अफुल्याट तथा चल्लाग !
by Uday Tamta on 5 January 2013 at 10:04 AM ·
मित्रो, कुमाऊँ तथा गढ़वाल के पर्वतीय भागों की बोली में कई ऐसे शब्द विद्यमान हैं, जो लम्बे वाक्यों व समासों के स्थान पर एक विकल्पीय प्रतिस्थापन (One word substitution) के तौर पर अज्ञात काल से प्रयुक्त होते आये हैं। आइये, सबसे पहिले इसी तरह के एक अत्याधिक प्रचलित शब्द 'अफुल्याट' का उल्लेख करें। यह् शब्द मूल शब्द 'अफुल' से बना है--जिसका सामान्यतः अर्थ है--लाड़-प्यार से पला या बहुत अधिक मुंह लगा। दूसरा शब्द है--'चल्लाग'. इसका सामान्य अर्थ तो चालाक ही है, पर यह उस व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है, जो चतुर तो होता ही है, पर कुछ हद तक षड्यंत्रकारी प्रवृत्ति भी लिए हुए होता है, और अपने निजी स्वार्थ के निमित्त औरों का हक़ छीनते हुए लगभग एक ठग के सामान ही व्यवहार करता है।