Author Topic: TRANSLATION OF KUMAONI-GARWALI LANGUAGE - कुमाऊंनी गढ़वाली भाषा का अनुवाद  (Read 267598 times)

Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-56
 

                                       कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -56



                                         सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                              Edited by Bhishm Kukreti


                   हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में   वाक्य भेद



१-हिंदी - तुम पुस्तक पढ़ रहे थे

कुमाउंनी -तुम किताब पड़णौ छिया 

गढ़वाली - तू किताब पढ़णु छौ /छयो 

तुम किताब पढ़णा छ्या

२- हिंदी - मै फल खा रहा था    .

कुमाउंनी -मै फल खाणौ छियुं 

गढ़वाली - मि फल  खाणु   छौ 

३- हिंदी - मैं पढ़ने जा रहा हूं

कुमाउंनी - मै पड़णहूं जाणयूँ

गढ़वाली -मी पढ़णो जाणु छौं

४- हिंदी -  तुम घर  जा रहे  हो 

कुमाउंनी -तुम घर जाणौ छा 

गढ़वाली -तू घौर /ड़्यार जाणु छे /तुम ड़्यार जाणा छ्न्वां

५- हिंदी - वह बाजार   जा रहा है

कुमाउंनी - ऊ बजार जाणौ छ 

गढ़वाली -वु बजार जाणु च

६- हिंदी - वे मनुष्य पढ़ रहे हैं

कुमाउंनी -ऊँ मैश पड़णाईं 

गढ़वाली - वो/वु मनिख पढ़ना छन



सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....

Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-57
 

                            कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -57



                                                                          सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                                                       Edited by Bhishm कुकरेती


                                          हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद



 ७- हिंदी - हम लोग प्रार्थना कार रहे हैं

कुमाउंनी -हम पराथना करणयाँ 

गढ़वाली- हम परार्थना करणा छंवां 

८-हिंदी - तुम लोग क्या कर रहे हो?
कुमाउंनी -तुम के करणौ छा ?

गढ़वाली- तुम क्या करणा छंवां ?

९-हिंदी - कुछ व्यक्ति गाना गा रहे थे
कुमाउंनी -क्वे जणी गीत गाणई

गढ़वाली-कुछ लोक गीत गाणा छया / कुछ लोक गाणा गाणा छया

१०-हिंदी - मै जाता हूं . वह जाता है
कुमाउंनी -मै जां . ऊ जां

गढ़वाली- मि जाणु छौं . वु जाणु छ/ वु जाणु च / वु जाणु छौ (विछ्ला ढाञगु  में - मि जाणु ह )

११-हिंदी - तुम जाते हो . वे जाते  हैं .
कुमाउंनी -तुम जांछा. ऊ जानी 

गढ़वाली- तुम जाणा छंवां (आदर सूचक) , तू जाणि छे (प्रेम सूचक ) . वु/वो  जाणा छन 

१२- हिंदी - वह जाती है
कुमाउंनी -ऊ जैञ 

गढ़वाली- वा जाणि च /छ

१३-हिंदी - वे स्त्रियाँ जाती हैं
कुमाउंनी -ऊन श्यैणी जानी

गढ़वाली- वु /वो जनानी जाणा छन

१४-हिंदी - लड़की घर से आई है
कुमाउंनी - चेली घर बे ऐ

गढ़वाली- नौनि /लौडि ड्यार बिटेन ऐ

१५-हिंदी - लडकियाँ पढनी गयी हैं
कुमाउंनी -चेलीं पड़णहूँ गेईं   

गढ़वाली-नौनि /लौडि पड़ना जयां छन


 





सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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                                    कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -58



                                    सम्पादन : भीष्म कुकरेती
 
                               Edited by Bhishm कुकरेती

 

                        हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -३

 १६- हिंदी- छात्रा गा रही थी

कुमाउंनी - चेली गाणै छि

गढ़वाली- नौनि /लौडि गाणि च /छ

१७-हिंदी- छात्राएं पढ़ रही थीं
कुमाउंनी - चेलीं पड़णौ  छीं

गढ़वाली- नौनि पड़णा छन

 १८-हिंदी- लडकी ने खाना खाया

कुमाउंनी - चेलिल खाणु खा

गढ़वाली- नौनि न खाणा खाइ/ खै //नौनि ल खाणा खै   

 १९-हिंदी- लडकियों ने पानी पीया
कुमाउंनी - चेलीनैल पाणि पी 

गढ़वाली- नौन्युं /लौडियूँ न पाणि पे  //नौन्युं /लौडियूँ ल पाणि पे

 २०- हिंदी- वहां एक आदमी है
कुमाउंनी - वां एक मैश  छु

गढ़वाली- उख एक मनिख च /छ

२१-हिंदी- घर पर दो व्यक्ति हैं
कुमाउंनी - घर द्वि मैश छन

गढ़वाली- घरम/ड्यारम द्वि ' झण /मनिख/आदिम ' छन

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सूचना - गढ़वाली में मैश पति को कहा जाता है  . 


सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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                      कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -59


                                                     सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                             Edited by Bhishm Kukreti




                                          हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -4         


२२-हिंदी- घर पर चार व्यक्ति हैं

कुमाउंनी -घर चार मैश छन

गढ़वाली - घरम चार मनिख /आदिम/झण  छन


२३-हिंदी-घर पर तीन स्त्रियाँ हैं

कुमाउंनी -घर में तीन  श्यैणी छन 

गढ़वाली - घरम तीन जनानी छन 


२४-हिंदी-स्कूल में एक अध्यापिका हैं

कुमाउंनी -इस्कूल में एक मास्टरनि छु

गढ़वाली - इस्कूलम एक मास्टनि  च


२५-हिंदी- दूकान में केवल एक वस्तु है

कुमाउंनी -दुकान में एक्कै चीज छु

गढ़वाली - दुकानम एकी चीज च 


२६-हिंदी-होटल में खाने की चीजें हैं

कुमाउंनी - होटल में खाणी चीज छन

गढ़वाली - होटलम खाणै चीज छन


२७-हिंदी-काम कि वस्तुएं कहाँ थीं?

कुमाउंनी -कामैं चीज काँ छीं ?

गढ़वाली - कामै चीज कख छ्या ?


२८-हिंदी-वह कलम अच्छी थी

कुमाउंनी - ऊ कलम भलि छि 

गढ़वाली - वा कलम भलि छे


२९-हिंदी-स्याही अच्छी  नही थी

कुमाउंनी - श्यैइ  भलि नि छि

गढ़वाली - स्यै/स्याई  ठीक नि छे 


३०-हिंदी-उसका काम अच्छा है

कुमाउंनी - वीक काम भलु छु

गढ़वाली - वैक काम भलु च


३१-हिंदी-वे मनुष्य क्या करेंगे ?

कुमाउंनी -ऊ मैश के कराल ?

गढ़वाली - ऊ आदिम क्या कारल ?


३२-हिंदी-छात्र कब खेलेंगे ?

कुमाउंनी -च्याल कभत खेलाल ? 

गढ़वाली- पढंदेर/पढ़नेर  कब ख्यालल

  अथवा

नौन्याळ /लौड़ कब ख्यालल ?   


३३- हिंदी-तुम पढने जाओगे

कुमाउंनी -तुम पड़ण हूँ जाला

गढ़वाली - तुम पड़णो जैल्या / तू पड़णो  जैल 




सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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                                          कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -60

                               

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                             

                                                          Edited by Bhishm Kukreti



                                               हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -5         

३४-हिंदी - मैन पत्र लिखूंगा

कुमाउंनी -मैन चिट्ठी लेखुंल

गढ़वाली- मि चिट्ठी लिखुल/मि पाती लिखुल 

35- हिंदी - लडकियाँ खाना खाएंगी
कुमाउंनी- चेलीन खाणू खालिन

गढ़वाली- लौड़ी/नौनी खाणा  खालि

36- हिंदी - लड़की खाना बनाएगी 
कुमाउंनी- चेली खाण बड़ालि

गढ़वाली- नौनि /लौडि  रुस्वै/खाणा  बणालि

37-हिंदी - वस्तु कहाँ मिलेगी ?
कुमाउंनी - उ चीज काँ मिललि

गढ़वाली- वा चीज कख मीललि

 38-हिंदी - वे क्या कार रहे होंगे ?
 कुमाउंनी- उ  के करणौ हुनाल ?

गढ़वाली- उ/ वू/वो क्या करणा ह्वाला /होला

39-हिंदी - वह गाना गा रही होगी
कुमाउंनी- ऊ गाणै  हुनेलि


गढ़वाली- वा गाणि ह्वेलि

40-हिंदी - वह पढ़ रहा होगा
कुमाउंनी- ऊ पड़णौ हुनौल

गढ़वाली- ऊ पड़णो ह्वाल/होलु 

41-हिंदी - मै चल रहा होउंगा 
कुमाउंनी- मैं हिटणौ हुनेलूँ 

गढ़वाली- मि हिटणु  होलु

42-हिंदी - कलम मेज पर होगी
कुमाउंनी- कलम मेज में हुनेलि

गढ़वाली- कलम मेज मा ह्वेलि

43-हिंदी - तुम्हे अवश्य पढ़ना था 
कुमाउंनी- तुमुल जरुर पड़ण छि

गढ़वाली- तुमन जरुर पड़ण छौ /तीन जरुर पड़ण छौ

44-हिंदी - मुझे वहां जाणा था
कुमाउंनी- मकैं  वां जाण छि

गढ़वाली- मीन  ऊख जाण छौं

45-हिंदी - उसे फल खाना था
कुमाउंनी- वील फल खाण छि

गढ़वाली- वैन /वींन फल खाण छौ

 

