Author Topic: Uttarakhand Suffering From Disaster - दैवीय आपदाओं से जूझता उत्तराखण्ड  (Read 102799 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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पहले से ही मजबूत काम करवाया होता तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता,कमसे कम रोड तो बछ जाती लोगों को आने जाने के लिए वहां तो सीमेंट की जगह बजरी दाल दते हैं और सीमेंट से ठेकेदारों की बिल्डिंग्स बनती  है
तब ये सब याद नहीं आया था ,कुछा तो बछ जाता अब तो क्या कुछ भी नहीं बचा है हर तरफ तबाही ही है न तो लोगों के घर बचे हैं न ही अआने जाने के लिए रास्ते एक एक दाने के लिए टीआरएस रहे हैं ग्रामीण क्या अभी तक आप किसी गाँव में गए हो की कितना नुक्सान हवा कितना क्या हुवा अखबारों और टी वी चैनलों के अलावा क्या अपने कभी देखा है अपने आँखों से की क्या हो रहा है उत्तराखंड में !
 आज अपने वोट बैंक का स्कोर बढ़ने के लिए ये सब ढोंग कर रहे हो जिस दिन उत्तराखंड में ये दैवीय घटनाएँ हो रही थी उन दिनों उत्तराखंड का मंत्री मंडल  दावत  उड़ा रहे थे !

hemant1031982

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uttranchal ki sadaki
« Reply #131 on: September 25, 2010, 07:04:07 PM »
sabhi uttranchal wasio ko main hemant  ka sadar namaskar ,,,doato mera gavn  ramnagar se age padata hain ,,abhi8 aap sabhi ko malum hi hoga ki uttranchal main bahut barsat huvi jiski karan ramnagar se patkot wali road ki  halat itni kharab hain ki  kuch kah nahi sakte ,,,pahle to barsat main road band hi ho gayi thi   or aab jab chalu bhi hain to bura hal ,,,,,agar koi gavn main achanak bimar ho jata hain to na hospital main docter  or na ramnagar le jane ki subidha ,,,,,,neta apni jeb bhar rahe hain .or nirdosh janta mar rahi hain.........ye hal akele mere gavn ka nahi hain   ,uttranchal main kai gavn hain  jaha  yahi sab ho raha hain,,,,,,,,,,,

हेम पन्त

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अल्मोड़ा जिले में भी अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है.
 

हेम पन्त

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अल्मोड़ा में साढे़ चार सौ करोड़ की क्षति
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अल्मोड़ा : जिलाधिकारी सुव‌र्द्धन ने जिले में दैवीय आपदा से हुई विभागीय व निजी सम्पत्तियों का ब्यौरा देते हुए बताया कि जिले भर करीब साढ़े चार सौ करोड़ की क्षति हुई है। इसका आकलन तैयार कर शासन को भेज दिया गया है।

हानि का ब्योरा देते हुए बताया कि निर्धारित त्वरित मानकों के तहत क्षति का आकलन 25088.45 लाख व योजनाओं के स्थाई निर्माण के अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के लिए 18711.39 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। जनपद में 948.34 किमी व ग्रामीण क्षेत्रों में 892.95 किमी सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। इसी क्रम में नगरपालिका क्षेत्र में 8.11 किमी सड़क की क्षति हुई है। जिले में कुल 74 पुल, 591 कलमठ, 219 स्कूल, 09 सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 98 पैदल मार्ग अभी तक चिन्हित किये गए हैं, जिनका परिव्यय शासन को भेजा गया है। इसके अतिरिक्त जिले में 1232 कच्चे व पक्के मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनके लिए 2343.50 लाख का आकलन शासन को भेजा गया है। स्थाई निर्माण के अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के लिए 18711.39 लाख का आकलन भेजा गया है। जिसमें आयुर्वेद की 3 योजनाओं के लिए 4.30 लाख मेडिकल की 12 योजनाओं के लिए 61 लाख, जल संस्थान की 7 योजनाओं के लिए 45 लाख एग्रीकल्चर के लिए 951 योजनाओं के लिए 170 लाख, खेलकूद के लिए 35 लाख, सिंचाई विभाग की 5 किमी नहर निर्माण के लिए 641.96 लाख, पेयजल निगम की 109 योजनाओं के लिए 235 लाख, प्रधानमंत्री सड़क योजना के 25 सड़कों के लिए 787.09 लाख, ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा की 2 योजनाओं के लिए 10 लाख, नगरपालिका की 15 योजनाओं के लिए 387 लाख, वन विभाग के 300 लाख, शिक्षा विभाग के 253.50, लघु सिंचाई के लिए 363.50 लाख, पशुपालन के लिए 9.40 लोक निर्माण विभाग के 1523.64 सड़क निर्माण के लिए 14088.35 लाख, ग्राम्य विकास की 516 योजनाओं के लिए 365.47 लाख, राष्ट्रीय राजमार्ग की 10.830 किमी सड़क निर्माण के लिए 423.40 लाख, पुलिस की 11 योजनाओं के लिए 65.07 लाख, उद्यान की 8 योजनाओं के लिए 30 लाख, पंचायती राज की 390 योजनाओं के लिए 442.55 लाख का आकलन तैयार कर शासन को भेजा गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा की यह राशि बढ़ सकती है, क्योंकि शासन के निर्देशों के अनुसार 26 सितम्बर को रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजी जानी थी।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6760617.html

