धुये धुये की ग्वरा, अर लगै लगै की स्वरा नि होन्दा ।
कौजाला पाणी मा छाया नि आन्दी ।
अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
...बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का भी चार भांडा ।
अपड़ा गोरुं का पैणा सींग भी भला लगदां ।
साग बिगाड़ी माण न, गौं बिगाड़ी रांड न ।
कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।