बिरखांत – ३८ :सातूं राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन-२०१५
सातूं राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मलेन २३ बटि २५ अक्टूबर २०१५ तक कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी, अलमोड़ा और ‘पहरू’ कुमाउनी मासिक पत्रिका द्वारा हिमालय देवस्थानम कल्याणिका आश्रम डोल (शहरफाटक ), अल्मोड़ा (उत्तराखंड) में सफलतापूर्वक आयोजित करीगो | सालम क्षेत्रक कुमाउनी कवि दिवंगत केदार सिंह कुंजवाल ज्यू कैं समर्पित य सम्मलेन में देश बटि करीब १७० कुमाउनी भाषा क साहित्यकार, लेखक, कवि और कुमाउनी भाषा प्रेमी शामिल हईं | सम्मेलन में कुमाउनी भाषा क कएक विधाओं क करीब तीन दर्जन रचनाकारों कैं सम्मानित करीगो | य तीन दिनी सम्मेलन सात सत्रों में चलौ जमें कुमाउनी और गढ़वाली भाषा कैं भारतीय संविधान कि आठूं अनुसूची में शामिल करण क सन्दर्भ में कुमाउनी भाषा कि प्राचीनता और उमें आज तक रची साहित्य पर चर्चा हैछ | दुसार सत्रों में कुमाउनी कविता कि विकास यात्रा और वीकि दशा- दिशा, कुमाउनी लोक साहित्य, लोक कलाकारों द्वारा गायन /वादन, कुमाउनी गद्य साहित्य, बाल साहित्य, मानकीकरण, व्याकरण एवं इतिहास, कुमाउनी भाषा विकास में राजनैतिक दलों कि और महिलाओं कि भूमिका सहित कुमाउनी भाषा में साहित्य कि सबै विधाओं पर गहन विचार-विमर्श हौछ | करीब छै दर्जन है ज्यादै वक्ताओं ल व्याख्यान दे | २४ अक्टूबर २०१५ संध्याकालीन सत्र में राष्ट्रीय कुमाउनी कवि सम्मेलन हौछ जमें करीब तीस है ज्यादै कवियों ल काव्य पाठ करौ | सम्मेलन में उत्तराखंड राज्य कि विधान सभा क अध्यक्ष कुंजवाल ज्यू ल लै व्याख्यान देते हुए हमरि भाषाओं कैं मान्यता दीण में सहयोग करण कि बात करी | सम्मेलन में साहित्य अकादमी भाषा सम्मान प्राप्त श्री मथुरा दत मठपाल ज्यू, प्रोफ़ेसर शेर सिंह बिष्ट ज्यू, डा. हयात सिंह रावत ज्यू (सचिव एवं ‘पहरू’ सम्पादक), संस्था क अध्यक्ष कर्म्याल ज्यू, तारा चन्द्र त्रिपाठी ज्यू, सहित अनेक वरिष्ठ जन मुख्य वक्ता छी | हिमालय देवस्थानम कल्याणिका आश्रम क एवं समाजसेवी बालम सिंह कपकोटी ज्यू क य आयोजन में भौत भल सहयोग मिलौ | जय नंदा कला केंद्र अलमोड़ा क कलाकारों ल सांस्कृतिक सहयोग दी बेर सम्मेलन कि भौत भलि शोभा करी | सम्मेलन में करीब आदू दर्जन किताबों क लोकार्पण लै हौछ | यांक विद्यार्थियों एवं स्टाफ दगै आश्रम क पुर नियमों क साथ सम्मेलन में भागीदारी करणी सबै आगंतुकों ल दगडै भोजन प्राप्त करौ | एक भलि आशा-उम्मीद क साथ सम्मेलन क समापन हौछ | अघिल बिरखांत में कुछ और...
पूरन चन्द्र काण्डपाल रोहिणी दिल्ली
28.10.2015