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अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #200 on: February 05, 2009, 10:58:34 AM »
अब इलाज का रेट तय करने की तैयारी

दिल्ली सरकार प्राइवट अस्पतालों और नर्सिन्ग होम के लिए रेट तय करने पर सोच रही है। इससे पहले सरकार इन्हें विभिन्न ग्रुप
में बांटेगी, ताकि क्वॉलिटी के मुताबिक ही चार्ज तय हो सकें। दिल्ली सरकार इस तरह के कई और नियमों को दिल्ली हेल्थ अथॉरिटी के दायरे में लाने की तैयारी में है। हालांकि अभी इस अथॉरिटी को बनाने में वक्त लग सकता है।

दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली हेल्थ अथॉरिटी बनाने के लिए अभी शुरुआती चर्चा चल रही है, लेकिन सरकार इस मसले पर गंभीर है। वह इस अथॉरिटी की स्थापना करके दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने की कोशिशों में जुट गई है। यह सोचा गया है कि ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए कि सरकारी और प्राइवट अस्पतालों के बीच तालमेल बने।

इसके तहत सभी प्राइवेट-सरकारी अस्पतालों के बिस्तरों का ब्योरा लिया जाएगा। इससे ऐसा सिस्टम बनाया जाएगा, जिससे लोगों को पता रहे कि उन्हें किस अस्पताल में आसानी से बिस्तर मिल सकता है। कई मामलों में देखा गया है कि लोग मरीज का बेहतरीन इलाज कराने के मकसद से बड़े अस्पतालों में चक्कर लगाते रहते हैं और इसी में मरीज की जान चली जाती है।

योजना यह भी है कि डिस्पेंसरी सिस्टम लागू किया जाए, ताकि बड़े अस्पतालों में भीड़ न जुटे और एक्सपर्ट डॉक्टर ओपीडी में ही उलझे न रह जाएं। अगर डिस्पेंसरियां स्थापित करके अस्पतालों में मामूली बीमारी का इलाज कराने वालों की भीड़ कम कर दी जाए तो डॉक्टरों का बेहतरीन इस्तेमाल किया जा सकता है। अभी दिल्ली सरकार के पास अपना कोई हेल्थ कैडर भी नहीं है, इस अथॉरिटी के बनने से सरकार अपना कैडर भी बना सकेगी। दिल्ली सरकार का कहना है कि इस मामले में वर्ल्ड बैंक के विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी।

अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #201 on: February 06, 2009, 11:01:04 AM »
फास्टेस्ट सुपर कंप्यूटर

कंप्यूटिंग स्पीड में नया धमाका फिर आईबीएम ने किया है। उसने कंप्यूटिंग स्पीड के अपने पुराने रेकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया है। आईबीएम ने अब जो नया सुपरकंप्यूटर पेश किया है वह मौजूदा सुपरकंप्यूटिंग मशीन 'ब्ल्यू जीन' से बीस गुना तेज है।
आज यह विश्वास करना भी कठिन है कि सिर्फ आज से तेरह साल पहले ही सुपर कंप्यूटर टेराफ्लॉप हुआ करता था। कंप्यूटर गणना में पेंटाफ्लॉप का आशय है टेराफ्लॉप से 1000 गुना तेज। आज से एक साल पहले ही आईबीएम ने पहली बार पेंटाफ्लॉप (10 टु द पॉवर 15) के बैरियर को क्रॉस किया था।

आईबीएम का यह नया सिस्टम है 'सीक्वेया'। यह 20 पेंटाफ्लॉप या बीस क्वाड्रिलियन कैलकुलेशन प्रति सेकंड कर सकेगा। सामान्य भाषा में कहें तो इससे सुपरकंप्यूटर की स्पीड बीस लाख लैपटॉप्स की क्षमता से भी अधिक होगी। 'सीक्वेया' में लगभग सोलह लाख कंप्यूटर चिप्स होंगी। इससे इसकी गणना क्षमता बढ़कर 1.1 पेंटाफ्लॉप ब्ल्यू जीन एल कंप्यूटर से भी अधिक हो जाएगी। 'सीक्वेया' की मेमॉरी क्षमता 1.6 पेटाबाइट्स रखी गई है।

