मेहता जी एक गाना है तो सही थ से पर पूरा बोल याद नही आ रहे है... पहाड़ी मै बोलते है "पेट मै उन मरीछ, मुख मै न उन मार्यो" वही हालत मेरी हो रही है..लग तो रहा है आता है पेर बोल नही पकड़ पा रहा हू . उसके बोल इस तरह से थे
"थामना थामना न थामीनो काली गंगा को पानी हो"
या फीर था, "थामना थामना बगी जाछ, काली गंगा को पानी हो"
जो लोग न्यौली गाते थे वो गाते थे इस गाने को