चिपको की तर्ज पर चले शराब विरोधी आंदोलन
पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि चिपको की तर्ज पर पहाड़ की महिलाओं को शराब विरोधी आंदोलन चलाने की जरूरत है। तभी पहाड़ का समाज इस कुप्रथा से निपट सकता है। श्री भट्ट बछेर में दशोली ग्राम स्वराज्य मंडल की ओर से आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
इस अवसर पर चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि आज जिस प्रकार चमोली जिले के अधिकांश गांवों में शराब विरोधी मुहिम ने जोर पकड़ना शुरू किया है। वह यहां के सामाजिक जीवन के लिए शुभ संकेत है।
पहाड़ की महिलाओं ने पहले कई बड़े शराब विरोधी आंदोलन चलाएं। अब फिर से महिलाओं को यह बीड़ा उठाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव की महिला मंगल दल को यह जिम्मेदारी अपने गांव से उठानी पड़ेगी।
पर्यावरण संरक्षण पर उन्होंने कहा कि अलकनंदा घाटी के 160 ग्लेशियरों में से 15 प्रतिशत ग्लेशियर आज नष्ट हो गए हैं। जंगलों की वृद्धि में चौड़ी पत्ती के वृक्षों के अलावा छोटी वनस्पति का होना भी जरूरी है।
जंगलों के बढ़ने से लोगों की जल एवं दैनिक आवश्यकताओं की सहज पूर्ति होती है। कार्यशाला में विकासखंड दशोली, पोखरी व जोशीमठ की महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर कलावती देवी, विजया भट्ट, मुरारी लाल, डीएस नेगी, बीएस नेगी और राम सिंह गड़िया आदि ने विचार प्रकट किए।
Source Dainik Jagran