यह सुपर कंप्यूटर आईबीएम द्वारा अमेरिकी ऊर्जा विभाग के लिए बनाया गया है, जिसे कैलिफॉर्निया की लॉरेंस लाइवमोर नैशनल लैबोरेटरी में 2012 में स्थापित किया जाएगा। 'सीक्वेया' का उपयोग एक और मशीन जिसे 'डॉन' कहा जाता है, के साथ न्यूक्लियर टेस्ट सिमुलेशन और विस्फोट में किया जाएगा। डॉन का निर्माण पहले ही हो चुका है।

आईबीएम के प्रवक्ता रॉन फावेली ने बताया कि दोनों ही मशीनों का उपयोग हमारे न्यूक्लिअर भंडार की सुरक्षा और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने में किया जाएगा। रॉन ने संतोष जाहिर करते हुए कहा - सीक्वेया इज बिग। सुपरकंप्यूटर की स्पीड में प्रगति बहुत तेजी के साथ देखने को मिल रहा है। निर्माण की नई तकनीकों और सस्ती चिप के विकास से यह सब संभव हुआ है। सिर्फ 1996 में ही एक ट्रिलियन गणना प्रति सेकंड (टेराफ्लॉप) करने वाली मशीन बनाना संभव हुआ था, तब पेंटाफ्लॉप बहुत दूर की कौड़ी लगता था।
दो साल पहले सन माइक्रोसिस्टम्स ने 59 मिलियन डॉलर की मशीन पेश की थी - कॉन्सटेलेशन। इस मशीन का दावा 421 टेराफ्लॉप स्पीड के साथ, सबसे फास्ट ऑपरेटिंग सिस्टम होने का था। सिर्फ दो साल बाद ही सीक्वेया इसकी 50 गुनी स्पीड हासिल करने वाली मशीन बन रही है।

सीक्वेया की लागत निश्चित रूप से ज्यादा है, पर नई पीढ़ी के सुपर कंप्यूटर किसी भी तरह पुरानी पीढ़ी के कंप्यूटर से ज्यादा फास्ट और सस्ते हैं। नया स्पीड बैरियर है एक्साफ्लॉप - 10 टु द पॉवर 18। यद्यपि यह भी सच है इस उपलब्धि के एक सप्ताह पहले ही आईबीएम ने वर्ल्डवाइड ऑपरेशन से 3000 कर्मचारी छटनी किए जाने की घोषणा की थी।

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« Reply #202 on: February 07, 2009, 10:27:28 AM »
इग्नू के स्टूडंट्स देख सकेंगे जांची गईं आंसर शीट्स

इंदिरा गांधी नैशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के स्टूडंट्स अब जांची गई आंसर शीट की फोटोकॉपी ले सकते हैं। इग्नू के इस महत्वपूर्ण फैसले से उन 20 लाख स्टूडंट्स को बड़ी राहत मिलेगी, जो अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होते। जुलाई 2009 से स्टूडंट्स इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। इग्नू के रजिस्ट्रार (एग्जामिनेशन) श्रीकांत महापात्रा ने बताया कि जो स्टूडंट्स आंसर शीट की फोटोकॉपी के लिए अप्लाई करेंगे, उनसे 100 रुपये की फीस ली जाएगी और रिजल्ट आने के 45 दिन के भीतर फोटोकॉपी मिल जाएगी। जो स्टूडंट्स अप्लाई करेंगे, उन्हें ही यह सुविधा मिलेगी।

हालांकि कोलकाता हाई कोर्ट ने भी सीबीएसई को जांची गई आंसर शीट दिखाने का निर्देश दिया था। सीबीएसई इस फैसले से सहमत नहीं है और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कह रहा है। बहरहाल, इग्नू ने स्टूडंट्स को आंसर शीट की फोटोकॉपी देने का फैसला कर लिया है।

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« Reply #203 on: February 09, 2009, 02:43:04 PM »
चंद्रग्रहण आज पर चांद दिखेगा