सन्दर्भ-


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                                         कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -61



                                                               Edited by Bhishm Kukreti

                                              हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -6

४६- हिंदी- उन्हें काम करना था

कुमाउंनी -उनन कैं  काम करण छि

गढ़वाली -   वूंन  काम करण छौ     


४७-हिंदी- राम को घर जाना था

कुमाउंनी -राम कैं  घर जाण छि

गढ़वाली -  रामन ड़्यार /घर जाण छौ


४८-हिंदी- घर पर भाई है

कुमाउंनी - घर में भै छु

गढ़वाली - ड़्यारम भै च /छ  //घरम भै च


४९-हिंदी- मेज पर पुस्तकें हैं

कुमाउंनी -मेज में किताब छन

गढ़वाली -मेज मा किताब छन


५०-हिंदी- कक्षा में लड़के हैं

कुमाउंनी -दर्ज में छयाल छन

गढ़वाली - दर्जा मा नौन छन


५१-हिंदी- रसोई में मा है

कुमाउंनी -रस्या में इज छु

गढ़वाली -रूस्वड़ मा ब्व़े च


५२-हिंदी- कुंएं पर लडकियाँ हैं

कुमाउंनी -नौल्तिर चेली छन

गढ़वाली -नौलिम नौनी /लौडि छन


५३-हिंदी- मेरे पास अच्छी कलम थी

कुमाउंनी -मेर पा भलि कलम छि

गढ़वाली -मीम भलि/बड़या  कलम छे


५४-हिंदी- वह चतुर लडका था

कुमाउंनी -ऊ हुश्यार लौड़ छि

गढ़वाली -ऊ हुस्यार लौड़ /नौनु छौ/थौ


५५-हिंदी- लडकी कि एक बहिन थी

कुमाउंनी -चेलिकि एक बैणि छि 

गढ़वाली -लौडिक /नौनिक  क एक बैणि छे.


सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....


Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-62
 

                                       कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -62
 




                                                         Edited by Bhishm Kukreti

 

                                    हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -7
 
 

५६- हिंदी -उनके पास की मकान थे

कुमाउंनी - उनार पा भौत घर छिं

गढवाली -  ऊंम भौत  कूड़ छया 


५७-हिंदी - राम के पास काल एक पुस्तक होगी

कुमाउंनी - रामाक पा भोव एक किताब होलि

गढवाली -   रामम भोळ एक किताब ह्वेलि   


५८-हिंदी -मेरे पास कल कई कागज होंगे

कुमाउंनी - म्यार  पा भोव भौत कागज ह्वाल

गढवाली -    मीम भो ळ भौत कागज़ ह्वाल


५९- हिंदी - वह बहुत बुरा लडका है

कुमाउंनी - ऊ भौत नक लौड़  छु 

गढवाली - ऊ भौत नखुर लौड़/नौनु  च 
 

६०-हिंदी -लडका आया. लडकी आई

कुमाउंनी - च्योल आ. चेलि ऐ

गढवाली - लौड़ ऐ  . लौड़ी ऐ   


६१-हिंदी -लडके आये . लडकियाँ आईं

कुमाउंनी - च्याल आईं. चेलीं ऐईं   

गढवाली - लौड़ ऐन. लौड़ी ऐन 


६२- हिंदी -पुस्तक लिखी .पुस्तकें लिखीं 

कुमाउंनी - किताब लेखी . किताब लेखीं

गढवाली - किताब ल्याख . किताब लेखिन 


६३-हिंदी -तुमने खाना खाया

कुमाउंनी - तुमल खाण खा

गढवाली - तुमन खाणा खै


६४-हिंदी -उसको एक फल दो

कुमाउंनी - उकैं एक फल दिओ

गढवाली - वै तैं एक फल द्याओ/दे


६५- हिंदी -मुझे जाने दो. उसे आने दो

कुमाउंनी - मकैं जाण दिओ . उकैं  आण दिओ

गढवाली - मि तैं जाण द्याओ/दे . वै तैं आण द्याओ /दे 


सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....
 

