Author Topic: Kumauni & Garhwali Poems by Various Poet-कुमाऊंनी-गढ़वाली कविताएं  (Read 179685 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Pahadi Classes
August 8
उठ भागी नाखर नाकर, पली खेड़ खाताड़ा,
ले पिले चहा गिलास गरमा गरम,
उठे मेरी पुन्यू की जूना, छोड़ बे घुर घूरा
ले पिले चहा घुटुकी, गूड़ा को कटका...
** गोपाल बाबू गोस्वामी जी **

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Pahadi Classes
July 17
दगड़ियो, आप सबूँ के हर्यावेकि ढेर सारि बधाई !!
"जी रया जागि रया बची रया, यो दिन यो मास भेटन् रया....
धरती जतुक चाकव है जया, सुयै जस तराण है जया...
स्याव जस बुद्धि है जो तमरि, गौं तम पधान है जया .

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Pahadi Classes
June 24
पहाड़ आजकल..

पहाड़ बै शहर तक, ज्वान बै बुड़ तक
सब कर हैलीं ख़राब, काव रंगे पाणि य.. नाम छू शराब !!

कैक हाथ में थैल, कैक हाथ में बोतल देखिणों
कैक हाथ में अद्ध कैक हाथ में पऊ हुणों !!

होटल में चार दगड़ी भैठा, बोतले-बोतल खुलणीं
शराब पीई बाद सुद्दे झुलम जै झुलणीं !!

ब्या हो या बरात, नामकरण हो या शराद
और चीज भूलि लै जला बोतल धरिया याद !!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Khyali Ram Joshi
 

रात्ती रात्ती पर जिन्दगीक सुरुवात हैं
क्वे आपणा दगा बात होतो खास हैं
हँसि बेर दोस्तों कें सुप्रभात बुलाओ
तो आपणे आप खुशियोंक बरसात हैं

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Khyali Ram Joshi
 

रात्ती रात्ती पर जिन्दगीक सुरुवात हैं
क्वे आपणा दगा बात होतो खास हैं
हँसि बेर दोस्तों कें सुप्रभात बुलाओ
तो आपणे आप खुशियोंक बरसात हैं

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Khyali Ram Joshi
 

जिंदगी बिति जैं आदिमैकि एक घर बाणोंण में,
और कुदरत उफ़ तक निकरैनि बस्ति गिरोंण में।
निउजाड़ हे भगवान कै कै बणी बणाइ घर बार कें,
भौत टैम लागों एक नानु नान घर केँ बाणोंण में॥

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Khyali Ram Joshi
July 10 at 7:55am ·

कई रिश्त यास हौनी जो बणण है पैली टुटि जानी,
 यैक लिजि कै कणी हद है ज्यादा परखण नि चैन।
के पत्त य जिन्दगीक कां और कब ख़तम है जाओयैक, 
लिजी zकैकै लिजी गांठ धरण नि चैन॥

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
अनिल सिंह मेहरा कुमाऊंनी
July 4 at 8:44pm ·

आज मित्र ने गांव से कुछ ताजा तस्वीर भैजी ,,,,, देख कर मन हर्षित हो गया ,,,,, कुछ पंक्तिया निकल पडी़ मुख सें ,,,,,,,,

