The following information has been taken from Shree B D Pandey's Book "Kumaon Ka Itihas"
English :Once upon a time, there were two brave men. One lived in Eastern side and another in Western wing. When one heard another name, he used to become very angry / jealous. It took almost 12 yrs to reach from one person house to another house
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हिंदी में : एक समय में दो विख्यात शूरवीर थे, एक पूर्व के कोने में, दूसरा पश्चिम दिशा के कोने में रहता था! एक का नाम सुनकर दूसरा जल भुन जाता था ! एक के घर से दूसरे के घर जाने में १२ वर्ष का मार्ग चलना पड़ता था !
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1) अल्मोडिया बोली में : कै समय में द्वी नामि पैक एक पूरब दिशा का कुण में, दोहरो पछो का कुण में रौछिया! याक को नाम सुणिभेर दोहरो रीस में भरी रौछियो, हौर एक का घर बटी दोहरा को घर १२ वर्ष को बाटो ताड़ छियो !
2) गंगोली बोली में: एक टैम मे द्वि नामि पैग छी, एक पुरबक कूण म, दुहर पश्चिम दिशा रूछी। एकक नाम सुन बेर दुहर रीशैल भर जाछी। एकक घर बति दुहरक घर जान मे १२ बर्सक बाट हिटन पणछी।
3) काली कुमाउ में : कै वकत में द्विजन बड़ा वीर छ्या ! एक जन पूर्व का कुना में, दोसरो पश्चिम का कुनो में रैछो ! एक का नाम सुनबेर दोसरो भारी रीस में जल्छो! एक का घर बटी दोसरा का घर बार वर्ष का बाटा दूर छो! ( इनकी बोली में,खन, ग्यान शब्द की काम आते है)
4) शोर की बोली में : कै बखत में में द्वी बड़ा जोधा छ्या, एक पूर्व का कोन दोसरो पश्चिम का कोन में रैछियो,एक को नाम सुनबेर दूसरो जलछियो! एक को घर दुसरा का घर बटी १२ वर्ष को बाटो छयो!
5) पाली पछाऊ की बोली में : कै दिना में द्वी गाहिन पैक छिया ! येक पूर्व का कूँण में रह छियो, दूसरो पश्चिम का कूँण में रह छियो! एक क नौ सुनी बेर जल छियो ! येक क ध्याल दुहरक ध्याल है बेर १२ वर्ष क बट में छि !
6) जोहार भोट : कै दिनन या द्वी बड़ा हामदार भाआड़ छिया! एक पूर्व का काण मा दुहरो पश्चिम काण मा रौ थी ! एक क नौ सुनी बेर दुहरो जल थी ! हौर एक क कुडो बटी दुहरा को कुडो बारे वर्ष टार थी !
7) दानपुर को बोली में : पेल बखत मा इ दो देख्वा भड़ छिलो! एक हाड़ी पूर्व दिशाक छोड़ मा दूसरो पश्चिम दिशाक मा रोनिलो ! याकक नाम सुण बेर लो दूसरो आग भी लागी जानी हाड़ी! याका क घर लो दुसराक घर बटी बार वर्ष का बाट छिलो !
-8) गोरखाली बोली में : कसैई दिन मा द्वीबटा बलिया जोधा छे ! ये बटा पूर्व दिशा मा अको पश्चिम मा रहन्थ्ये! ये घटा पूर्व दिशा मा अको पश्चिम मा रहन्थ्ये ! एक को नाम सुनी अको रशी गरध्यो! येवटा का घर अको का घर बाट बार वर्ष मा पुग्ध्यो !
9) डोटीयाली में : कोई एक जुग मई दुये पैकेला नाउ चल्याका ध्या! एक पूरब दिशा का कोना थ्यो ! दूसरो पैक्यालो पश्चिम का कोना मा रहन्थ्यो! एक का नाऊ सुनीबेर दूसरो बहुत रीस अरनथ्यो क्या ! एक को घर हैबेर को घर बार बर्ष बातो ध्यो क्या !
10) अल्मोडा के शिल्पकारों की बोली में : कै जमाना माजी दुई नामबर पैक जनू थीनी भड़ कौनी छिया! एक पूर्व का दिशा कूँण माजी दूसरो पश्चिम का कूँण माजी रौछियो ! एक क नाम सुणीबेर दुहरो रीस मरो जलन छियो ! एक को घर बटी दुहरो को घर बार वर्ष का बाटा दूर माजी छियो !
11) श्रीनगर गड़वाल की बोली में : पहला ज़माना मा द्वीनामी वीर छ्या! एक पूर्व का दिशा का कोण, दूसरो पश्चिम दिशा का कोण मा रहन्दो छयो! एक को नाम सुणीक, दूसरो जल्दो छयो! एक को घर बटी दूसरा का घर ते बारा बर्ष का बाटो छयो !
12 ) टेहरी गडवाल की बोली में : पला एक जमाना मा द्वी ख्यात भड़ थया! एक पूरब का दिशा का कोण मा और दूसरो पश्चिम दिशा का कोण मा रहन्दो थयो! एक का नउ सुणीक दूसरो जल्दो थयो! एक को घर दूसरा का घर ते बार वर्ष का रास्ता पर दूर थया!
13) लोहाबा गड़वाल परगना चांदपुर की बोली में : कै जमाना में दुई आदिम बड़ा नामि भड़ छ्या ! येक पूर्व दिशा का कोण मा रहन्यो ! दोशरो पश्चिम दिशा का कोण में रनछियो ! येकाकौ नौ सुणी किन दुशरो जलछियो येका ते दोशारो डेरो बार बरश का रास्ता प्रछ्यो
14) बोग्सा (तराई) बोली में - किशही जबानी मे दो यशाहर पैक अयानी वीर थे ! येक पोरब दीसा के कौने में दुसरा पछिम दीसा के कोने में रह्हो ! एको नाम सुनकर दुसर जर हो ! येक के घर से दुसरे का घर बार वरस राहों दुरे पर था !
15) थाडू बोली में : एक समय में दो नाम देवता है ! एक (ससुर) अगार की दिशा के कोने में रहात हो और एक पछार की दिशा के कोने में राहत हो ! एक को नाम सुन कै दुसरो गुस्सा हैजात राहे! एक के घर से दुसरे के घर को बार वर्ष की राह मै हो !
16) भाबर कुमाउ की बोली में : एक तकम द्वी पर्ख्यात पैक छिय! एक पूरब दिशा का कुनम, दुसरो पश्चिम का कुनम रन छिया ! येक को नौ सुणी दुसरो पाकी राछियो ! येक का घर है दुसरो को कुडो बार वर्ष को बाटो छियो !