मित्रो..
मेरे हिसाब से राज्य के हित में कोई कार्य अच्छा हो रहा है तो हमें उसकी प्रशंशा करनी चाहिए! एक समय था हम सब लोगो का धोनी से नाराजगी थी की धोनी ने कभी भी उत्तराखंड से अपना पैत्रिक नाता होने की बात कबूल नहीं की और वह कभी भी उत्तराखंड में नहीं आया!
अगर शादी के बाद वह अपनी मिटटी से और राज्य के विकास में भागीदारी करना चाहता है तो इसमें शायद हम लोगो को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए! बल्कि इस विषय को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए !
क्यों हम एक बात को लेकर धोनी के पीछे पड़े हुयी की उसने कभी नहीं कहा की उसका उत्तराखंड से नाता है! मैंने कितने की न्यूज़ पेपर में और टीवी इंटरवियु में देखा है धोनी के अपना उत्तराखंड राज्य से समंध के जिक्र किया है!
हमारा बहुत ज्यादे भावनाओं में बहना भी उचित नहीं के जब -२ धोनी में "मैंन आप द मैच मिले" मंच में जाके कह में उत्तराखंड से हूँ ! हमारे राज्य के सरकारों ने उसे कितनी बार सम्मानित किया है, इसके हम क्यों नहीं देखते!
हमारी तरफ से कितनी पहल रही है?
जो भी मेरे हिसाब से हमे धोनी का इस योगदान की सराहना करनी चाहिए !
" देर आये पर दुरुस्त आये"... हिमालय पुत्र, भारत का गौरव !