प्राकृतिक सौंदर्य से लबालब खरसाली गांव में हजारों की संख्या में स्थानीय लोगों व श्रद्घालुओं ने मां यमुना की भावभीनी विदाई की गवाही दी। भाई शनि देवता की डोली की अगुआई में विदा हुई यमुना से बिछड़ने पर ग्रामीण भावुक हो गए।
वहीं यमुना को उन के मूल स्थान तक पहुंचाने में भागीदारी निभाने का उत्साह भी उनमें भरपूर था। तड़के सुबह से ही गांव के बजुर्ग व युवा महिला-पुरुष मां यमुना की विदाई की तैयारियों में जुट गए थे। कैलुका नामक स्थान से यमुना की जलधारा से शुद्घ जल लाकर यमुना और शनि देव की पूजा की गई।
ग्रामीणों द्वारा भेंट किए गए वस्त्रों को पहनाकर यमुना और शनि देवता की डोली को विशेषरूप से सजाया गया। तत्पश्चात शुरू हुआ वाद्य यंत्रों की थाप पर शनि देवता की डोली का नृत्य। इस लोक नृत्य के दौरान क्षेत्र के लोग आनंदित हो गए। सुबह आठ बजकर 33 मिनट पर मां यमुना की विदाई की घड़ी के समय लोग भावुक हो गए।