सोमवार शाम 6 बज कर 7 मिनट से चंद्रग्रहण लगने वाला है। करीब 4 घंटे तक चलने वाला यह चंद्रग्रहण कुछ अलग तरह का है। रात में चंद्रमा दिखता रहेगा, सिर्फ चांदनी मलिन होगी।

बताया जा रहा है कि चंद्रग्रहण देखने से मन-धन को नुकसान पहुंच सकता है। कारोबार, बजट शेयर, बच्चों की बुद्धि पर असर पड़ सकता है। ज्योतिषियों का कहना है कि इस दौरान गर्भवती महिलाएं बाहर न निकलें या कोशिश करें कि गर्भ पर मलिन चांद की रोशनी न पड़े। इससे बच्चे का विकास प्रभावित हो सकता है। ग्रहण का मध्यकाल रात 8 बज कर 2 मिनट का होगा और मोक्ष काल यानी इसके खत्म होने का समय होगा 10 बज कर 10 मिनट। कुप्रभावों को कम करने के लिए ग्रहण के दौरान पूजापाठ, जाप, यज्ञ वगैरह किए जा सकते हैं क्योंकि सूतक नहीं लग रहा। सूतक लगने पर पूजापाठ या कोई अन्य काम धार्मिक दृष्टि से ठीक नहीं माना जाता।

ग्रहण दोहरी संभावनाओं वाला बताया जा रहा है यानि शुभ फलदायी भी है। अगर कोई व्यक्ति मध्यकाल से मोक्ष काल के बीच ऊँ महालक्ष्मी नम: मंत्र का जाप करता है तो उस पर लक्ष्मी की कृपा हो सकती है। लेकिन जानकारों को कहना है कि कोई जाप करने से पहले उसका सही समय जरूर पता कर लिया जाए।

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« Reply #204 on: February 12, 2009, 10:10:47 AM »
दिल्ली को इनवर्टर की तरह बैकअप देगा टिहरी

कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद राजधानी में कभी बत्ती गुल नहीं होगी। राजधानी को टिहरी डैम से 600 मेगावॉट बिजली और
मिलेगी। यह बिजली 2012 से मिलनी शुरू होगी। इसे इनवर्टर की तरह इस्तेमाल किया जाएगा, यानी जब दिल्ली को बिजली की जरूरत होगी तब इसका इस्तेमाल किया जाएगा। अभी टिहरी हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट से दिल्ली को 100 मेगावॉट के करीब बिजली मिलती है।

टिहरी से 2012 तक 2000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होना है। फिलहाल टिहरी से 1000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है। 1000 मेगावॉट में से दिल्ली को 100 मेगावॉट बिजली मिलती है। दिल्ली ट्रांस्को के डाइरेक्टर (ऑपरेशन) ए. के. कौल के मुताबिक अगले दो-तीन महीनों में टिहरी में 1000 मेगावॉट और बिजली उत्पादन के लिए प्लांट का निर्माण शुरू हो जाएगा। यह बिजली पंप स्टोरेज रिजरवॉयर से मिलेगी। इस यूनिट के चलने के बाद राजधानी को 600 मेगावॉट बिजली मिलने लगेगी।

टिहरी हाइड्रो प्रॉजेक्ट के अधिकारियों के मुताबिक अभी टिहरी से 1000 मेगावॉट बिजली टरबाइन के चलने से बनती है। एक हजार मेगावॉट बिजली और बनाने के लिए एक रिजरवॉयर बनाया जाएगा। रात के वक्त बिजली पहाड़ से ऊपर गिरने वाले पानी से बनेगी। इस पानी को रिजरवॉयर में इकट्ठा किया जाएगा। पंपों के जरिए इसे दोबारा डैम के ऊपर ले जाया जाएगा, जहां इसे रीयूज करके दिन के समय एक हजार मेगावॉट और बिजली बनाई जाएगी। यह बिजली तभी बनाई जाएगी जब दिल्ली को इसकी जरूरत होगी। अगर राजधानी में बिजली की कमी हुई तो यह बिजली इनवर्टर की तरह बैकअप देगी। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी ऑथॉरिटी के मुताबिक राजधानी में बिजली की खपत करीब 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है। राजधानी में इस साल बिजली की डिमांड 4500 मेगावॉट के आसपास पहुंच जाएगी। कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान करीब 6000 मेगावॉट के आसपास बिजली की जरूरत होगी। दिल्ली सरकार ने 8000 मेगावॉट से ज्यादा के इंतजाम किए हैं।

अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #205 on: February 21, 2009, 10:18:32 AM »
पहाडी लोग भी कम नही रिश्वत लेने में!!

