बमोली (रिंगवाड़स्यूं , एकेश्वर , पौड़ी गढ़वाल ) में भगवती प्रसाद चतुर्वेदी के भवन में गढवाली शैली की 'काठ कुर्याणौ ब्यूंत ' की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन -
Tibari House Wood Art in House of Bamoli , Ekeshwar , Pauri Garhwal
गढ़वाल, कुमाऊँ,की भवन (तिबारी,निमदारी,जंगलादार मकान,,बाखली,खोली , मोरी, कोटि बनाल ) में गढवाली शैली की 'काठ कुर्याणौ ब्यूंत ' की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन -401
( ईरानी , इराकी , अरबी शब्दों की वर्जना प्रयास )
संकलन - भीष्म कुकरेती
-
उमेश असवाल ने एकेश्वर क्षेत्र से अच्छी संख्या में काष्ट कला युक्त भवनों की सूचना भेजी हैं । आज बमोली के भगवती प्रसाद चतुर्वेदी के भवन में गढवाली शैली की 'काठ कुर्याणौ ब्यूंत ' की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन पर चर्चा होगी। बमोली (रिंग्वाड़ स्यूं ) के भगवती प्रसाद चतुर्वेदी का आकर्षक भवन दुपुर , दुखंड (तिभित्या ) है। भवन के भ्यूं तल के कक्षों के द्वारों में ज्यामितीय कटान का सपाट का कार्य हुआ है। भवन के पहले तल में
छह सिंगाड़ों /स्तम्भो (आपणच ख्वाळों ) की तिबारी स्थापित है। किनारे के सिंगाड़ को दिवार से मिलाने वाले काष्ठ स्तम्भ में प्राकृतिक कला अलंकरण उत्कीर्णन हुआ है। स्तम्भ /सिंगाड़ पाषाण छज्जे पर आधारित हैं। सिंगाड़ के आधार में अधोगामी पद्म पुष्प दल से आकर्षक कुम्भी /घुंडी निर्मित हुयी है जिसके ऊपर सर्पीली कला अंकन हुआ है। निम्न घुंडी के ऊपर ड्यूल है। इसके ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल से घुंडी निर्मित हुयी है। यहां से स्तम्भ लौकी आकार ले ऊपर बढ़ता है जहाँ पर सबसे कम मोटाई है वहां अधोगामी पद्म पुष्प उभर कर आया है इसके ऊपर ड्यूल है व ड्यूल के ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प से कुम्भी निर्मित हुयी है , इस कुम्भी के ऊपर सर्पिल कला अंकन हुआ है। इस घुंडी के ऊपर से थांत आकृति निर्मित हुयी है। यहीं से तोरणम का अर्ध चाप भी शुरू होता हो सामने के स्तम्भ के अर्ध चाप से मिल ओणम निर्माण करता है। तोरणम के स्कन्धों में सूरजमुखी या पूजा चौकल के गणेश आकृति अंकित हुयी है। तिबारी के मुरिन्ड /मथिण्ड /header के कड़ियाँ स्पॉट व प्राकृकिती कला अन्न लिए हुए हैं। छत आधार से कई तरह के शंकु नुमा आकृतियां लटकी हुयी हैं।
निष्कर्ष निकलता है बमोली (एकेश्वर , पौड़ी गढ़वाल ) में भगवती प्रसाद चतुर्वेदी के आकर्षक भवन में ज्यामितीय , प्राकृतिक कला उत्कीर्णन कला मिलती है।
सूचना व फोटो आभार: उमेश असवाल
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021
गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान ,बाखली , बाखई, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन नक्काशी श्रृंखला जारी रहेगी -
Tibari House Wood Art in Kot , Pauri Garhwal ; Tibari House Wood Art in Pauri block Pauri Garhwal Tibari House Wood Art in Pabo, Pauri Garhwal ; Tibari House Wood Art in Kaljikhal Pauri Garhwal ; Tibari House Wood Art in Thalisain , Pauri Garhwal ; द्वारीखाल पौड़ी गढवा;ल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला, लकड़ी नक्काशी ;बीरों खाल , पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला नक्काशी ; नैनीडांडा पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला नक्काशी ; लकड़ी नक्काशी पोखरा पौड़ी गढवाल पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला नक्काशी ; में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला नक्काशी ; रिखणीखाळ पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला नक्काशी ; पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला नक्काशी ; जहरीखाल पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला नक्काशी ; दुग्गड्डा पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला , लकड़ी अंकन ; यमकेश्वर पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला नक्काशी ; खम्भों में अंकन