गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क -22
गढ़वाल कि विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग 22
Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -22
भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti )
गढवाळ मा 52 से बिंडी गढ़ी (1250-1450 AD)
क्राचल्ल या वैक उत्तराधिकार्युं राज खतम हूणओ उपरान्त गढवाळ-कुमाऊं मा जगा जगा छ्व्ट छ्व्ट राजा ह्व़े गेन जौन तैं गढ़पति बुले जांद थौ. असल मा य़ी गढ़पति अपण अपण क्षेत्र का सूबेदार/सामंत/मांडलिक छ्या जु बाद मा सोतांतर ह्व़े गेन.डा शिव प्रसाद न जख ८० का करीब गढ़पत्युं का गढ़ूं नाम बताएं उख डा चौहान न १२६ से बिंडी गढ़ूं नाम देनी .असल मा य़ी गढ़पति अपण अपण क्षेत्र का सूबेदार/सामंत/मांडलिक छ्या जु बाद मा सोतांतर ह्व़े गेन.
गढ़ूं नाम अच्काल का परगना
गढ़ तांग , पैनखंडा खाड, दशौली टकनौर, पैनखंडा, दशौली
बधाण, चांदपुर, चौड़ ,तोप, राणीगढ़, लोहाब, धौना, बनगढ़, कांडा, गुज्डू , साबली, बधाण, चांदपुर, मल्ला सलाण
उल्का, एडासु, देवल, नयाल, कोल्ली, धौना, , बन , कांडा, चौन्दकोट देवलगढ़ बारहस्यूं , चंद्कोट, देवलगढ़ बारहस्यूं , चंद्कोट
माबगढ़, बाग़, अजमेर, श्रीगुरु तल्ला सलाण
मवाकोट, गड़कोट, भैरों गढ़, घुघती गढ़ , ढागु गढ़ , जोर, बिराल्टा, सिल गढ़ , गंगा सलाण, भाबर, नरेन्द्रनगर, देहरादून
बदलपुर, लालढांग, चांडी, सान्तुर, कोला, शेर, नानोर, नाला, बीरभद्र, मोरध्वज,
पत्थर गढ़ , कुजणी, रत्न, कवीला (कुइली) , भरपूर,
जोर, बिराल्टा, सिल गढ़, मुंगरा, सांकरी, बडकोट, डोडराक्वांरा , रामी जौनपुर, रवाईं. महासू, शिमला
नागपुर, कंडारा, नागपुर
उल्का, एडासु, देवल, नयाल, कोल्ली, धौना, , बन , कांडा, चौन्दकोट देवलगढ़ बारहस्यूं , चौदकोट
उप्पू,मौल्या, रैन्का, बागर, भरदार, संगेला पश्चमी पठार, (टिहरी)
यांक अलावा गाथाओं मा
मलुवाकोट, अमुवाकोट, कल्निकोट, रामोलिगढ़, लोहानिगढ़, कत्युर गढ़ , कोककोट, कलावती कोट, नंदनी कोट, धरनी गढ़ , मलसिगढ़, कोतली गढ़, भानी कोट, चांडी कोट, जण गढ़युं को नाम बि आन्दन
सजनसिंह : सजनसिंह नागपुर गढ़ को आख़री गढ़पति थौ
दिल़ेबर सिंह : लोहाब गढ़ को गढ़पति छौ
प्रमोद सिंह : इन बुले जान्द बल प्रमोद सिंह लोहब गढ़ को गढ़पति छौ
देवल : इन बुले जान्द बल देवल न देवल गढ़ की स्थापना करी छे
घिरवाण : इन माने जान्द बल बागर गढ़ मा घिरवाण खशपत्युं राज राई
कफ्फु चौहान : भड़ /बीर कफ्फु चौहान उप्पुगढ़ को गढ़पति राई
भूप सिंह : इन बुले जांद बल भूप सिंह जौनपुर गढ़ को आखरी गढ़ पति थौ
Reference : Dr Dabral Uttarakhand ka Itihas -3