यह बड़े हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड मूल के प्रो० पाण्डे को पदमश्री से सम्मानित किया गया है पर मुझे प्रो० पाण्डे जैसे प्रबुद्ध विद्वान को पदमश्री दिये जाने की कोई प्रासंगिकता नजर नही आती जब यही पुरस्कार २५-३० साल की उम्र के खेलने वालों या नाचने गाने वालों (मेरा मतलब खिलाड़ियो या फ़िल्मी कलाकारों से है) को भी दे दिया जाता है। क्या एक ८०-९० साल के विद्वान की तुलना जिसने अपना सारा जीवन साहित्य और समाज की सेवा में लगा दिया हो किसी फ़िल्मी कलाकार/या खिलाड़ी जो करोड़ों नही तो लाखों तो कमाते ही हैं और पैसे के आगे देश उनके लिए कोइ महत्व नही रखता है, एसे लोगों के बराबर है? क्या महेन्द्र सिंह धोनी या कोई फ़िल्मी कलाकार का कुछ वर्षो का योगदान प्रो० पाण्डे के समकक्ष हो सकता है। इस बारे में सरकार को गंभीरता से सोचना होगा, खिलाड़ियों या कलाकारों को सम्मानित किया जाना अच्छी बात है पर उनको पुरस्कृत किये जाने के लिये अलग श्रेणी होनी चाहिये। राष्ट्रीय सम्मान के लिये सामाजिक योगदान देने वाले लोगों को अलग श्रेणी में पुरस्कृत किया जाना चाहिये।
i think this is the best post in context with DR. PANDES PADMASHREE. YES RAJESH I COMPLETELY AGREE WITH YOU ! THIS FACT HAD HIT ME HARD TOO > I MEAN HOW CAN YOU EQUATE THE SENIORITY, WISDOM AND LIFETIE OF DEDICATION OF AN OCTOGENARIAN WITH SOMEONE WHOS PROBABELY JUST THE GAE OR EVEN LESS THAN THE AGE OF dR, sAINE ? tHIS IS BOTH ISNASE AND INSULTING ! SHOWS THE APATHY AND DIS INTEREST OF THE INDIAN GOVERNMENT IN TAKING INTEREST FROM SUCH SELECTIONS ITS AMPLY CLEAR SUCH GOVERNMENT ACCOLADDES ARE MORE OF INSULTS RATHER THAN AWARDS IN THEIR TRUE SENSES !
DR PANDE, AS I WROTE IN MY EARLIER POST, ISNT DEPENDENT ON ANY AWARDS, HE ALREADY HAS BEEN CONFERED WITH DEVERAL INTERLANIONAL AWARDS FOR HIS CONTRIBUTIONS WAY BEGORE !
WHILE DR PANDE AND HIS KINS HUMBLY ACCPT THE TOKEN OF AWARD, ITS HIGH TIME GOVERNMENT OF INDIA SHOULD LEARN HOW TO DISTINGUISH BETWEEN LIFETIME SAADHANA'S OF SENIOR CETIZIONS WITH A SEEMINGLY LOOKING CHILD! . IT NOT IS A MOCKERY OF THE AWARD BUT DILUTES THE VERY AWARD THATS SUPPOSED TO BE TAKEN SERIOUSLY AND WITH ULTIMATE REVERENCE.
THE LOVE OF SO MANY PEOPLE FROM 'PAHADI' COMMUNITY, IN MY VIEW, IS FAR FAR SIGNIFICANT AND PRESTIGIOUS AWARD THAN ALL THE AWARDS CONFERRED ON DR GC PANDE
JAI HIND
JAI UTTRARAKHAND
SHOBHIT PANT