मुर्दाक् बयान
जब तलक बैठुल कुनैछी, बट्यावौ- बट्यावौ है गे
पराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे ll
जो दिन अपैट बतूँ छी
वी मैं हूँ पैट हौ,
जकैं मैं सौरास बतूँ छी
वी म्यौर मैत हौ l
माया का मारगाँठ आज
आफी-आफी खुजि पड़ौ,
दुनियल् तरांण लगै दे
फिरलै हाथ हैं मुचि पड़ौ l
अणदेखी बाट् म्यौर ल्हि जाऔ- ल्हिजाऔ है गे l
पराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे ll
जनूँ कैं मैंल एकबट्या
उनूँलै मैं न्यार करूँ,
जनू कैं भितेर धरौ
उनूँलै मैं भ्यार धरुं l
जनू कैं ढक्यूंणा लिजि
मैंल आपुँण ख्वौर फौड़,
निधानै घड़ि मैं कैं
उनुलै नाँगौड़ करौ l
बेई तक आपण आज, निकाऔं निकाऔं है गे l
पराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे ll
ज्यूंन जी कैं छग निदी
मरी हूं सामोउ धरौ,
माटौक थुपुड़ हौ
तब नौ लुकुड़ चड़ौ l
देखूं हूं कै कांन चड़ा
दुनियैल् द्वी लाप तक,
धूं देखूं हूं सबैं आईं
आपुंण मैं-बाप तक l
बलिक् बाकौर जस, चड़ाऔ है गे l
पराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे ll
जो लोग भ्यारा्क छी ऊं
दुखूं हूँ तयार हैईं,
जो लोग भितेरा्क छी ऊं
फुकूं हूं तयार हैईं l
पराई पराई जो भै
ता्त पाणि पिलै गईं,
जनूं थैं आपुंण कूंछी
वीं माट में मिलै गई l
चितक छारण तलक बगाऔ-बगाऔ है गे l
पराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे ll
यो रीत दुनियैंकी चलि रै
चलण जरूरी छू
ज्यूंन रुंण जरूरी न्हैं
मरण जरूरी छू l
लोग कुनई दुनि बदलिगे
अरे दस्तूर त वीं छन,
छाति लगूणी न्हैं गईं यां बै
आग् लगूंणी वीं छन l
जो कुड़िक लै द्वार खोलीं, वैं लठ्याऔ- लठ्याऔ है गे l
पराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे l
जब तलक बैठुल कुनैछी, बट्यावौ- बट्यावौ है गे ll