पिपली गांव के छह परिवार किए शिफ्ट
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नई टिहरी, जागरण संवाददाता: बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन होने व मलबा आने से कई करीब दस मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि कईयों के मकान खतरे की जद में है। जिले भी प्रमुख सड़कों के अलावा सभी सम्पर्क मार्ग बंद पड़े है, जिससे ग्रामीणों को अन्य क्षेत्रों से सम्पर्क कट गया है।
जिला मुख्यालय में जिला कार्यालय से जोड़ने वाली सड़क पर मलबा आने से सड़क दब गई है। सड़क के नीचे निर्माण निगम के कालोनी में रहे रहे लोगों को वहां से हटा दिया गया है, जबकि विकास भवन के समीप बीती शाम को पेड़ बीच सड़क पर आ गिरा। जाखणीधार प्रखंड के सांदणा गांव में कलम सिंह, जसपाल सिंह, बलवीर सिंह, असरफी देवी, कुसा देवी, धर्म सिंह के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि मदन सिंह, दयाल सिंह, मूर्ति सिंह, कुंदन सिंह, मोहन सिंह, जोत सिंह व धन सिंह के मकानों में मलबा घुस गया। ग्रामीण विनोद सिंह, बलवंत सिंह, त्रिलोक सिंह का कहना है कि गांव के ऊपर दरार आ गई है।
दूसरी ओर, मुख्यालय से लगे पिपली गांव के ऊपर मुख्यालय का पानी जाने से गांव के ऊपर लगी सुरक्षा दीवार कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकती है, जिससे गांव के परिवारों को खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने गांव के छह परिवारों महिपाल सिंह, मंगली देवी, जोत सिंह, सुरेन्द्र सिंह, लक्ष्मी देवी व प्रेम सिंह को जिला पंचायत कालौनी, नगर पालिका के बारातघर, प्राइमरी स्कूल पिपली व आंगनबाड़ी केन्द्र पिपली में शिफ्ट कर दिया है। ग्राम प्रधान जोत सिंह रावत ने बताया कि गांव के ऊपर की सुरक्षा दीवार कभी भी ढह सकती है।
वहीं, लम्बगांव में जलकुर नदी का जलस्तर बढ़ने से नौघर के जगमोहन, वीरेन्द्र रावत खेतों को नुकसान हुआ है, वहीं बिजपुर गदेरा ऊफान पर होने के कारण कपूर, वीरेन्द्र सिंह, अर्जुन सिंह, सुमेर सिंह की सिंचित भूमि बह गई है। वहीं, घनसाली में सरस्वती शिशु मंदिर के दो कमरे क्षतिग्रस्त हो गया है जबकि कोटगा गांव में पंचायत भवन ध्वस्त हो गया। वहीं, चम्बा के जाजल हडीसेरा व नागणी में हेंवल नदी में बाढ़ आने से नदी के दोनों किनारें ग्रामीणों के सिंचित खेत बह गए हैं। ग्रामीणों का लगभग 500 नाली कृषि भूमि तबाह हो गई। जबकि नागणी में तीन पुल व 6 आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं।
उधर, छाम के थौलधार के ग्राम रमोलसारी में बारिश से भूस्खलन के खतरे को देख गांव के 10 परिवारों ने अपने घर खाली कर दिये हैं। वहीं, कीर्तिनगर में प्रखण्ड के चौरास क्षेत्र में सुपाणा गांव के 15 मकानों में गदेरे का पानी व मलबा घुसने से घर में रखा सामान खराब हो गया। तहसीलदार बीएस रावत ने बताया कि अलकन्दा व भागीरथी नदी के जल स्तर में वृद्धि होने से देवप्रयाग संगम सहित आस पास लोगों को सचेत किया गया है। उधर, नैनबाग में बारिश से विकास खंड जौनपुर में कई हेक्टेयर धान की क्यारियां, घराट एंव मकान क्षतिग्रस्त हो गये। चार पुल बह जाने से आवागमन की विकट समस्या पैदा हो गई है।
Source Dainik jagran