चुनावी साल च
हर क्वी माला माल च
टीबी अखबरू का
कारोबार मा पौबार च
ठ्क्यादरोंन उर्या छिन
जगा जगा कौथिग
नचणा गाणों कु
भि संस्कृतिक साल च
भासण भौपू मा बिकास च
निति नियम बनणा छमा छम
पोस्टर बैनर छपणा ठमा ठम
जत्गा बटोर सकदी बटोर ली
ब्येटा
सज्यु थाल च
अपणि लैक ज्यू धाणि कमाणि
वू लैन पकड़ ली
चारो तरफ माल ही माल च
चुनावी साल च ..........................शैलेन्द्र जोशी