महाकुंभ: शाही स्नान आज
वह घड़ी आ गई जिसका सभी को इंतजार था। शुक्रवार को जब सूरज अपनी आंखें खोलेगा तो कुछ अलग ही उत्साह और रोमांच लिए हुए होगा। पहले शाही स्नान पर महाकुंभ का यह शहर उल्लास के वातावरण में रंग जाएगा। सात संन्यासी अखाड़ों के साथ पहली बार वैरागी, उदासीन और निर्मल परंपरा के अखाड़े भी स्नान करेंगे। लाखों श्रद्धालुओं की डुबकी भी लगेगी।
रेल और बसों से श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो चुकी है। पहले शाही स्नान को सकुशल संपन्न कराने को कुंभ मेला क्षेत्र को 10 जोन और 32 सेक्टरों में बांटा गया है। उत्तराखंड की सीमा पर जबरदस्त चौकसी है। शिवरात्रि की वजह से शिवालयों पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। पहले शाही स्नान पर अखाड़ों की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार की मध्यरात्रि से बड़े वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा, जबकि कुंभ शहर के यातायात में बदलाव किया गया है।
महाकुंभ का पहला शाही स्नान हरकी पैड़ी पर पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू होकर अनवरत शाम 4.30 बजे तक चलता रहेगा। जूना, आह्वान, अग्नि, निरंजनी, आनंद, महानिर्वाणी और अटल अखाड़े स्नान करेंगे। पहली बार हरिद्वार कुंभ में सात संन्यासी अखाड़ों के साथ वैरागी, उदासीन और निर्मल परंपरा के अखाड़े भी डुबकी लगाएंगे
। इस दौरान सुबह आठ बजे से पहले और 4.30 के बाद ब्रह्मकुंड में आम श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। हालांकि अन्य घाटों पर स्नान अनवरत चलता रहेगा। चूंकि शाही स्नान के दिन ही शिवरात्रि का भी त्योहार है, इसलिए श्रद्धालुओं की आमद भी लाखों की तादाद में होगी। शिवालयों और हरकी पैड़ी सहित रेलवे-रोडवेज और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दस जोन और 32 सेक्टरों में मेला क्षेत्र को बांटा गया है।
उत्तराखंड की सीमा पर पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती कर दी गई है। वाहनों की चेकिंग के बिना उन्हें घुसने की इजाजत नहीं होगी। गुरुवार की रात से भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली, देहरादून, हिमाचल, गढ़वाल, सहारनपुर मार्ग सहित अन्य से आने वाले श्रद्धालुओं को डाइवर्ट रूट से महाकुंभ के शहर में आना पड़ेगा। शहर में सार्वजनिक परिवहन के लिए केवल सिटी बसें सहारा बनेंगी। हरिद्वार में सिटी बसों की व्यवस्था की गई है।