हमारे यहाँ अलग -अलग जाती के लोगों को ढोग मैं अलग-अलग शब्दों का प्रयोग करते हैं|
जैसे -: जो राजपूत ६ पल्लों की जनेऊ पहनते हैं(कुल्याल,कुंवर,चंद अदि) लोग आपस मैं "जय देव" बोलते हैं,
बाकी सरे राजपूत लोगों के साथ "पैलग-ज्युजाग"
सभी ब्राह्मणों को "पैलग -ज्युजाग"
नाथ(महंत)लोगों के साथ "नाथ जी आदेश"
गिरी(गोस्वामी)लोगों के साथ "नमो नारायण"
सुनार लोगों के साथ "राम-राम"
हरिजनों के साथ "जय हिंद"
ये प्रथा अज भी जीवित हैं हम लोग जब भी गाँव जाते हैं तो इन शदों का प्रयोग करर्ते हैं|
kundan singh kulyal
ladhiya ghati (champawat)