सूबेदार साहब अपनी सूबेदारनी गणेशी को साथ रखे, अचानक युद्ध शुरू होता है, सूबेदार को एकाएक युद्ध में जाना पड़ा! वे गणेशी को गाव के लिए विदाकर रहे है! इस पर यह झोडा !
गणेशी, जा गणेशी घौर!
गणेशी, म्यारा दिलै की प्यारी!
गणेशी, रोटी पकी होटल,
गणेशी, दगडा की सूबेदारनी,
गणेशी, बैठिग्ये मोटर,
गणेशी, जा गणेशी घौर !
गणेशी, त्योली की कडाई,
गणेशी, छोड़ दए मेरु हाथ,
गणेशी, मी जानू लडाई,
गणेशी, हतहु काटी भुजी!
गणेशी, तयार आंसुल,
गणेशी, म्यार तकिया रुजी!
गणेशी, झंगोरी की ब्वोट,
गणेशी, मी जानू लडाई !
गणेशी, चौरो जालो भ्येरो,
गणेशी, नौनो ह्वोलो त्यरो!
गणेशी, गियु रोटी गरम,
गनिशी, मैंन जाण लडाई !
गणेशी, मेरो च धरम
गनिश, देश को धरम!