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कूड़ी टूटी, पुंगड़ी बगी, भुखा मोरणा की अई नौबत
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सत्तर-अस्सी साल की उमर मा इनी बरखा कबि नि देखी। यन बरबादी भि कबि नि ह्वेई। सरग यन बरसी कि कूड़ी टूटगीं, पुंगड़ी बगगीं अब त भुखा मोरणा की नौबत अई चा' (जिंदगी के सत्तर बरस बीत चुके हैं, लेकिन ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी। इस बार तो आसमान ऐसा बरसा कि घर टूट गए और सब खेत भी बह गए। अब हालत यह है कि भूखे मरने की नौबत आ गई है)। पुरोला प्रखंड में बारिश के जमकर कहर बरपाने के बाद प्रभावित गांवों के बुजुर्ग रुंआसे अंदाज में कुछ इसी तरह अपना दर्द बयां कर रहे हैं।

पुरोला प्रखंड के चपटाड़ी गांव में बारिश ने तबाही मचा दी। दर्जनों मकान आंशिक या पूर्णरूप से ध्वस्त होने के साथ ही ग्रामीणों के खेत भी बह गए। नतीजा बेघर तो हुए ही, रोटी का जरिया भी खत्म हो गया। अब ये ग्रामीण सार्वजनिक चौक पर चूल्हा जलाकर किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं। सुनदास, बिजलदास, हुकमदास, रकमदास, एलमदास, जगबीर व रघुवीरदास की 70 वर्षीय मां जलमा देवी व गांव के 82 वर्षिय सोबतु, लेबरू, बलबीरू आदि बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार बारिश को इस कदर कहर बरपाते देखा है। ध्वस्त हो चुके पुश्तैनी मकान को ताकती जलमा देवी की वीरान आंखों में एक ही दर्द झलक रहा है कि कल तक जिस बरामदे में वह अपने नाती-पोतों के साथ खेला करती थी, आज वह नेस्तनाबूद हो चुका है।

हालांकि, प्रशासन की ओर से प्रभावितों को राहत देने का काम शुरू हो चुका है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6785398.html

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जिले में 1471 व्यक्ति आज भी शिविर में
अल्मोड़ा: जिलाधिकारी सुव‌र्द्धन ने बताया कि आपदा राहत के तहत राजस्व  विभाग को मिली धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग कर लिया गया है। जिले को 7 करोड़  50 लाख की धनराशि प्राप्त हुई थी, जिसमें 6 करोड़ रुपया विभागीय सम्पत्ति  के लिए, 1 करोड़ 25 लाख अहेतुक सहायता, गृह अनुदान व पेयजल के लिए 25 लाख  प्राप्त हुआ था। उसे व्यय कर दिया गया है।  उन्होंने बताया कि टीआर 24 के तहत 3 करोड़ 5 लाख आहरित किया गया है। इस  तरह कुल 10 करोड़ 55 लाख की धनराशि व्यय हो चुकी है। जिलाधिकारी ने बताया  कि विभागीय परिसम्पत्तियों की मरम्मत के लिए जनपद को 6 करोड़ की धनराशि  प्राप्त हुई थी। उसमें से अधिशासी अभियंता निर्माण खण्ड लोनिवि को 1  करोड़, प्रांतीय खण्ड को 1 करोड़, लोनिवि रानीखेत को 50 लाख, प्रांतीय खण्ड  रानीखेत को 50 लाख, अधिशासी अभियंता जल संस्थान को 65 लाख, रानीखेत को 50  लाख, रामनगर को 14 लाख 50 हजार, नगरपालिका अल्मोड़ा को 30 लाख, विद्युत को  50 लाख, विद्युत रानीखेत को 50 लाख व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को 40  लाख 50 हजार दिया गया है।


soure dainik jagran


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आपदा राहत राशि नहीं बांट पा रही सरकार,      बांटने में तकलीफ हो रही होगी तुम सब  खाने के चक्कर में हो इसलिए नहीं बाँट पा रहे हो

