राष्ट्रीय स्वयं संघ संचालित विध्या भारती
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सरोज शर्मा-गढ़वाली जन साहित्य-231
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विद्या भारती, भारत मा शिक्षा क क्षेत्र म सबसे बड़ी अशासकीय संस्था च,ऐ क पूर नौं विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान च, ऐ कि स्थापना 1977 म ह्वै,
विद्या भारती क मार्ग दर्शन मा देश क लगभग हजारों से ज्यादा शिक्षा संस्थान काम कना छन, विद्या भारती, शिक्षा क सभी स्तरों प्राथमिक, माध्यमिक, और उच्च स्तर पर काम कनी छन, ऐ का अलावा या शिक्षा क क्षेत्र म अनुसंधान भि करद,विद्या भारती कु अपण अलग शोध विभाग च,
विद्या भारती क तहत, हजारों शिक्षण-परक्षिषण संस्थान संचालित हुंदिन, विद्या भारती-शिशु वाटिका, सरस्वती विद्या मंदिर, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, वरिष्ठ माध्यमिक, संस्कार केंद्र, एकल विद्यालय, पूर्ण एंव अर्ध आवासीय विद्यालय, और महाविद्यालय क छात्रो थैं शिक्षा प्रदान करद।
भारत क सबसे बढ़ गैर- सरकारी संगठन च
आज लक्षद्वीप और मिजोरम थै छोड़िक संपूर्ण भारत म 86 प्रान्तीय और क्षेत्रीय समीतियां विद्या भारती से जुड़ी छन,
यूंका अन्तर्गत कुल मिलैकि 30,000 शिक्षण संस्थाओ मा 9,00,000 शिक्षको क मार्ग दर्शन मा 45 लाख छात्र छात्राये शिक्षा एंव संस्कार ग्रहण कना छन। यूं मा 49 शिक्षक प्रशिक्षक संस्थान एवं महाविद्यालय, 2353 माध्यमिक एंव 923 उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय, 633 पूर्व प्राथमिक एवं 5312 प्राथमिक, 4164 उच्च प्राथमिक, एवं 6127 एकल शिक्षण विद्यालय, और 3679 संस्कार केंद्र छन। आज नगरो और गौं मा वनवासी और पर्वतीय क्षेत्र मा, झुग्गी झोंपड़ीयो मा, शिशु वाटिकाऐ, शिशु मंदिर, विद्या मंदिर, सरस्वति विद्यालय, उच्च्तर शिक्षा संस्थान शिक्षण परक्षिषण केंद्र और शोध संस्थान छन
सरस्वति मंदिरो की संख्या निरंतर बडणी च आज विद्या भारती सबसे बढ़ गैर शिक्षण संगठन बण गै।
इतिहास
1952 म संघ प्रेरणा से कुछ निष्ठावान लोग ऐ पुनीत कार्य मा जुट गैं,राष्ट्र निर्माण क ऐ काम मा लगयां लोगोन नै पीढ़ी थैं सुयोग्य शिक्षा क साथ संस्कार दीण खुण सरस्वति शिशु मंदिर कि आधार शिला गोरखपुर म पांच रूप्या मासिक किरयै क भवन पक्की बाग मा रखिक पैल पैल शिशु मंदिर कि स्थापना कु श्रीगणेश कैर। ऐ से पैल कुरूक्षेत्र मा गीता विद्यालय कि स्थापना 1946 मा ह्वै गै छै,
उत्तर प्रदेश मे शिशु मंदिरो कि संख्या तेजी से बड़ण लगि त और प्रदेशूं मा भि समितियो क गठन ह्वै, पंजाब एंव चंडीगढ मा सर्वहितकारी शिक्षा समीति, हरियाणा म हिन्दू शिक्षा समिती, असम मा शिशु शिक्षा समिती बणीं। ऐ कोशिश से 1977 मा अखिल भारतीय स्वरूप ले ल्या, और विद्या भारती संस्था क प्रादुर्भाव दिल्ली मा ह्वाई, ऐ का बाद सब्या प्रदेश समितियां विद्या भारती से सम्बद्ध ह्वै गिन,
विद्या भारती कि राज्य स्तरीय समितियां
विद्या भारती की राज्य स्तरीय समितियों क अलग अलग नाम च,ऐ नाम वै राज्य क सामाजिक और सांस्कृतिक स्थितियो क प्रतिनिधित्व करदिन,
दिल्ली: हिन्दू शिक्षा समिती दिल्ली, समर्थ शिक्षा समिति,
हरियाणा:हिन्दू शिक्षा समीति हरियाणा, ग्रामीण शिक्षा विकास समिती हरियाणा
पंजाब:सर्व हितकारी शिक्षा समिती
हिमाचल प्रदेश:हिमाचल शिक्षा समिती शिमला
बिहार:भारतीय शिक्षा समिती बिहार, लोक शिक्षा समिती बिहार
जम्मू: भारतीय शिक्षा समिती जम्मू-कश्मीर
