कैलास-मानसरोवर यात्रा के पैदल मार्ग में फेरबदल
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पिथौरागढ़: कैलास-मानसरोवर यात्रा 2011 की तैयारियां शुरू होने लगी हैं। यात्रा के संबंध में गुरुवार को नई दिल्ली में पहली बैठक सम्पन्न हो गई है। इस वर्ष आधार शिविर धारचूला से आगे की पैदल यात्रा मार्ग में आंशिक परिवर्तन किया गया है। 7वीं वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सेनानी विश्वनाथ आनंद ने बताया कि अब यात्रा वाया पांगला के बजाय पांगू नारायणआश्रम होते हुए संचालित की जाएगी। यात्रा में जाते समय कालापानी पड़ाव नहीं रहेगा। यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए इस वर्ष व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। यात्रा में 18 से 70 वर्ष तक के ही यात्री भाग ले सकेंगे।
विदेश मंत्रालय के निदेशक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वर्ष 2011 की कैलास-मानसरोवर यात्रा के लिए रूपरेखा तय की गई। धारचूला से आगे की यात्रा में पांगला मार्ग के अधिकांश बंद रहने के कारण इस बार यात्रा वाया नारायणआश्रम होते हुए संचालित होगी। जिसके चलते इस बार पांगू और सिर्खा दो पड़ाव बढ़ जाएंगे। तीसरे दिन का पड़ाव गाला होगा। मालूम हो कि अभी तक गाला प्रथम पैदल पड़ाव होता था। इस बार जाते समय कालापानी भी पड़ाव नहीं रहेगा। दल एक दिन गुंजी में विश्राम करने के बाद सीधे अंतिम भारतीय पड़ाव नाभीढांग पहुंचेगा। जहां से यात्री लीपूलेख दर्रा पार कर तिब्बत में प्रवेश करेंगे।
बैठक में शामिल 7वीं वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सेनानी विश्वनाथ आनंद ने बताया कि पांगू और सिर्खा पड़ावों के रखरखाव और मरम्मत के केएमवीएन को निर्देश दे दिए गये हैं। जनवरी माह में विदेश मंत्रालय की एक टीम पिथौरागढ़ पहुंच कर दोनों पड़ावों का निरीक्षण करेगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष से यात्रियों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है। चीन के साथ हुए करार के अनुसार नौ सौ यात्री कैलास-मानसरोवर के दर्शन कर सकते हैं। जिसे देखते हुए इस बार यात्रा के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यात्रा संचालक कुमाऊ मंडल विकास निगम को 27 सीटर नई बसें खरीदने को कहा गया है। इस वर्ष से यात्रियों को काठगोदाम से नारायणआश्रम तक इन्हीं बसों से पहुंचाया जाएगा। यात्रा प्रतिवर्ष की भांति एक जून से शुरू होगी और सोलह यात्रा दल यात्रा में जाएंगे। बैठक में पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी एनएस नेगी, एमडी केएमवीएन, 7वीं बटालियन मिर्थी के सेनानी एवं नोडल अधिकारी विश्वनाथ आनंद, दिल्ली हार्ट एवं लंग्स इंस्टीट्यूट के चिकित्सक, मुख्य अभियंता लोनिवि सहित विदेश मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।
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2011 में इस तरह रहेगा पैदल यात्रा का रूट
पिथौरागढ़: कैलास-मानसरोवर यात्रा 2011 के रूट में किए गये आंशिक परिवर्तन सेजहां दो पैदल पड़ावों में वृद्धि होगी वहीं एक पैदल पड़ाव कम हो जाएगा। नये निर्णय के अनुसार भारतीय क्षेत्र में रूट इस तरह रहेगा।
-पहला पड़ाव आधार शिविर धारचूला से पांगू
-दूसरा पड़ाव पांगू से सिर्खा
-तीसरा पड़ाव सिर्खा से गाला
-चौथा पड़ाव गाला से बूंदी
- पांचवां पड़ाव बूंदी से गुंजी
- छठा पड़ाव गुंजी से नाभीढांग
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6970216.html