लक्ष्मी आश्रम,कौसानी उत्तराखंड कैसे पड़ा इस आश्रम का नाम
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यह आश्रम सरला आश्रम के नाम से भी प्रसिद्ध है। सरलाबेन ने 1964 में इस आश्रम की स्थापना की थी। सरलाबेल का असली नाम कैथरीन हिलमेन था और बाद में वे गांधी जी की अनुयायी बन गई थी।
यहां करीब 70 अनाथ और गरीब लड़कियां रहती है और पढ़ती हैं। ये लड़कियां पढ़ने के साथ-साथ सब्जी उगाना, जानवर पालना, खाना बनाना और अन्य काम भी सीखती हैं। यहां एक वर्कशॉप है जहां ये लड़कियां स्वेटर, दस्ताने, बैग और छोटी चटाइयां आदि बनाती हैं।