तीले धारो बोला के विषय में हमारी बहस सकारात्मक है .हमारा मकसद किसी की भी भावनाओ को आहत करना नही है .सच्चाई हमेशा कड़वी होती है ,उसे छुपाया नही जा सकता ,उसे स्वीकार करना चाहिए ...
जहाँ भी गीतों में 'तीले धारो बोला 'का प्रयोग हुआ है क्या कोई मुझे बता सकता है वहां उसका मतलब "तूने मेरे बचनो की लाज रखी " ही है ..इसका प्रयोग हमेशा निरर्थक किया गया है ..गीत में सम्पुट के लिए ...
इतिहास सम्मत जानकारी आपके सामने है ,और अन्तिम कत्युरी राजाओं के कुकृत्य से ही 'तीले धारो बोला शब्द की उपत्ति हुयी है ...यह अन्तिम भी है और सर्वमान्य भी ......................