This is the news about the Mahayagya Held in Kali Mandir during Mar 2011
This Yagya held after every 12 yrs.
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गुप्तकाशी (रुद्रप्रयाग), निज प्रतिनिधि : ऊखीमठ प्रखंड सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में कालीमाई की देवरा यात्रा के पश्चात क्षेत्र की खुशहाली एवं विश्व कल्याण के लिए विशाल अयुत महायज्ञ में प्रतिदिन एक हजार से अधिक आहुतियां दी जा रही हैं। 12 को जल यात्रा व 13 मार्च को पूर्णाहुति के साथ यज्ञ का समापन किया जाएगा। यज्ञ में देश-विदेश के साथ ही स्थानीय श्रद्धालु काफी संख्या में पहुंच रहे हैं।
उत्तराखंड के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में लगभग 22 वर्षो बाद हो रहे अयुत्त महायज्ञ पंचगाई क्षेत्र कालीमठ, बेडूला, ब्यूंखी-कुणजेठी, जग्गी बगवान, कविल्ठा व श्री बद्री केदार मंदिर समिति के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है। इस महायज्ञ में पंचगाई के ग्रामीणों एवं श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी मात्रा में घी, जौ, तिल, लकड़ी, चावल, आटा, हवन समेत कई सामग्री दान में दी जा रही है। इस महायज्ञ में पित्रों यज्ञ पुरुष, अग्नि देवता, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, नवग्रह व काल भैंरव सहित सभी देवी देवताओं की प्रतिदिन विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। प्राचीन यज्ञ कुंड के समीप स्थित सरस्वती मंदिर में मां भगवती की उत्सव डोली त्रिवेणी स्नान के बाद यज्ञ में बैठती है। यज्ञ को संपन्न करने में देवशाल के आचार्यो, ह्यूण के ब्रह्माओं, कविल्ठा के पुजारियों, कोठेडा, अन्द्रवाडी, कुणजेठी, रढ़वा, कोटमा, खोनू, दिलमी आदि स्थानों के लगभग 51 पंडितों की ओर से वेद मंत्रोंच्चारण के साथ प्रतिदिन एक हजार से अधिक आहुतियां देकर यज्ञ संपन्न करवाया जा रहा है। जो क्षेत्र की खुशहाली, समृद्धि व विश्व कल्याण के लिए बहुत लाभदायक हैं।
मान्यता है कि देवरा यात्रा के बाद होने वाले इस महा अयुत्त यज्ञ में जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ तन, मन व धन से भाग लेकर, पवित्र काली तीर्थ में दान पुण्य करता है। उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। इस अवसर पर देवरा यात्रा व यज्ञ अध्यक्ष सोबन सिंह राणा ने बताया कि यज्ञ में 12 को विशाल जल यात्रा, 13 को पूर्णाहुति तथा 14 मार्च को विशाल ब्रह्मभोज का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर यज्ञ में पंचगाई के हक हकूकधारी, ग्रामीण तथा श्री बद्री केदार मंदिर समिति के पदाधिकारी यज्ञ में प्रतिभाग कर रहें है।