छ से यह गाना. महराज रजु दा. छम घुगुर बजनी जिथे दुनिया झुकी आली उथे सनी घुर को दुलकी, दुलकी घुरा घुर र से महराज
दाजू, छैला वो मेरी छ्बेली वो मेरी हेमा मालिनी आख़ तेरी काई -२ दिखिछे हाय हाय या बटी महराज ... कर्मा दे दिया मैंने ....हा हा......