नाकुरी के बैकोडी नामक स्थान पर मूल नारायण भगवान् के मन्दिर की स्थापना
कहा जाता है की संगाद मे नौलिंग जी के अवतार के बाद चारो ओर राक्षसों का एक -२ अंत हो जाता है! सिर्फ़ बैकोडी ग्राम की जनता तथा नौकुरी के कुछ जनता तकलीफ अभी भी शेष रही थी ! मूल नारायण जी की कृपा से यह तकलीफ भी दूर हो जाती है ! लेकिन बैकोडी गाव की एक बहु जिसका दानपुर भनार क्षेत्र मे मायका था! वह जब भी अपने मायके जाती थी तो आनाज माग के लाती थी! हर बार उसके माँ बाप उसे अनाज दे देते थे ! परन्तु एक बार उसके माँ बाप आख़िर पूछ डालते है कि बेटी तुम्हारे यहाँ आनाज नही होता है, क्या तुझे भर पेट भोजन नही मिलता है, तो यह बेटी रो पड़ती है और कहती है बापू आप लोगो ने मुझे एसे जगह विवाया है जहाँ पर फसल तो बहुत अच्छी होती है लेकिन हर बार फसल काटने वक्त भारी ओले गिरते है और सारा फसल नष्ट हो जाती है !
तब इस औरत कि माँ उसे रोते हुए समझाती है बेटा हमारे क्षेत्र मे भगवान् मूल नारायण जी एव उनकी पुत्रो ने अवतार लिया है वे सारे क्षेत्र कि जनता के दुखो का निवारण कर रहे है ! तो एक काम कर मेहल ( नाशपाती प्रजाति के वृक्ष ) वृक्ष कि टहनी ले जा और पाती के साथ चुचाप अपने खेत मे लगा दे और साथ ही मूल नारायण भगवान् का नाम लेकर भगवान् के प्राथना कर कि " उसके इलाके मे डाव ( ओले) से उनके फसलों कि रक्षा करे !
यह लड़की अपने माता - पिता के बताये अनुसार यही काम करती है और भगवान् मूल नारायण जी कि कृपा से बैकोडी गाव मे फसल के समय पर अब ओला वृष्टि होना बंद हो गया और लोगो के आनाज के भण्डार भरने लगे !
अब लोगो ने इस लड़की से पूछना आरंभ कर दिया तो इसने सारी जनता को भगवान् के इस चमत्कार की इस बात को बता दिया तो लोगो ने अपने गाव के ऊपर मूल नारायण भगवान् जी का मन्दिर बनवाया और तब से बैकोडी मे अभी अकाल नही पड़ा!