दिल्ली पुलिस के दामन पर एक और दाग। शुक्रवार को नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के भजनपुरा थाने के एसएचओ सूर्य प्रकाश रावत और इसी थाने में तैनात सबइंस्पेक्टर राम कुमार त्यागी को एंटी करप्शन ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि एसएचओ ने भजनपुरा इलाके में स्थित एक रेस्तरां मालिक से हर महीने 12,000 रुपये रिश्वत मांगी थी। एसआई ने रिश्वत के तौर पर ढाई हजार रुपये भी लिए थे। रेस्तरां मालिक ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्रांच में की थी।

एंटी करप्शन ब्रांच के अडिशनल कमिश्नर एन. दिलीप कुमार के मुताबिक, इस रेस्तरां में 12 केबिन बने हुए हैं। रेस्तरां में आने वाले लोग प्राइवेसी के लिए अक्सर इन्हीं केबिनों में बैठते हैं। पिछले एक-डेढ़ महीने से एसएचओ रेस्तरां मालिक से प्रति केबिन एक हजार रुपये के हिसाब से हर महीने 12 हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था। एसएचओ के कहने पर एसआई त्यागी रेस्तरां मालिक के पास जाकर रिश्वत की मांग करता था। यही नहीं, रिश्वत न देने पर रेस्तरां बंद करवाने की धमकी भी दी जाती।

Uttarakhandi

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« Reply #206 on: February 21, 2009, 11:12:10 AM »
पहाडी लोग भी कम नही रिश्वत लेने में!!

दिल्ली पुलिस के दामन पर एक और दाग। शुक्रवार को नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के भजनपुरा थाने के एसएचओ सूर्य प्रकाश रावत और इसी थाने में तैनात सबइंस्पेक्टर राम कुमार त्यागी को एंटी करप्शन ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया।

That is true that Pahadi log rishwat lene mei kam nahi but are you sure that the person arrested in this case is a pahadi....

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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« Reply #207 on: February 21, 2009, 03:09:59 PM »
VALUE OF THE PARENTS.. its really nice.................
 

A father was sitting on the sofa in his house along with his highly educated son. Suddenly a crow perched on their window.

The Father asked his Son, "What is this?"

The Son replied "It is a crow".
After a few minutes, the Father asked his Son the 2nd time, "What is this?" The Son said "Father, I have just now told you "It's a crow".
After a little while, the old Father again asked his Son the 3rd time, At this time some expression of irritation was felt in the Son's tone when he said to his Father with a rebuff. "It's a crow, a crow". A little after, the Father again asked his Son the 4th time, "What is this?"

This time the Son shouted at his Father, "Why do you keep asking me the same question again and again, although I have told you so many times 'IT IS A CROW'. Are you not able to understand this?"

A little later the Father went to his room and came back with an old tattered diary, which he had maintained since his Son was born. On opening a page, he asked his Son to read that page.. When the son read it, the following words were written in the diary: -

"Today my little son aged three was sitting with me on the sofa, when a crow was sitting on the window. My Son asked me 23 times what it was, and I replied to him all 23 times that it was a Crow. I hugged him lovingly each time he asked me the same question again and again for 23 times. I did not at all feel irritated I rather felt affection for my innocent child".

While the little child asked him 23 times "What is this", the Father had felt no irritation in replying to the same question all 23 times and when today the Father asked his Son the same question just 4 times, the Son felt irritated and annoyed..

So... If your parents attain old age, do not repulse them or look at them as a burden, but speak to them a gracious word; be cool, obedient, humble and kind to them. Be considerate to your parents.

