Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 52877 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गीत की फीलिंग में एक नया मुक्तक
प्रेम के गीत में
क्या नया लिखूं
गोरी या काली
वो चाँद है
वो सूरज है
वो फूल है
इन बासी उपमाओं
क्या नया गीत रचाउ
मै क्या नया गीत लिखूं
वो लम्बी है छोटी है
वो मोटि है छोटी है
कब तक इन बासी
उपमाओं में गीत रचाऊँ
प्रेम गोरा काला
लंबा या छोटा
मोटा या पितला
फिगर नही होता
फिर क्यों
इन बासी उपमाओं में
प्रेम के गीत रचाउ। ,............शैलेंद्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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व्यंग सम्राट नरेँद्र कठैत का व्यंग बाण भोट
परसी तै / हम एका -हैंका
काम अयां / घोर बुण
दुस्मन दग्ड़ा / लड़याँ - भिड़याँ
पर नेता जी / एक भोट खैंची
तुम यू क्या कर गयाँ
तिमला तिमला खत्येनि
अर नग्या नंगी दिखेयाँ
जाति पातिन / हमारा मुंडा बाल
दुरंगा हुयां
एक आँखि हमारि / गढ़वलि रेगी
हैंकि आँखि कुमायाँ ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi 

January 19 at 3:00pm ·

व्यंग सम्राट नरेँद्र कठैत का नेता काव्य व्यंग
खेती - बाड़ी होवु
नाडु -निसडू बि
पर बल्द नीन जैका
जन अजक्याल
नेता छन्
पर बिधायक नीन
त नेता कै लैका ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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नरेँद्र कठैत का व्यंगबाण नेतागिरी
अरे लाटा !
सुद्धि नेतगिरी नि करदी
अगर छै तू तागतबर
त त्वे हमारि
क्या जरोरत प्वङगी
अर -
अगर छै तू निरबल
त लाटा !
हमारू छै हमारा बीच रे
अरे चुचा !
जन हम हिटणा छवां
तनि तू बि हीट ली ।

 

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