                                आपदा राहत राशि नहीं बांट पा रही सरकार                                                                                                                                           केंद्रीय  श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय राहत कोष (सीआरएफ) के  मानकों में बदलाव की रट लगाने वाली उत्तराखंड सरकार पर शुक्रवार को जमकर  निशाना साधा।
   उन्होंने  कहा सीआरएफ की आड़ लेकर मुख्यमंत्री और भाजपा नेता आपदा पीड़ितों को धोखा न  दें, क्योंकि राहत देने में सीआरएफ का मानक कहीं बाधक नहीं है। श्री रावत  ने कहा कि सच तो यह है कि केंद्र से मिले 600 करोड़ में अब तक 10 फीसद राशि  भी पीड़ितों तक नहीं पहुंची है। राज्य के आपदा प्रभावित जिलों का दौरा कर  देहरादून पहुंचे श्री रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आपदा में  मारे गए लोगों के आश्रितों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा घोषित राहत  राशि के तौर पर 3.50 लाख रुपये की मदद मिलनी चाहिए थी, पर उन्हें अब तक  सिर्फ केंद्र द्वारा दी गई एक लाख की मदद ही मिली है। राज्य सरकार से  उन्हें फूटी कौड़ी नहीं दी है। यही स्थिति उन लोगों की है जिनके मकान  ध्वस्त हो गए हैं। प्रदेश में करीब ढाई हजार लोग आज भी खुले आसमान के नीचे  रात गुजारने को मजबूर हैं।                     

ऐसे पीड़ितों को  भी निर्धारित राहत के बजाय मात्र 10 हजार दिए गए हैं। इसके अलावा बड़ी  संख्या में लोगों को किसी प्रकार की राहत नहीं पहुंची है। राज्य सरकार के  राहत संबंधी दावों को धोखा बताते हुए उन्होंने कहा कि जब आपदा के लिए  केंद्र द्वारा भेजी गई राशि राज्य सरकार के खजाने में पहुंच गई है तो  पीड़ितों तक क्यों नही पहुंच रही है, इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना होगा।

केंद्र  से मिली राहत राशि को 'ऊंट के मुंह में जीरा' बताने वाले भाजपा नेताओं की  खिंचाई करते हुए उन्होंने कहा कि अगर केंद्र ने 'जीरा' दिया है तो कम से  कम राज्य सरकार को भी 'जीरा' देना चाहिए था, जो अब तक नहीं दिया है। श्री  रावत ने राज्य सरकार से बाढ़ में कृषि योग्य जमीन बहने से प्रभावित किसानों  और मकान विहीन हुए लोगों के लिए हरियाणा की तर्ज अलग से पैकेज घोषित करने  की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यदि दिल से आपदा पीड़ितों की मदद करना  चाहते हैं तो ऋणों की वसूली स्थगित करने और भूमिहीन किसानों को मुआवजा  देने की घोषणा करें। राहत राशि की वितरण पर कांग्रेस की निगरानी समिति के  गठन से बारे में पूछे जाने पर श्री रावत ने कहा यह काम प्रदेश इकाई का है  इसलिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य चाहें तो समिति का गठन कर सकते  हैं।


http://www.samaylive.com/regional-hindi/uttarakhand-hindi/100932.html

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५०० सो करोड़ की रासी मिली है अब देखना ये हैं की कितने पैसे ये लोग अफ्दा ग्रष्ट लोगों को देते हैं और कितने लोग लोग इस पैसे से करोड़ा पति नाते है
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आपदा: विभागों को दिए 401 करोड़
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आपदा राहत मद में केंद्रीय सहायता के तौर पर मिली 500 करोड़ में 401 करोड़ की राशि विभागवार जिलों को आवंटित की गई है। सरकार ने आपदा प्रभावितों के पुनर्वास व राहत को तेज की गई मुहिम में महकमों को युद्धस्तर पर जुटने के निर्देश दिए हैं। राहत राशि जिला प्रशासन के माध्यम से महकमों को मिलेगी।

मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के निर्देशों के बाद आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने में सरकारी अमला जुट गया है। इस कड़ी में शुक्रवार को 500 करोड़ की केंद्रीय सहायता को विभागवार आवंटित किया गया। 12 महकमों में सबसे अधिक 200 करोड़ की राशि लोक निर्माण को दी गई है। पेयजल को 75 करोड़, सिंचाई को 50 करोड़, शिक्षा को 20 करोड़, स्वास्थ्य को तीन करोड़, शहरी विकास को 20 करोड़, वन को दस करोड़ आवंटित किए गए हैं। स्वास्थ्य को तीन करोड़, उद्यान को पांच करोड़, लघु सिंचाई को पांच करोड़, पशुपालन को पांच करोड़, ऊर्जा को तीन करोड़, परिवहन को पांच करोड़ आवंटित किए गए हैं।

जिलों में सर्वाधिक पौड़ी को 48.90 करोड़, हरिद्वार को 46.69 करोड़, नैनीताल को 41.66 करोड़, अल्मोड़ा को 40 करोड़, देहरादून को 39.64 करोड़ से ज्यादा राशि आवंटित की गई है। अन्य जिलों में टिहरी को 33.41 करोड़, उत्तारकाशी को 33.75 करोड़, पिथौरागढ़ को 27 करोड़, चमोली को 24.56 करोड़, चंपावत को 12.95 करोड़, बागेश्वर को 17.53 करोड़, ऊधमसिंहनगर को 17.94 करोड़, रुद्रप्रयाग को 15.86 करोड़ से ज्यादा राशि आवंटित की गई है। आपदा मद में ही शेष 99 करोड़ की राशि जिलों को दी गई है। इसमें पौड़ी को 15 करोड़, अल्मोड़ा को 11 करोड़, चमोली व टिहरी को नौ-नौ करोड़, नैनीताल व पिथौरागढ़ को आठ-आठ करोड़, ऊधमसिंहनगर, देहरादून व हरिद्वार को सात-सात करोड़, उत्तारकाशी को छह करोड़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर व चंपावत को चार-चार करोड़ दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन व पुनर्वास सचिव डा. राकेश कुमार के मुताबिक जिलों को आपदा राहत मद में दी गई राशि का सदुपयोग व पीड़ितों को तत्काल सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6818651.html

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1168 प्रभावितों को बांटी 1.40 करोड़ की राशि
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बागेश्वर: दैवीय आपदा से प्रभावित जनपद के 1168 परिवारों को 1करोड़ 40 लाख 60 हजार रुपयों की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त विभागीय परिसंपत्तियों की मरम्मत हेतु शासन से आवंटित धनराशि 6 करोड़ के सापेक्ष 5करोड़ 99 लाख 50 हजार की राशि विभिन्न विभागों को आवंटित की जा चुकी है।

जिलाधिकारी डीएस गब्र्याल ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वह आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद करें। विभागीय अधिकारी क्षतिग्रस्त कार्याें के पुनर्निर्माण के कार्य टेंडर के माध्यम से करायें। जिलाधिकारी ने सभी तहसीलों में दैवीय आपदा के कार्यो के सर्वेक्षण के लिए समितियों का गठन कर दिया है। इन टीमों के सदस्य भवन क्षति के नये प्रकरणों, जन व पशु हानि के नये मामले, क्षतिग्रस्त मार्गो व सड़कों जिनके आगणन नहीं बने हैं अथवा जिन्हें पूर्व में आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी है को अपनी रिपोर्ट में दर्ज करेंगे। कृषि भूमि व फसल की क्षति का भी आंकलन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत दो तीन दिनों से गैस की सप्लाई में सुधार आया है। 18 अक्टूबर से पुराने रूट चार्ट के आधार पर वितरण शुरू किया जाएगा। कहा कि कुछ क्षेत्रों में ठेकेदारों की लापरवाही के चलते खाद्यान्न आपूर्ति बाधित हुई है। इसे ठीक करने के सख्त निर्देश दिये गये हैं।

सीडीओ ने सौंपा डेढ़ लाख का ड्राफ्ट

बागेश्वर: दैवीय आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी की अपील पर एकीकृत विकास विभाग विकास भवन के अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन सहयोग राशि के रूप में एकत्रित कर 1लाख 50 हजार 382 रुपयों का ड्राफ्ट मुख्य विकास अधिकारी रोशन लाल ने जिलाधिकारी डीएस गब्र्याल को सौंपा है। सीडीओ ने बताया कि सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने आपदा प्रभावितों के प्रति संवेदना व संवेदनशीलता दिखाते हुए सहयोग प्रदान किया।

source dainik jagran

 

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