हेम दा,
भौत ही गुड न्यूज सुना दी ठेरी आज आपने, सच्ची में रंगत आ गयी......।
यह तो हमारे परिवार के लिये भौत गर्व की भी बात ठेरी..और दिन भी आपने भौत ही निका चुना ठेरा, मकर संक्रान्ति के दिन का. आ....हम पहाड़ियों का सबसे ठुला त्यार ठेरा भल उत्तरायणी, उसी के धेखा जाय तो असली त्यार.. कि कुनी ..उ इंग्लिश में.....होय>>>>फोक फेस्टीवल ठेरा ये हमारा, अब इस त्यार के बारे में टोपिक ले बनाना है।
रचनाशील उत्तराखण्ड-मेरा पहाड़ परिवार को इस किताब के विमोचन एवं सफलता हेतु मेरी शुभकामनायें......। भगवान बागनाथ जी सब भल करल.....।