दोस्तों,
उत्तराखंड के लोक संगीत में आज न्योली, हुनकिया बौल, आठो, भगनौल आदि ख़तम होने की कगार पर है! न्योली उत्तराखंड संगीत के वह विधा है जिसमे आमतौर से संगीत नहीं होते है लेकिन यह एक उदासी का प्रतीक है! जिसे आमतौर से महिलाये ही ज्यादे गाती थी! वही हुनकिया बौल जो की खेतो में काम करते समय विशेषकर धान रोपाई के वकत आदमी गाते थे, परन्तु यह भी अब काफी कम दिखाई देता है!
भगनौल, आठो लोग नंदा अष्टमी के दिन खासकर महिलाये गाते थे लेकिन हमारी नयी पीड़ी को आने वाले समय में इन चीजो के नाम पता नहीं रहेगा!
मेरापहाड़ में हम हमारी संस्कर्ती के विलुप्त होती एसे विधाओ की फिर से जीवित करने और उनको बचाए रखने का प्रयास में जुड़े है !
आशा है की आप भी हमारे इस कार्य में हाथ बटायेंगे!
एम् एस मेहता