मध्यप्रदेश: सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश ग्राम भारती शिक्षा समिती मध्य भारत, सरस्वती शिक्षा परिषद मध्यप्रदेश, केशव शिक्षा समिती महाकौशल, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालवा,ग्राम भारती शिक्षा समिती मालवा
छत्तीसगढ:सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ, सरस्वती ग्राम शिक्षा समिती छत्तीसगढ
झारखंड:वनांचल शिक्षा समिती, विद्या विकास समिती
ओडिशा:शिक्षा विकास समिती
तेलंगना: श्री सरस्वती विद्या पीठम
आन्ध्र प्रदेश:विद्या भारती आंध्रप्रदेश
कर्नाटक: विद्या भारती कर्नाटक
तमिलनाडू:विद्या भारती उत्तर तमिलनाडू,विद्या भारती दक्षिण तमिलनाडू
केरल:भारतीय विद्या निकेतन
उत्तराखंड:भारतीय शिक्षा समिती उत्तरांचल शिशु समिती, जन शिक्षा समिती उत्तरांचल
उत्तर प्रदेश:भारतीय शिक्षा समिती पश्चिमी उत्तर प्रदेश, शिशु शिक्षा समिती पश्चिम उत्तर प्रदेश, जन शिक्षा समिती पश्चिमी उत्तर प्रदेश, शिशु शिक्षा समिती ब्रज प्रदेश, भारतीय शिक्षा समिती ब्रज प्रदेश, जन शिक्षा समिती ब्रज प्रदेश, भारतीय श्री विद्या परिषद उत्तर प्रदेश, शिशु शिक्षा प्रबंध समिती उत्तर प्रदेश, भारतीय शिक्षा समिती उत्तर प्रदेश, भारतीय शिक्षा समिती पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारतीय शिक्षा परिषद, जन शिक्षा समिती अवध प्रान्त, भारतीय शिक्षा समिती कानपुर प्रान्त, जन शिक्षा समिती गोरक्ष प्रान्त, जन शिक्षा समिती काशी प्रान्त,
त्रिपुरा: विद्या भारती शिक्षा समिती त्रिपुरा
अरूणाचल प्रदेश:अरूणाचल शिक्षा विकास समिती
पश्चिम बंगाल:विवेकानंद विद्या ओडिशा
परिषद पश्चिम बंगाल, विद्या भारती उत्तर बंग
अंडमान निकोबार:सरस्वती शिक्षा समिती
सिक्किम: विद्या भारती सिक्किम
महाराष्ट्र: विद्या भारती पश्चिम महाराष्ट्र प्रान्त, विद्या भारती कोंकण,विद्या भारती देवगिरी, विद्या भारती विदर्भ
गोवा: विद्या भारती गोवा
गुजरात: विद्या भारती गुजरात प्रदेश
राजस्थान: विद्या भारती संस्थान जयपुर, विद्या भारती चित्तौड़, विद्या भारती शिक्षा संस्थान जोधपुर
केंद्रीय विषय
संस्कृत शिक्षा
विज्ञान एवं तकनीक शिक्षा
शिशु वाटिका
योग शिक्षा
वैदिक गणित
नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा
कौशल विकास
संगीत शिक्षा
खेल कूद
बालिका शिक्षा
ग्रामीण शिक्षा
प्रारम्भिक शिक्षा
विद्धत परिषद
जनजाति क्षेत्र कि शिक्षा
संस्कृत बोध परियोजना
आचार्य प्रशिक्षण
सेवा
प्रचार विभाग
पंचपदी शिक्षण पद्धति
स्वामि विवेकानंद क अनुसार मनिख क भितर समस्त ज्ञान च वैकु जागृत करण कु उपयुक्त वातावरण निर्मित करण की जरूरत च,ऐ उदेश्य से भारतीय मनोविज्ञान पर आधारित पंचपदी शिक्षा पद्धति से किए ग्या,
1,अधीति-ऐक अंतर्गत आचार्य निर्धारित विषय वस्तु अपणै कि छात्रो क समणि प्रस्तुत करदा छन,
2-बोध कक्षा कक्ष मा हि पठित विषय वस्तु तत्कालिक लिखित मौखिक और प्रयोगिक अभ्यास करयै जांद,
जै से छात्रो थैं अधिगम ज्ञान ह्वा
3- अभ्यास कक्षा कक्ष म संपन्न हूण वलि अधीति और बोध कि प्रकिया क बाद छात्रो थैं विषय वास्तु क ज्ञान थै बणाण वास्ते गृहकार्य दिऐ जांद, जैकु विधिवत निरीक्षण और मूल्यांकन किए जांद।
4- प्रयोग (स्वाध्याय) -छात्र स्व प्रेरणा से अपण अनुसार काम करण कु आनन्द अनुभव कैरदिन इलै विभिन्न विषयो से संबंधित विविध पुस्तको, पत्र पत्रिकाओ आदि क अध्ययन करये जांद।
5- प्रसार-छात्र अर्जित ज्ञान क विस्तार व प्रसार करदिन।