिद छोड़ो समझौत करो,/
क्वे बीच क बाट अपनाओ.
हमर बातचीत क द्वार छन खुल,/
आपुड़ जिद छोड़ि ऎगे सरकार.
मिल बैठ मजबूत लोकपाल बणूनूं/
देखो देखनै रौला, काहुं जां भ्रष्टाचार
By- Hem chandra joshi( Almora)