From today say this aloud, "I want to see my parents happy forever. They have cared for me ever since I was a little child. They have always showered their selfless love on me. They crossed all mountains and valleys without seeing the storm and heat to make me a person presentable in the society today".
Say a prayer to God, "I will serve my old parents in the BEST way. I will say all good and kind words to my dear parents, no matter how they behave.

अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #208 on: February 26, 2009, 10:58:17 AM »
नैनो की तैयारी में सेकेंड हैंड बाजार में प्राइस वार

टाटा मोटर्स की सस्ती नैनो के आने से घबराए यूज्ड कार (सेकेंड हैंड) डीलरों ने पिछले कुछ हफ्तों में सेकेंड हैंड गाडि़यों की कीमतों में काफी कमी की है। उद्योग के जानकारों के मुताबिक डीलरों की यही कोशिश है कि इस्तेमाल की जा चुकी कारों की कीमतों को घटाकर 1 लाख रुपए के आसपास लाया जाए ताकि लखटकिया नैनो को टक्कर दी जा सके।

सेकेंड हैंड मिडसाइज कारों के दामों में 25 फीसदी और छोटे कारों की कीमतों में 20 फीसदी तक की कमी आ चुकी है। डीलर 4-5 साल पुरानी फोर्ड आइकॉन, मारुति एस्टीम, ओपल कोरसा या फिएट सिएना मॉडल की सेकेंड हैंड गाडि़यां एक लाख के करीब बेच रहे हैं।

अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #209 on: February 27, 2009, 05:51:17 PM »
अब नोकिया लाएगी लैपटॉप, इरादा पक्का, अमल जल्द

सेलफोन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी नोकिया की नजर अब लैपटॉप मार्केट पर है। फिनलैंड के सरकारी चैनल YLE को दिए एक इंटरव्यू में नोकिया के सीईओ ओली-पिक्का कल्लासुवो ने कहा कि हम इस कारोबार में उतरने के बारे में गंभीरता से और तेजी से विचार कर रहे हैं। पिछले साल के आखिरी दिनों से ही इस बात की चर्चा थी कि नोकिया पर्सनल कंप्यूटर मार्केट में आ सकती है। लेकिन इस बारे में चल रहे प्लान परल पहली बार नोकिया की और से कोई स्पष्टिकरण आया है। नोकिया के सीईओ ने कहा कि अब से पांच साल बाद या उससे भी कम समय में सेलफोन और पर्सनल कंप्यूटर अब की तरह नहीं रहे जाएंगे, क्योंकि इन दोनों डिवाइस का कनवर्जेंस तेजी से हो रहा है। इस समय लाखों ऐसे लोग हैं जिनकी जिंदगी में इंटरनेट का पहला एक्सपिरियंस मोबाइल फोन के जरिए होता है। ये एक अच्छा संकेत है।

नोकिया की ओर ये ये बयान ऐसे समय में आया है, जब दुनिया में तीसरे नंबर की पीसी कंपनी एसर ने आठ सेलफोन लॉन्च किए हैं। इससे पहले हेविट पेकार्ड और लेनेवो ने भी मोबाइल फोन मार्केट में कदम बढ़ाए हैं। स्मार्टफोन बिजनेस में ऊंचे प्रॉफिट मार्जिन की वजह से पीसी कंपनियों का इस बिजनेस में आना समझ में आता है। लेकिन लैपटॉप इंडस्ट्री कम मुनाफे पर चलती है और इसमें सेलफोन कंपनियों का आना उतना स्वाभाविक नहीं है। एनालिस्ट का कहना है कि नोकिया लैपटॉप मार्केट में उतरने को लेकर शायद बहुत कॉन्फिडेंट नहीं है, लेकिन बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन और सप्लाई चेन और डिस्ट्रिब्यूशन की अपनी ताकत के भरोसे वो इस कारोबार में पैर जमाने की कोशिश करेगी। पिछले साल ज्यादार टेक्नॉलॉजी सेक्टर में मंदी रही, लेकिन पर्सनल कंप्यूटर इससे बचा रहा। लेकिन अब स्लोडाउन का असर इस क्षेत्र पर भी पड़ने लगा है।

 

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