Bhishma Kukreti

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   Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-63
 

                                            कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -63

 



                                                                     Edited by Bhishm Kukreti



                                                            हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -8



६६-हिंदी-वह कलम से लिखता है

कुमाउंनी -उ कलमैल लेखुं 

गढवाली -  उ कलमन लिखुद
६७-हिंदी- राम मोहन के साथ आया

कुमाउंनी -राम मोहन दगै आ

गढवाली -  राम मोहनौ  दगड ऐ


६८-हिंदी-यह पत्र मोहन का है

कुमाउंनी -यो चिट्ठी मोहनै  कि छु

गढवाली -  या चिट्ठी मोहनै च


६९-हिंदी-मेरा लिए पानी लाओ 

कुमाउंनी -मैहुंणि पाणि ल्याऔ

गढवाली -  मेकुण पाणि ल़ा


७० - हिंदी-खाने के लिए खाना दो

कुमाउंनी -खाण हुं खाण दिओ

गढवाली -  खाणौ कुण खाणा दे


७१-हिंदी-पुस्तक का चित्र कहाँ है

कुमाउंनी -किताबैकि तस्बीर काँ छु

गढवाली -  किताबै तस्बीर कख च?


७२-हिंदी-हिमालय से गंगा निकलती है

कुमाउंनी -हिमालय बै गंग निकलें 

गढवाली -  हिमाला बिटेन गंगा निकल्दि   (हिमाला बिटेन गंगा आंदि) 


७३-हिंदी-राम से स्याही लाओ

कुमाउंनी -राम थैं है श्ये  ल्याऔ

गढवाली -  राम बिटेन स्ये /स्यै/स्याई ला   


७४-हिंदी-छट पर कबूतर है

कुमाउंनी -पाख में कबूतर छु

गढवाली -  (कुडौ ) मुंडळ मा कबूतर च /छ


७५-हिंदी-बक्से में कपड़े हैं

कुमाउंनी -सिंदूक में लुकुड़ छन

गढवाली - सन्दूकम/सिंदूकम कपड़ा छन   

             


सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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 Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-64
 

                                                           कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -64
 


 

                                                                                Edited by Bhishm Kukreti



                                                            हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -9
 
 

७६- हिंदी - हे भगवान् ! आप क्यों नहीं आते?

कुमाउंनी -हे भगवान ! आपूं किलैनि  ऊना

गढ़वाली - हे  भगवान  !  आप किलै नि औणा /आणा छंवां ?


७७-हिंदी - भैया! यहाँ आओ

कुमाउंनी -भया ! याँ आ

गढ़वाली - भया ! इखम आ


७८-हिंदी - कल क्या हुआ था?

कुमाउंनी -बेइ कि हौ ?

गढ़वाली - ब्याळि क्या ह्व़े/ह्वाई  ?


७९-हिंदी - वै कैसे आये थे ?
 
कुमाउंनी -ऊं कशी आईं 

गढ़वाली - उ/ वु  कन  ऐन ?


८०-हिंदी - वे चार भाई हैं.

कुमाउंनी -ऊं चार भै छन

गढ़वाली - ऊ चार भै छन


८१- हिंदी - मेरे पास पांच रूपये हैं

कुमाउंनी -म्यार पा पांच रुपैञ छन 

गढ़वाली - मीम पांच रूप्या छन


८२-हिंदी - कक्षा में छ लडके हैं

कुमाउंनी -दर्ज में छै छयाल छन

गढ़वाली - दर्जा मा छौ लौड़ छन

 
 

सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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                                                    कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -65

 



                                                                         Edited by Bhishm Kukreti



                                                                     हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -10               


८३- हिंदी - वहां सात व्यक्ति हैं

कुमाउंनी - वां सात मैश छन

गढ़वाली -उख सात आदिम/मनिख छन


८४-हिंदी -आठ दुकाने बन्द थीं

कुमाउंनी - आठ दूकान बन्द छीं

गढ़वाली -आट दूकान बन्द छे


८५-हिंदी -नौ पुस्तकें खरीदीं

कुमाउंनी -नौ किताब मोल ल्हीं

गढ़वाली -नौ किताब मोल लेन

८६-हिंदी -दस दिन बाकी हैं

कुमाउंनी -दस दिन बांकि छन

गढ़वाली --दस दिन बाकि छन


८७-हिंदी -तुम्हारा नाम क्या है ?

कुमाउंनी -तुमोर नाम कि छु ?

गढ़वाली --तुमर नौ क्या च ?


८८-हिंदी - वह कहां रहता है ?

कुमाउंनी -उ काँ रूं ?

गढ़वाली --उ कख रौंद?


८९-हिंदी -वे  घर गये

कुमाउंनी -ऊं घर गईं

गढ़वाली --ऊ घर /ड़्यार गेन


९०-हिंदी -तुम जाते हो /मैं जाता हूं /वह जाती है

कुमाउंनी -तुम जान्छा /मैं जां /उ जैञ

गढ़वाली -- तुम जाणा छंवां अथवा तू जाणि छे /मि जाणु छौं /वा जाणि च





सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

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