गुमानी जी का गाँव उपराड़ा गंगोली (गंगावली) क्षेत्र में है | गंगोली में अकाल पड़ा था | तब का वर्णन :
आटा का अणचालिया, खशखशा रोटा बड़ा बाकला |
फानो भट्ट गुरुंश और गहत को, डुबका बिना लूण का ||
कालो साग जिनो बिना भुटण को, पिनालु का नौल को |
ज्यों त्यों पेटभरी अकाल काटनी, गंगावली रौणियाँ ||
अकाल बीतने के बाद का वर्णन :
केला, निम्बु, अखोड़, दाड़िम, रिखू, नारिंग, आदो, दही |
खाशोभात जमाली को, कलकलो भूना गडेरी गवा||
च्यूड़ा सद्य उत्योल, दूध बाकलो,घ्यू गाय को दाणोदार |
खानी सुंदर मौणियाँ धपड़ुवा, गंगावली रौणियाँ ||