तीर्थनगरी पहुंचा रमते पंचों का काफिला
सोमवार को दशनाम संन्यासी परंपरा के दो अखाड़ों श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के रमते पंचों ने तीर्थनगरी में प्रवेश किया। सुबह करीब साढ़े नौ बजे श्री निरंजनी अखाड़ा मायापुर से करीब दो सौ रमता पंचों का काफिला कनखल बाईपास और दादूबाग से होता हुआ नत्थावाला बाग में पहुंचा।
रास्ते में कई जगहों पर निरंजनी अखाड़े के रमता पंचों का स्वागत किया गया। नत्था वाला बाग को फूलों की मालाओं और बिजली की लडि़यों से सजाया गया था।
श्री निरंजनी अखाड़ा के रमता पंचों के श्रीमहंत नीलकंठ वन महाराज, महंत रविंद्र पुरी, महंत अजय भारती, महंत बृजराज गिरि, महंत अरविंद पुरी निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत त्रयंबक भारती, महंत ललता गिरि, महंत रामानंदपुरी, सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित थे।
रमता पंचों के जुलूस के आगे एक घोड़े पर अखाड़े के निशान देवता और दूसरे घोड़े पर नगाड़े को लकर दो महात्मा चल रहे थे। तुरही, नागफनी, शंखघंट बजाते हुए अखाड़े के साधु पारंपरिक अस्त्र शस्त्र लेकर चल रहे थे।
कनखल दादूबाग में स्थित नत्थावाला बाग पहुंचने पर स्थानीय नागरिकों ने संतों का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। वैदिक विधि विधान के साथ रमता पंचों ने अपने डेरे में अपने देवता का अस्थाई मंदिर स्थापित किया। रमता पंचों का डेरा साढ़े बारह बजे दोपहर नत्थावाला बाग पहुंचा।
श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा का डेरा दोपहर बारह बजे संन्यास मार्ग कनखल स्थित रामबाग से रामकिशन मिशन चौराहे से होता हुआ महात्मा गांधी स्थित गंगा बाग में पहुंचा, जहां पर अखाड़े के साधु संतों और स्थानीय नागरिकों ने रमता पंच का स्वागत किया।