Parashar Gaur
आज का अनुबादित गढ़वाली शेर
वींथै देखा लेकि म्यारु दिल , *कतका * बौलणीच वा
* चीज़ मेरी , अर, मेरी चीज़ पर * अकडीणी च वा
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*कतका = कितना * बौलणीच = इतराना , खुश होना !
* चीज़ मेरी = मेरा दिल* ! अकडीणी = इतराना , एठना , रौब