कुमाउनी भाषा सम्मेलन
१२ , १३ और १४ नवम्बर २०१० को अल्मोड़ा में कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं
संस्कृति समिति कसारदेवी व 'पहरू' कुमाउनी मासिक पत्रिका, अल्मोड़ा (उत्तराखंड)
द्वारा कुमाउनी भाषा सम्मलेन आयोजित किया गया. इस सम्मलेन में कुमाउनी और
गढ़वाली भाषा को सविधान की आठवी अनुसूची में सम्मिलित करने का पुन: प्रस्ताव
पारित हुआ .तीन दिन का यह सम्मलेन आठ सत्रों में आयोजित किया गया. सम्मलेन में
दिल्ली, यू पी सहित पूरे उत्तराखंड से आये कुमाउनी भाषा के लेखक, साहित्यकार, कवि एवं
बुद्धिजीवियों तथा पाठकों ने भाग लिया. सम्मलेन में कुमाउनी की लगभग एक सौ से
अधिक चुनिन्दा पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी.
सम्मलेन के दूसरे दिन उत्तराखंड सरकार के संसदीय मंत्री श्री प्रकाश पन्त तथा
अल्मोड़ा क्षेत्र के सांसद श्री प्रदीप टम्टा ने भी सम्मलेन को संबोधित किया .
श्री पन्त के सम्मुख कई मांगें रखी गयी जिनमें भाषा अकादमी बनाना, लेखकों
को राज्य बनने के वर्ष से पुरस्कृत करना तथा प्राइमरी कक्षा से उत्तराखंडी
भाषाओँ को पढ़ाना सम्मिलित है. मंत्री जी ने इन मांगों को सरकार के सम्मुख
रखने का आश्वासन दिया.
सम्मलेन में कुमाउनी कविता की दशा दिशा, लोक साहित्य, लोक संगीत,
गद्य साहित्य (कहानी ,नाटक,निबंध, उपन्यास आदि ),भाषा विकास में
राजनैतिक दलों की भूमिका,मानकीकरण, व्याकरण , इतिहास ,काव्य गोष्ठी ,
बाल साहित्य सहित कई विधाओं पर व्याख्यान हुए. आयोजन समिति के
सचिव डा. हयात सिंह रावत ने सबका धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया.
पूरन चन्द्र कांडपाल,रोहिणी दिल्ली.
15.11.2010