सभी दोस्तों को मेरा प्रणाम,दोस्तों मैं एक महीने से अधिक अपनी जन्मभूमि 'देवभूमि उत्तराखंड' में अपने निजी कार्यों के कारण रहा । वहां पर मैंने ये दिन काफी मौज-मस्ती के साथ व्यतीत किये। आज मैं अपनी कर्मभूमि आ गया हूँ लेकिन मुझे अपनी जन्मभूमि की याद काफी आ रही है। मैं अपने साथ अपनी जन्मभूमि 'देवभूमि उत्तराखंड' की कुछ अनमोल तस्वीरें लाया हूँ; जिन्हें आपको भी प्रस्तुत कर रहा हूँ। धन्यवाद विनोद सिंह गड़िया