रंगीलो छबीलो म्यर पहाड़
डाना काना यो गौव गाड़

हरी भरी जंगल हरी भरी स्यार
रंगीलो छबीलो म्यर पहाड़ ,,,

सामणी शोभित सुंदर कौसाणी
पिछाली मनमोहक कत्यूर घाटी

ऊचो पिनाथ का डाना ,,
मन हरचूनी पारे पाटि ,,,

सीमा कजूली बगेरी गेवाड़
रंगीलो छबीलो म्यर पहाड़

सुर सुरी बहें बुडसोल की चाल ,,
कति उपराउ कति ढाल ,,

मैस रूनी हसन खेलन
देखनी लैके बादो चाल

सरग पूजी छन मदुसाई पेड़
बगेटो में ओलजी उमरो फेर

ज्वानी बचपन बूडापा देखी
आई ले ठाण है री ठक ठकी बैर ,,,,

कमलेख पाटेई कुड़खेत बज्वाड़
रंगीलो छबीलो म्यर पहाड़ ,,,

धुर मां रक्षक कलविष्ट देव
कर री सबनो में आपणी सेव ,

दुख पीड़ में वी छन सहार
रोट पू में लगे दिनी किनार

डनफाटे मुलकै आपसी प्यार
हरी भरी रै शान्ती बजार

यस जागी ले और नी हूणी
सबको याद रें धैने बुडी़ ,,,

ड्वाबा नौघर सिलवाडी बड़प्यार ,,,
रगीलो छबीलो म्यर पहाड़ ,,,,

डाना काना यो हरी स्यार ,,,
रंगीलो छबीलो म्यर गौ गाड़ ,,,,,

कुंमाऊनी ,,,,,,

(पंक्तियो में बस आपण ईलाक आपु फाटे गौ ,, गाडे नाम मिले रो ,,,,,, बस तुक बंदी लिजी ,,,,,
वरना सुंदर तो आपु पूरा पहाड़ छू ,,, तुलनात्मक भाव नैतन मन मां )

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
अनिल सिंह मेहरा कुमाऊंनी
July 3 at 6:17pm ·

छोडी़ आपु गौ मुलका,,,,
सब देशो में लुकुड़ भै गेईन,,,,

पहाडो़ घिनौड़ ले आब
बण कुकुड़ जस हैं गेईन

छोड़ बैर आपु दूधबोली कै
गोरी बोली कै बकण भै गैईन ....

छोडी़ आपु गौ मुलुका ,,,,
भाभर तली घुटण भै गैईन ,,,,

ठुल ठुल बात ईनारा ,,,
नान लूकुण है गेईन ,,,

हाई हैलो हाव आर यू कबै
खुट पढ़न भूलण भै गेईन,,,,

बाज कर दी नौ महावो कुडी आपणी ,,,
वन बी एच के में घुसण भै गेईन ,,,

छोडी़ पहाडे़ हाव पाणी ,,,
देशो घाम में सुकण भै गैईन

छोडी़ आपु गौ मुलका,,,,
सब देशो में लुकुड़ भै गेईन,,,,

कुंमाऊनी ,,

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
अनिल सिंह मेहरा कुमाऊंनी
July 2 at 8:59pm ·

दिन मां थाम नैत ,,, रातो मा नीन ,,,,
यकुली पराणी मेरी ,,, कसि कटनी दिन ,,,

माया को जोगी बडी़ ,, फंस ग्यो त्यर झोल मां ,,
उदासी पराणी मेरी ,,,, घुघुती जस घोल मां ,,,

आई ले नजर लागी छो बाट घाटो मां ,,,,
क्वी भर जाल स्वैड़ म्यर उदासी रातो मां ,,,,

बरस बित,, मैहण बित ,,, बित गिन दिन ,,,
यकुलि पराणी मेरि ,, कसि कटनी दिन ,,,

काव बुलाई होई मनाई हर्याव काट जन्यो पैराई ,,
सबो उणी ऐ ग्याया बस म्यर लिजी त्वी नी आई ,,

असोज कट हियोन आई गोधन पूजै दिवाई मनाई ,,
सबो उणी ऐ ग्याया बस म्यर लिजी त्वी नी आई ,,,

सबो वा बुरूसी फुली ,,, म्यर लिजी बोट डाव ले रिसे गिन ,,,,,
यकुली पराणी मेरी कसिक बीतो यो उदासी दिन ..

कुंमाऊनी ,,,,,

( विरह रस बै भरी कुंमाऊनी पंक्ति ,,)

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22