ये डांना का पार, लागंछ न्यार-न्यारजब तू ऐ जांछी, ऐ जैंछी बहार, ऐ जैंछी बहार...फिर से "र"मुकेश भाई जैसे सिर्फ तुम और मैं ही खेल रहे हैं वैसे ही वर्ड भी "र" और "य" ही आ रहे हैं. कोई तीसरा नहीं.. हा हा हा!!!