दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै
आपण संविधान कैं समझो और जानो
हमर देश १५ अगस्त १९४७ हुणि अंग्रेजों कि गुलामी बटि आजाद हौछ | स्वतन्त्रता मिलते ही हमुकें एक संविधान कि जरवत छी और संविधान बनूण क लिजी हमूल संविधान सभा बनै | संविधान सभा क लिजी ३८९ सदस्य चुनी गईं जैक अध्यक्ष डा. राजेन्द्र प्रसाद कैं चुनी गो | संविधान सभा ल संविधान निर्माण समिति बनै जैक अध्यक्ष डा. बाबा साहेब भीम राव अम्बेदकर बनाई गईं | य समिति में एक अध्यक्ष और ५ सदस्य छी | य समिति ल हमार देश कि विविधता क ध्यान धरते हुए ९ दिसंबर १९४६ बटि २६ नवम्बर १९४९ तक संविधान लेखण में २ वर्ष, ११ महैण और १८ दिन लगाईं | हमार संविधान में एक आमुख, २२ अध्यायों में ३९५ अनुच्छेद और १२ अनुसूची एवं एक परिशिष्ट छीं | हमर संविधान २६ जनवरी १९५० हुणि लागु हौछ | २६ नवंबर २०१५ हुणि हमूल संविधान दिवस लै मना | संविधान क पैल पन्न (preamble या आमुख या उद्देशिका) पर एक नजर – “ हम, भारत क लोग, भारत कैं एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनूण क लिजी, और वीक सब नागरिकों कैं : सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना कि स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर कि बराबरी दिलूण क लिजी, और ऊँ सब में मनखिय कि गरिमा और राष्ट्र कि एकता और अखण्डता सुनिश्चित करण वाल भाईचार बढूण क लिजी दृढसंकल्प है बेर आपणि य संविधान सभा में आज तारीख २६ नवम्बर, १९४९ ई. हुणि एतद्द्वारा य संविधान कैं अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करनूं |” १९५० बै आज तक संविधान में १०० संशोधन है चुकि गईं | जस कि वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी महोदय ल हालूं में याद द्यवा, हमूल आपण देश कि बहुलता, विविधता, बहुसंस्कृति और गंगाजमुनी तहजीब कैं हमेशा याद धरण कि जरवत छ तबै हाम ‘सर्वे भवन्तु सुखिन सर्वे सन्तु निरामया’ और ‘वसुधैव कुटम्बकम’ क राष्ट्र-दर्शन पर सफल है सकनूं | हमूल अग्रजों दगै मिलि बेर स्वतंत्रता संग्राम लड़ौ और देश कैं गुलामी कि जंजीरों है छुटकार दिला | संविधान क मार्गदर्शन पर हमूल मिलि बेर राष्ट्र निर्माण में आपण योगदान करण छ | हमूल हमेशा आपण राष्ट्रीय कर्तव्य याद धरण चैंछ, य ई हमर राष्ट्र निर्माण में भौत ठुल योगदान समझी जाल |
पूरन चन्द्र काण्डपाल, रोहिणी दिल्ली
10.12.15