Molda Gaav-मोल्डा गाँव लगभग 1,800 मीटर की ऊँचाई पर बसा है। किम्वदन्ती के अनुसार बड़कोट से राजा सहस्त्रबाहु की गायें मोल्डा में चरने आती थीं। इस जल धारा के पास उनकी एक गाय अपने थन से दूध छोड़ती थी। राजा को जब मालूम हुआ तो उक्त स्थान को नष्ट करने के आदेश दे दिये, किन्तु उक्त स्थान पर दो बड़े साँप निकले जो धरती पर आकर मूर्ति के रूप में प्रकट हुए और एक जल धारा भी फूट पड़ी। धारा पत्थर के नक्काशीदार नाग मुख से निकलने लगी। तब से इस धारा को भूमनेश्वर धारा कहते हैं।इस प्रकार देवताओं से जुड़े गागझाला धारा, कन्ताड़ी और पौंटी गाँव का पवनेश्वर धारा, डख्याटगाँव का पन्यारा, सर गाँव के सात नावा, कमलेश्वर धारा, कफनौल का रिंगदूपाणी आदि जल धाराओं का संबंध है