चन्द्र सिंह गढ़वाली
23 अप्रैल ..... आज के ही दिन 1930 में [ गढवाली कुमाऊँनी हिन्दी में ]
~गढवाली में ~
भारतीय इतिहास मा चन्द्र सिंह गढ़वाली ते पेशावर कांड क नायक का रूप मा याद करे जांदु। २३ अप्रैल १९३० कुण हवलदार मेजर चन्द्र सिंह गढवाली का नेतृत्व मा रॉयल गढवाल राइफल्स क जवानों ना भारत क आजादी कुण लडन वॉल निहत्था पठानों पर गोली चलाण से इन्कार कर दे छ्याई। बिना गोली चलायां, बिना बम फट्या पेशावरमा इतना बड़ू धमाका हवेगयाई छ्याई कि एकाएक अंग्रेज भी खौंले गीं....... नमन हमर उत्तराखंड क यीं महान हस्ती ते!!!!
~कुमाऊँनी में ~
भारताक इतिहास मा चन्द्र सिंह गढ़वाली कै पेशावर काण्डाक नायकाक रूप मा याद कियो जांछ. 23 अप्रैल 1930 को दिन हवलदार मेजर चन्द्र सिंह गढ़वालीक नेतृत्व मा रॉयल गढ़वाल राइफलाक जवानन ले भारतीय आज़ादीक खातिर लड़न व्ल निहत्थ पठानन पर गोली चलून है इनकार कर हाल्यो थ्यो. बिन गोली चलाया, बिन बम फोड़या पेशावर मा इतुक बड़ धमाको भ्यो कि अंग्रेज ले अचानक आश्चर्य मा रै ग्या थ्यान... नमन हमर उत्तराखंडाक यस महान हस्ती कै. [अनुवाद हिमांशु करगेती / महेंद्र स राणा ]
~हिन्दी में ~
भारतीय इतिहास में चन्द्र सिंह गढ़वाली को पेशावर काण्ड के नायक के रूप में याद किया जाता है. 23 अप्रैल 1930 के दिन हवालदार मेजर चन्द्र सिंह गढ़वाली के नेतृत्व में रॉयल गढ़वाल राइफल के जवानो ने भारतीय आज़ादी के लिए लड़ने वाले निहत्थे पठानों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया था. बिना गोली चले, बिना बम फोड़े पेशावर में इतना बड़ा धमाका हुआ कि अंग्रेज भी अचानक से हक्के बक्के रह गए थे . नमन हमारे उत्तराखंड के इस महान हस्ती को.