साथियो,
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि औषधीय उपचार में उत्तराखण्ड का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। उत्तराखण्ड में ॠषि-मुनियों के पास औषधियों का अतुलित भंडार था और कुछ जानकारियां हमारे बुजुर्गों के पास भी थी, जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज वह घर बैठे स्थानीय औषधियों से कर देते थे। लेकिन उनकी विद्या उनके साथ ही चली गयी, आप सबने देखा होगा कि हमारे उत्तराखण्ड में झाड़-फूंक कर पैरालाइसिस तक सही हो जाता है। नाड़ी देखकर ही सटीक बीमारी वैद्य बता देते हैं।
हम इस topic के अन्तर्गत कुछ बीमारियों के देशी नुस्खे share करेंगे, जो हमारी दादी-नानियां हमें बचपन में दिया करती थीं।